बाबा श्याम पे भरोसा,
किए जा तू।
तर्ज – दिल ऐसा किसी ने मेरा तोडा।
श्लोक – श्याम की सच्ची,
आस है जिसको,
श्याम पे ही विश्वास,
सच्ची निष्ठा श्याम की जिसको,
श्याम करे ना निराश।
बाबा श्याम पे भरोसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू,
मान ले पालनहारा,
वो है तेरा नहीं कुछ भी तू,
बाबा श्याम पे भरोंसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू।।
तेरी नैया का खेवनहार है,
उसने हांथो में ले ली पतवार है,
हाय तूफानों से डरता क्यूँ,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू,
बाबा श्याम पे भरोंसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू।।
गिरिराज धरण कब रूप धरे,
इंद्र के कोप से तेरी रक्षा करे,
लीलाधारी की लीला देखे जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू,
बाबा श्याम पे भरोंसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू।।
है वो जिसका सहारा वो डूबा नहीं,
वो लड़ता गया कभी टुटा नहीं,
वो है हारे का सहारा मान ले तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू,
बाबा श्याम पे भरोंसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू।।
बाबा श्याम पे भरोंसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू,
मान ले पालनहारा,
वो है तेरा नहीं कुछ भी तू,
बाबा श्याम पे भरोसा,
किए जा तू,
जैसे राखे वो ख़ुशी से,
जिए जा तू।।