Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

सरस्वती चालीसा – Saraswati Chalisa Lyrics in Hindi

सरस्वती चालीसा – Saraswati Chalisa

Saraswati Chalisa  in Hindi – अगर आप माँ सरस्वती जी की पूजा साधना में Saraswati Chalisa Lyrics का पाठ करते हैं तो अत्यधिक फलदाई होता है. माँ की आराधना में Maa Saraswati Chalisa का विशेष महत्त्व है.

सरस्वती चालीसा – Saraswati Chalisa Lyrics

|| चौपाई ||

जय श्रीसकल बुद्धि बलरासी. जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी.

जय जय जय वीणाकर धारी. करती सदा सुहंस सवारी.

रुप चतुर्भुज धारी माता. सकल विश्व अन्दर विख्याता.

जग में पाप बुद्धि जब होती. तबही धर्म की फ़ीकी ज्योति.

तबहि मातु का निज अवतारा. पाप हीन करती महितारा.

बाल्मिकि जी थे हत्यारा. तव प्रसाद जानै संसारा

रामचरित जो रचे बनाई. आदि कवि पदवी को पाई.

कालीदास जो भये विख्याता. तेरी कृपा दृष्टि से माता.

तुलसी सूर आदि विद्वाना. भये और जो ज्ञानी नाना.

तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा. केवल कृपा आपकी अम्बा.

करहु कृपा सोई मातु भवानी. दुखित दीन निज दासहि जानी.

पुत्र करई अपराध बहूता. तेहि न धरई चित्त सुन्दर माता.

राखु लाज जननि अब मेरी. विनय करउ भाँति बहुतेरी.

मैं अनाथ तेरी अवलंबा. कृपा करहु जय जय जगदम्बा.

मधुकैटभ जो अति बलवाना. बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना.

समर हजार पांच में घोरा. फ़िर भी मुख उनसे नही मोरा.

मातु सहाय कीन्ह तेहि काला. बुद्धि विपरीत भई खलहाला.

तेहि ते मृत्यु भई खल केरी. पुरवहु मातु मनोरथ मेरी.

चंड मुंण्ड़ जो थे विख्याता. छण महु संहारेउ माता.

रक्त बीज से समरथ पापी. सुरमुनि हृदय धरा सब काँपी.

काटेउ सिर जिम कदली खम्बा. बार बार बिनऊं जगदम्बा.

जग प्रसिद्धि जो शुंभ निशुंभा. क्षण में वधे ताहि तू अम्बा.

भरत-मातु बुद्धि फ़ेरेऊ जाई. रामचन्द्र वनवास कराई.

एहिविधि रावन वध तू कीन्हा. सुर नर मुनि सबको सुख दीन्हा.

को समरथ तव यश गुन गाना. निगम अनादि अनन्त बखाना.

विष्णु रुद्र अज सकहिन हमारी. जिनकी हो तुम रक्षाकारी.

रक्त दन्तिका और शताक्षी. नाम अपार है दानव भक्षी.

दुर्गम काज धरा पर कीन्हा. दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा.

दुर्ग आदि हरनी तू माता. कृपा करहू जब जब सुखदाता.

नृप कोपित को मारन चाहै. कानन में घेरे मृग नाहै.

सागर मध्य पोत के भंजे. अति तुफ़ान नहिं कोऊ संगे.

भूत-प्रेत बाधा या दुःख में. हो दरिद्र अथवा संकट में.

नाम जपे मंगल सब होई. संशय इसमें करइ न कोई.

पुत्रहीन जो आतुर भाई. सबै छाँड़ि पूजें एहि माई.

करै पाठ नित यह चालीसा. होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा.

धूपादि नैवेद्य चढ़ावै. संकट रहित अवश्य हो जावै.

भक्ति मातु की करैं हमेशा. निकट न आवै ताहि कलेशा.

बंदी पाठ करें सत बारा. बंदी पाश दूर हो सारा.

रामसागर बाधि हेतु भवानी. कीजै कृपा दास निज जानी.

 ॥ दोहा ॥

मातु सूर्य कान्त तव, अन्धकार मम रुप ।

डूबन से रक्षा करहु परुं न मैं भव कूप ॥

बलबुद्घि विघा देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु ।

रामसागर अधम को आश्रय तू दे दातु ॥

यह भी पढ़े – 

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00