बुद्ध पूर्णिमा – Buddha Purnima
वैशाख मास की पूर्णिमा को गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है | इसलिए वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है | कहते है इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी| जहां विश्वभर में बौध धर्म के करोड़ों अनुयायी और प्रचारक है वहीँ उत्तर भारत के हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा बुद्ध को विष्णुजी का नौवा अवतार माना कहा गया है |
बुद्ध पूर्णिमा हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है. वैसे तो हर महीने आने वाली पूर्णिमा खास होती है, लेकिन वैशाख की बुद्ध पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है. बताया जाता कि इस दिन गंगा स्नान करने से जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का संचार होता है |
शांति की खोज में कपिलवस्तु के राजकुमार सिद्धार्थ 27 वर्ष की उम्र में घर-परिवार, राजपाट आदि छोड़कर चले गए थे| भ्रमण करते हुए सिद्धार्थ काशी के समीप सारनाथ पहुंचे जहाँ उन्होंने धर्म परिवर्तन किया| यहाँ उन्होंने बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचें कठोर तप किया| कठोर तपस्या के बाद सिद्धार्थ को बुद्धत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह महान सन्यासी गौतम बुद्ध के नाम से प्रचलित हुए और अपने ज्ञान से समूचे विश्व को ज्योतिमान किया |
बुद्ध पूर्णिमा तिथि व मुहूर्त 2019
बुद्ध पूर्णिमा तिथि – 18 मई 2019
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 04:10 (18 मई 2019)
पूर्णिमा तिथि समाप्ति – 02:41 (19 मई 2019)
इस दिन गौतम बुद्ध की 2581वीं जयंती मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा से जुड़ी मान्यताएं
बुद्ध पूर्णिमा से कई सारी मान्यताएं जुड़ी हैं, बताया जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने अपने 9वां अवतार लिया था | ये अवतार भगवान बुद्ध के नाम से लोकप्रिय है, इतना ही नहीं इसी दिन भगवान बुद्ध ने मोक्ष प्राप्त किया था, इस दिन को लोग सत्य विनायक पूर्णिमा के तौर पर भी मनाते हैं |
बुद्ध पूर्णिमा के शुभावसर पर मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है| सभी बुद्ध की प्रतिमा का जलाभिषेक करते है और फल, फूल, धुप इत्यादि चढाते हैं | बौध श्रद्धालु इस दिन ज़रुरतमंदों की सहायता करते हैं और कुछ श्रद्धालु इस दिन जानवरों-पक्षियों को भी पिंजरों से मुक्त करते है और विश्वभर में स्वतंत्रता का सन्देश फैलाते हैं |
बताया जाता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत करने से गरीबी दूर होती है और घर में सुख समृद्धि आती है. इस दिन कई धर्मराज गुरु की पूजा भी करते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से धर्मराज गुरु खुश होते है और लोगों लोगों को अकाल मृत्यु का डर नहीं होता.
बुद्ध पूर्णिमा पूजा विधि
- इस दिन बौद्ध घरों में दीपक जलाए जाते हैं और फूलों से घरों को सजाया जाता है।
- दुनियाभर से बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया आते हैं और प्रार्थनाएँ करते हैं।
- मंदिरों व घरों में अगरबत्ती लगाई जाती है। मूर्ति पर फल-फूल चढ़ाए जाते हैं और दीपक जलाकर पूजा की जाती है।
- बोधिवृक्ष की पूजा की जाती है। उसकी शाखाओं पर हार व रंगीन पताकाएँ सजाई जाती हैं। जड़ों में दूध व सुगंधित पानी डाला जाता है। वृक्ष के आसपास दीपक जलाए जाते हैं।
- इस दिन किए गए अच्छे कार्यों से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- पक्षियों को पिंजरे से मुक्त कर खुले आकाश में छोड़ा जाता है।