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सावन सोमवार अमावस्या 2023 :आज सावन के दूसरे सोमवार पर बने 4 शुभ संयोग
Sawan Somawar Amavasya 2023 Aaj Ban Rhe Hai 4 Shubh Sanyog
17 जुलाई 2023 को सावन महीने के दूसरे सोमवार पर शिव भगवन का व्रत रखा जाएगा। सावन में सोमवार के दिन शिव भगवन की जल, दूध, दही और बिलपत्र चढ़ा कर पूजा और व्रत करने से साधक की सभी मनोकमाएं पूरी होती हैं।
सावन महीने का महत्व – Sawan Mhine ka Mahtav
सावन महीने को हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और शुभ महीना माना जाता है। क्योकि इस महीने भगवान शिव की अराधना पुरे भक्ति भाव से की जाती है और इस महीने शिव की पूजा करने का विशेष फल प्राप्त होता है। भगवान शिव को भी सावन महीना विशेष पसंद है.कुछ शिव भक्त इस महीने पवित्र नदियों से शिव भगवान को जल चढ़ाने के लिए कावड़ लाते जो पूरी श्रद्धा से शिवलिंग पे जल चढ़ाते है और व्रत रखते हैं। इस साल सावन महीना बहुत खास महीना हो रहा है क्योकि इस वर्ष 2 सावन महीने का संयोग बना है। जो शिव की आराधना करने का और शिव कृपा पाने का सबसे महान महीना होगा इस साल सावन 04 जुलाई से हुई है और 31 अगस्त तक सावन 59 दिन तक रहेगा।
2023 सावन के दिन का सबसे खास दिन
हरियाली अमावस्या का दिन है। आज सावन के महीने में दूसरा सोमवार भी है। इस दिन का महत्व है क्योंकि सावन सोमवार के दिन हरियाली अमावस्या हो रही है। यह एक बेहद शुभ और अद्भुत संयोग माना जाता है। इसे सोमवती अमावस्या भी कहते हैं। इस महीने में भगवान शिव की पूजा-आराधना और पितरों के तर्पण का विशेष महत्व होता है। यह दिन स्नान और दान करने की परंपरा होती है। भक्त नदी में जाकर स्नान करते हैं। आज के दिन इसके लिए शुभ मुहूर्त भी हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। अपने घर में अन्न और जल का दान करने से भी अच्छे परिणाम मिलते हैं। इस दिन पौधे लगाने का भी महत्व होता है। इससे आपको कष्टों से छुटकारा मिलता है। इसलिए आज आप घर में बेलपत्र का पौधा लगा सकते हैं।
शुभ मुहूर्त- Shubh Mhurat
इस बार हरियाली अमावस्या के दिन दो शुभ मुहूर्त हैं जब स्नान और दान किए जा सकते हैं। पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा और दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 1 मिनट से 17 बजकर 44 मिनट तक चलेगा। आप इस दिन अन्न और जल का दान कर सकते हैं।
4 शुभ संयोग सावन के सोमवार पर
17 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार है और आज 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन सावन महीने की हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या है, जो बहुत शुभ मानी जाती हैं। इसके साथ ही रुद्राभिषेक के लिए शिववास और पुनर्वसु नक्षत्र भी मौजूद हैं।
आज सावन के महीने में सोमवार होने के कारण भगवान शिव की पूजा-आराधना करना बेहद शुभ माना जाता है। भगवान शिव के सामने बेलपत्र चढ़ाया जाता है और फूल-फल अर्पित किए जाते हैं। भक्त शिव मंत्रों का जाप करके पूजा करते हैं और शिव आरती भी उतारते हैं। हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इसके द्वारा कहा जाता है कि ऐसा करने से हमें कष्टों से राहत मिलती है। सावन के महीने में घर में बेलपत्र का पौधा लगाने की परंपरा बहुत प्रचलित है।
हरियाली अमावस्या का महत्व- Hariyali Amavasya Shubh Muhurt
17 जुलाई दिन सोमवार को सावन माह की अमावस्या आने से इस सोमवार का एक दिव्य महत्व है, इस सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। और ये संयोग सावन के दूसरे सोमवार पर हरियाली अमावस्या को बन रहा है। इस दिन शिव भक्त प्रातः जल्दी उठ कर स्नान कर के शिव की आराधना करते है। कहा जाता है की इस दिन जो भी शिव भगवान को जल ,दूध, गंगाजल,पुष्प, दही आदि से पूजा सच्चे मन से करता है शिव और माँ पार्वती की कृपा उस भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। और इस दिन स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
सोमवती अमावस्या का महत्व- Somvati Amavasya Shubh Muhurt
17 जुलाई 2023 के सावन के दूसरे सोमवार को अमावस्या है और जब सोमवार के अमावस्या तिथि होती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन पूजा, दान करने का अलग ही महत्व होता है सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा सुबह जल्दी उठ कर नहा कर साफ और स्वच्छ कपडे पहन कर शिव और पार्वती माता की कहानी सुनते है, महिलाये इस दिन आपने सुहाग की रक्षा के लिए व्रत भी करती है इस दिन शिव और माँ पार्वती की आराधना करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सावन के सोमवार को शिव जी का पूजन विधि
वेसे तो पूरा सावन का महीना ही पूजा करने के लिए खास होता है . लेकिन सावन के सोमवार को शिव की आराधना करने का एक अलग ही महत्व होता है। और जो इस बार विशेष संयोग बना है सावन सोमवार और अमावस्या एक ही दिन आने से जो दिव्य संयोग बना उसका शिव और माँ पार्वती की आराधना करने का विशेष फल मिलेगा। तो इस सोमवार को आप शिव की विशेष पूजा कर सकते है इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर शिव मंदिर में बिलपत्र, दूध, जल या गंगाजल, दही, शहद, सफेद पुष्प जो शिव भगवान को अति प्रिय है आदि शिवलिंग पे ॐ नमः शिवाये का निरंतर जप करते हुए अर्पित करते है। इसके साथ और पंचामृत से शिव जी का अभिषेक करना बहुत फलदायी होता है। इससे शिव भगवन और माँ पार्वती की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सरे दुखो का नाश होता है।
शिव भगवन की कृपा पाने के लिए मंत्रों का जाप करें
ॐ नमः शिवाय
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन 108 बार करे तो ये व्यक्ति के शरीर को ऊर्जा प्रदान और दिमाग को शांत करता है
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ये महामृत्युंजय मंत्र है इसका जप से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता
ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
इस मंत्र को शिव का रुद्र मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र का जप करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं शिव भगवान तक पहुँचती है और शिवजी भक्तो की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
ये शिव गायत्री मंत्र है, ये मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इस मंत्र से व्यक्ति को सुख , शांति और भक्तो की सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है। इस मंत्र का जप पुरे विधि विधान के साथ किया जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. BhajanRas इसकी पुष्टि नहीं करता है.