गोमेद गारनेट रत्न समूह का रत्न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइट कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे राहू का रत्न माना जाता है। यह लाल रंग लिए हुए पीला एकदम गोमूत्र के रंग जैसा होता है। यह भी एक प्रभावशाली रत्न है जो राहू के दोषों को दूर करता है।
Table of Contents
गोमेद रत्न की प्राकृतिक उपलब्धता
गोमेद भी खानों से निकाला जाता है। भारत, ब्राजील और श्रीलंका में सबसे अच्छा गोमेद प्राप्त होता है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, दक्षिण अफ्रीका के साथ कई अन्य देशों में भी पाए जाते हैं।
विज्ञान और गोमेद रत्न:
यह गारनेट समूह का रत्न है। जो कि कैल्शियम-एल्युमीनियम मिनरल है। इसका रसायनिक सूत्र Ca3Al2(SiO4)3 है। यह चमकदार लेकिन अपारदर्शी होता है। इसकी कठोरता 7 होती है। इसका घनत्व 4.65 होता है।
गोमेद रत्न के गुण
शुद्ध गोमेद चमकदार, चिकना होता है। पीला पन लिए हुए यह रत्न उल्लू की आंख के समान दिखाई देता है। यह सफेद रंग का भी होता है जो इतना चमकता है कि दूर से देखने पर ये हीरे जैसा दिखता है।
ज्योतिष और गोमेद रत्न के लाभ
कुंडली में निम्न बातें हो तो धारण कर सकते हैं गोमेद:
किसी व्यक्ति की राशि या लग्न मिथुन, तुला, कुंभ या वृष हो तो ऐसे लोगों को गोमेद अवश्य पहनना चाहिए।राहू कुंडली में यदि केंद्र में विराजमान हो अर्थात 1, 4, 7, 10 भाव में तो गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए।
अगर राहूं दूसरे, तीसरे, नौवे या ग्यारवें भाव में राहू हो तो भी गोमेद धारण करना बहुत लाभदायक होगा।
राहू अगर अपनी राशि से छठे या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद पहनना हितकर होता है। यदि राहू शुभ भावों का स्वामी हो और स्वयं छठें या आठवें भाव में स्थित हो तो गोमेद धारण करना लाभदायक होता है।
राहू अगर अपनी नीच राशि अर्थात धनु में हो तो गोमेद पहनना चाहिए।राहू मकर राशि का स्वामी है। अत: मकर राशि वाले लोगों के लिए भी गोमेद धारण करना लाभ फलों को बढ़ाता है।
राहू अगर शुभ भाव का स्वामी है और सूर्य के साथ युति बनाए या दृष्ट हो अथवा सिंह राशि में स्थित हो तो गोमेद धारण करना चाहिए।राहू राजनीति का मारकेश है। अत: जो राजनीति में सक्रीय हैं या सक्रीय होना चाहते हैं उनके लिए गोमेद धारण करना बहुत आवश्यक है।
शुक्र, बुध के साथ अगर राहू की युति हो रही हो तो गोमेद पहनना चाहिए।गलत कामों जैसे चोरी, स्मगलिंगआदि कार्यों में लगे लोगों को गोमेद पहनना चाहिए।वकालत, न्याय और राज-काज से संबंधित कार्यों में बेहतर करने के लिए भी गोमेद पहनना चाहिए।
गोमेद रत्न का प्रयोग
गोमेद को शनिवार को चांदी या अष्टधातु में जड़वाकर शाम के समय विधिनुसार उसकी उपासना के बाद बीच की अंगुली में धारण करना चाहिए। गोमेद का वजन 6 रत्ती से कम नहीं होना चाहिए। इसे पहनने से पहले ऊं रां राहवे नम: का मंत्र 180 बार जप करके गोमेद को जागृत करके पहनना चाहिए।
गोमेद रत्न का विकल्प
गोमेद बहुत सस्ता रत्न है लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि सभी को सही गोमेद जरूरत के समय पर ही प्राप्त हो जाए। इसलिए इसके दो उपरत्न हैं जिन्हें गोमेद के बदले धारण किया जा सकता है। पहला उपरत्न है तुरसा और दूसरा साफी। इसके अलावा गोमेद के रंग का अकीक भी गोमेद के स्थान पर पहना जा सकता है।
सावधान रहे – रत्न और रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रत्न और रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रत्न और रुद्राक्ष ख़रीदे, अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें, नवग्रह के रत्न, रुद्राक्ष, रत्न की जानकारी और कई अन्य जानकारी के लिए। आप हमसे Facebook और Instagram पर भी जुड़ सकते है
नवग्रह के नग, नेचरल रुद्राक्ष की जानकारी के लिए आप हमारी साइट Your Astrology Guru पर जा सकते हैं। सभी प्रकार के नवग्रह के नग – हिरा, माणिक, पन्ना, पुखराज, नीलम, मोती, लहसुनिया, गोमेद मिलते है। 1 से 14 मुखी नेचरल रुद्राक्ष मिलते है। सभी प्रकार के नवग्रह के नग और रुद्राक्ष बाजार से आधी दरों पर उपलब्ध है। सभी प्रकार के रत्न और रुद्राक्ष सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाते हैं। रत्न और रुद्राक्ष की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।