चार मुखी रुद्राक्ष सबसे महत्वपूर्ण रुद्राक्ष है, जो वर्तमान जीवन को बेहतर बनाने में मदद करता है और समृद्धि-विकास का वादा करता है। इस रुद्राक्ष में 4 धारियां होती हैं इसे चतुर्मुख ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है। यह रुद्राक्ष चार वर्ण, चार आश्रम यानि ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास के द्वारा पूजित और परम वंदनीय है।
चार मुखी रुद्राक्ष का अधिपति ग्रह बुध है, जिस कारण यह आपको शिक्षा के क्षेत्र में सफलता दिलाने में, बुध के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए उत्तम है। जिन बच्चों का मन पढ़ने में नहीं लगता है या फिर बोलने में अटकता है उसे यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। इसको धारण करने से व्यभिचारी भी ब्रह्मचारी और नास्तिक भी आस्तिक हो जाता है। यह इंद्रियों को जगाने और जीवन के उद्देश्य के बारे में अधिक जागरूक बनने में मदद करता है।
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चार मुखी रुद्राक्ष बृस्हपति ग्रह से जुडा है जो समृद्धि, धन और अच्छाई का प्रतीक है। इस प्रकार का रुद्राक्ष अंतर्मुखी लोगों को बर्हिमुखी बनाने और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करता है।
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चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे
यह रुद्राक्ष लोगों को शर्मीले और कमजोर स्वभाव से उबरने में मदद करता है इस रुद्राक्ष को धारण करने से धारक को जीव हत्या के पाप से मुक्ति भी मिल जाती है यह रुद्राक्ष पहनने वाले को आध्यात्मिक विश्वास और अंतर्दृष्टि विकसित करने में मदद करता है यह रुद्राक्ष पहनने वाले को मनोरोग, मस्तिष्क विकार, लकवा, त्वचा रोग, नासिका रोग और दमा रोगों से बचाता है यह रुद्राक्ष पहनने वाले को आत्मविश्वास औऱ रचनात्मकता प्राप्त करने में मदद करता है यह रुद्राक्ष बुद्धि के साथ-साथ मेमोरी, मुखर प्रदर्शन का विस्तार करता है यह रुद्राक्ष बेहतर निर्णय लेने के लिए लोगों को मजाकिया बनाने में मदद करता है लेखकों, छात्रों, विद्वानों, शोधकर्ताओं और पत्रकारों को इसे धारण करने की सलाह दी जाती है यह रुद्राक्ष गले संबंधी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है यह रुद्राक्ष सांस से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए मदद करता है यह रुद्राक्ष का एक मुख्य लाभ यह है कि यह संचार को बढ़ाता है यह रुद्राक्ष उन लोगों के बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता ह जो बौद्धिक रूप से सुस्त हैं
किन जातकों को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए
राशि के अनुसार – मिथुन राशि, कन्या राशि वालों को चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए लग्न के अनुसार – मिथुन लग्न, कन्या लग्न वालों को चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए नक्षत्र के अनुसार – आष्लेषा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, रेवती नक्षत्र वालों को चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए मूलांक अंक 5 वालों को चार मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
चार मुखी रुद्राक्ष को धारण की विधि
चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का शुभ दिन गुरुवार है। प्रातकाल स्नानादि और स्वच्छ कपड़े पहनने के बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैंठे और ‘ओम ह्रीं नमः ‘ का 108 बार जाप करें। आमतौर पर प्रत्येक रुद्राक्ष को सोने या चांदी में गड़कर रेशम या ऊनी धागे में धारण करने की सलाह दी जाती है। चार मुखी रुद्राक्ष को “ॐ ब्रह्म देवाय नम:” मंत्र से अभिमंत्रित करके धारण करना अति आवश्यक है। इस प्रकार प्रत्येक रुद्राक्ष का अधिक लाभ पाने के लिए उसे विधि पूर्वक पहनना अति आवश्यक होता है.
सावधान रहे – रत्न और रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रत्न और रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रत्न और रुद्राक्ष ख़रीदे, अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
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