म्हारे सिर पर है बाबा जी रो हाँथ
कोई तो म्हारो काई करसी
जै कोई म्हारे श्याम धनि नै साँचे मन से ध्यावे
काल कपाल भी साँवरिये के भगतां से घबरावे
जै कोई पकड़्यो है बाबा जी रो हाँथ
बीको तो कोई काई करसी
म्हारे सिर पर है बाबा जी रो हाँथ
कोई तो म्हारो काई करसी
जो आंपे बिस्वास करे वो खूंटी तान के सोवे
बठे प्रवेश करे ना कोई बाल ना बांको होवे
जाके मन में नहीं है विस्वास
बांको तो बाबो काई करसी
म्हारे सिर पर है बाबा जी रो हाँथ
कोई तो म्हारो काई करसी
कलयुग को यो देव बड़ो, दुनिया में नाम कमायो
जद जद भीड़ पड़ी भगतां पर, दौड्यो दौड्यो आयो
यो तो घट घट की जाने सारी बात
कोई तो म्हारो काई करसी
म्हारे सिर पर है बाबा जी रो हाँथ
कोई तो म्हारो काई करसी