कुंभ लग्न में लग्नेश शनि लग्न का और द्वादश स्थान का होते हुए भी लग्नेश उसकी मूल त्रिकोण राशि लग्न में पढ़ती है अतः कुंभ लग्न के जातक को शनि का रत्न नीलम सदा शुभ फल देता है इसलिए शनि का रत्न नीलम धारण करना चाहिये।
कुंभ लग्न में बुध पंचमेश त्रिकोण और अष्टमेश भाव का स्थान का दोष नहीं लगता पंचमेश त्रिकोण स्वामी से शुभ माना गया है।
इसलिए बुद्धी विद्या और संतान सुख के लिए बुध का रत्न पन्ना धारण करना चाहिये।
कुंभ लग्न में शुक्र चतुर्थ और नवम स्थान त्रिकोण भाग्य स्थान का स्वामी होने के कारण अत्यंत शुभ और योगकारक ग्रह माना गया है।
Table of Contents
किस लिए शुक्र का रत्न हीरा अवश्य पहने?
हीरा पहनने से भाग्य उदय होता है और जातक का चौमुखी विकास होता है।
कुंभ लग्न में कौन सा रत्न नहीं पहनना चाहिए?
माणिक्य मोती पुखराज यह रत्न धारण नहीं करने चाहिये।
शनि का रत्न नीलम शनिवार को शनि के होरे में बुध का रत्न पन्ना बुधवार को बुध के होरे में शुक्र का रत्न हीरा शुक्रवार को शुक्र के होरे में पहनना चाहिए। या कोई भी पुष्य नक्षत्र या गुरु पुष्य नक्षत्र मैं धारण करना चाहिये। यह ध्यान रहे उस वक्त राहु काल ना हो कोई भी रत्न सवा 4 कैरेट से 8 कैरेट के बीच में जो भी वजन का मिले वह उंगली में या लॉकेट में धारण करना चाहिये।
सावधान रहे – रत्न और रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रत्न और रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रत्न और रुद्राक्ष ख़रीदे, अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें, नवग्रह के रत्न, रुद्राक्ष, रत्न की जानकारी और कई अन्य जानकारी के लिए। आप हमसे Facebook और Instagram पर भी जुड़ सकते है
नवग्रह के नग, नेचरल रुद्राक्ष की जानकारी के लिए आप हमारी साइट Your Astrology Guru पर जा सकते हैं। सभी प्रकार के नवग्रह के नग – हिरा, माणिक, पन्ना, पुखराज, नीलम, मोती, लहसुनिया, गोमेद मिलते है। 1 से 14 मुखी नेचरल रुद्राक्ष मिलते है। सभी प्रकार के नवग्रह के नग और रुद्राक्ष बाजार से आधी दरों पर उपलब्ध है। सभी प्रकार के रत्न और रुद्राक्ष सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाते हैं। रत्न और रुद्राक्ष की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।