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त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष

रुद्राक्ष

रुद्राक्ष शब्द दो शब्दों ‘रुद्र’ और ‘अक्ष’ से बना है जहां रुद्र भगवान शिव का नाम है और अक्ष का अर्थ है आंसू। रुद्राक्ष को प्राचीन काल से आभूषण के रूप में, सुरक्षा के लिए, ग्रह शांति के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतिनिधित्व करता है। इसे धारण करने का अर्थ है देवो के देव महादेव का आशीर्वाद प्राप्त करना। हिंदू पौराणिक कथाओं में रुद्राक्ष का अत्यधिक महत्व है। इन्हें बेहद शक्तिशाली माना जाता है। रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जाओं का सफाया करते हैं और उनके पहनने वाले की रक्षा करते हैं।

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्वरुप हैं। यह रुद्राक्ष त्रिमूर्ति का स्वरूप माना जाता है

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष में एक, चौदह और गौरी शंकर रुद्राक्ष के गुण समाए होते हैं। इसे धारण करने से त्रिदेवों कि कृपा प्राप्त होती है।

राशि के अनुसार – त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है।

लग्न के अनुसार – त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है।

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – महामृत्‍यंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥

इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

सावधान रहे – रत्न और रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रत्न और रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रत्न और रुद्राक्ष ख़रीदे, अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

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त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष कौनसे देवी-देवता का प्रतिक है?

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्वरुप हैं। यह रुद्राक्ष त्रिमूर्ति का स्वरूप माना जाता है
त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष में एक, चौदह और गौरी शंकर रुद्राक्ष के गुण समाए होते हैं। इसे धारण करने से त्रिदेवों कि कृपा प्राप्त होती है।

राशि के अनुसार त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष किसको धारण करना चाहिए?

राशि के अनुसार – त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है।

लग्न के अनुसार त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष किसको धारण करना चाहिए?

लग्न के अनुसार – त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है।

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष धारण करने मंत्र?

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष धारण करने का मंत्र – महामृत्‍यंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥
इस मंत्र का १०८ बार उच्चारण करके रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।

असली त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष कहा से ख़रीदे?

असली और सर्टिफाइड त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष खरीदने के लिए सिर्फ जेम्स फॉर एवरीवन पर भरोसा करें। हमारे यहाँ आपको सभी प्रकार के रुद्राक्ष होलसेल भाव में मिल जाएंगे। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – 08275555557, 08275555507

त्रिजुगी (त्रिजुटी) रुद्राक्ष खरीदने से पहले ये जरुर ध्यान दे?

रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रुद्राक्ष खरीदें के लिए सिर्फ जेम्स फॉर एवरीवन पर भरोसा करें, अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें – 08275555557, 08275555507

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