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बुद्ध का प्रतिनिधित्व करता है। उच्च कोटि का पन्ना जाम्बिया तथा स्कॉट्लैंड की खानों से निकला जाता है ! इसका रंग हलके तोतिये से लेकर गाड़े हरे रंग तक हो सकता है ! असली पन्ने में काले रंग के हलके रेशे होते है ! पारदर्शी और बिना काले रेशे का पन्ना बहुत महंगा हो सकता है ! यदि ऐसा पन्ना सस्ता मिल जाए तो वह नकली हो सकता है, इसलिए पन्ने की जाच अवश्य कराए ! यदि कुंडली में बुध ग्रह शुभ प्रभाव में हो तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए !
पन्ना धारण करने से दिमाग की कार्य क्षमता तीव्र हो जाती है और जातक पढ़ाई लिखाई, व्यापार जैसे कार्यो में सफलता प्राप्त करता है! विधार्थियों को अपनी कुंडली का निरिक्षण किसी अच्छे ज्योतिषी से करवाकर पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए क्योकि हमारे शैक्षिक जीवन में बुध ग्रह की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है !
अच्छी शिक्षा बुध की कार्यकुशलता पर निर्भर है! यदि आप एक व्यापारी है और अपने व्यापार में उन्नति चाहते है तो आप पन्ना धारण कर सकते है! हिसाब किताब के कामो से जुड़े जातको को भी पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए क्योकि एक अच्छे गणितज्ञ की योग्यता बुध के बल पर निर्भर करती है! अभिनय और फ़िल्मी क्षेत्र से जुड़े जातको को भी पन्ना धारण करना चाहिए क्योकि बुध ग्रह इन क्षेत्रो से जुड़े जातको के जीवन में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है! मै इन सभी विषयों पर मेरे अगले लेखो में और विस्तार से चर्चा करूँगा! जाम्बियन पन्ना
पन्ना धारण करने की विधि
यदि आप बुध देव के रत्न, पन्ने को धारण करना चाहते है, तो 3 से 7 कैरेट के पन्ने को स्वर्ण या चाँदी की अंगूठी में जड्वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के बुधवार को सूर्य उदय होने के पश्चात् इसकी प्राण प्रतिष्ठा करे! इसके लिए सबसे पहले अंगुठी को दूध गंगा जल शहद, और शक्कर के घोल में डाल दे, फिर पांच अगरबत्ती बुध देव के नाम जलाए औ प्रार्थना करे कि हे बुध देव मै आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न पन्ना धारण कर रहा हूँ कृपया करके मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करे ! अंगूठी को निकालकर 108 बारी अगरबत्ती के ऊपर से घुमाते हुए ॐ बू बुधाय नम: का जाप करे तत्पश्चात अंगूठी विष्णु जी के चरणों से स्पर्श कराकर कनिष्टिका में धारण करे! बुध के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए उच्च कोटि का जम्बियन पन्ना ही धारण करे, पन्ना धारण करने के 45 दिनों में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है और लगभग 3 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है और फिर निष्क्रिय हो जाता है ! निष्क्रिय होने के बाद पुन: नया पन्ना धारण करे ! पन्ने का रंग हरा और दाग रहित होना चाहिए , पन्ने में कोई दोष नहीं होना चाहिए अन्यथा शुभ प्रभाओं में कमी आ सकती है !
पन्ना रत्न
पन्ना रत्न गहरे हरे रंग का होता है। बुध ग्रह की पीड़ा शांत करने के लिए पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है। इसे मरकत मणि, हरितमणि, एमराल्ड (Emerald), पांचू आदि नामों से जाना जाता है। हीरा और नीलम के बाद इसे तीसरा सबसे खूबसूरत रत्न कहा जाता है। पन्ना (Emerald or Panna) बेहद कीमती होता है।
पन्ना के तथ्य
पन्ना की असल पहचान करने के लिए लकड़ी पर रत्न को रगड़ने से इसकी चमक ओर अधिक खिलती है।
यह मुलायम हरी घास की भांति होता है जिसके ऊपर पानी की बूंद रखने से बूंद उसी समान रहती है।
पन्ना के लिए राशि
मिथुन तथा कन्या राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न अत्याधिक लाभकारी माना जाता है।
पन्ना के फायदे
गुस्से पर काबू करने और मन में एकाग्रता बढ़ाने के लिए पन्ना का प्रयोग करना चाहिए।
जो जातक व्यापार तथा अंकशास्त्र संबंधित कार्य कर रहें हों उनके लिए पन्ना लाभकारी साबित होता है।
बुध ग्रह को स्मरण शक्ति और विद्या आदि का कारक माना जाता है। पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। छात्रों के लिए यह विशेष रत्न साबित होता है।
स्वास्थ्य में पन्ना का लाभ
माना जाता है कि पन्ना पौरुष शक्ति को बढ़ाता है।
यह रत्न दमा के मरीजों तथा गर्भवती महिलाओं के लिए अत्याधिक लाभकारी माना गया है।
मिर्गी के दौरे से पीड़ित रोगियों के लिए भी पन्ना लाभकारी माना जाता है।
कैसे करें पन्ना धारण
ज्योतिषी मानते हैं कि पन्ना बुधवार के दिन धारण करना चाहिए। पन्ना धारण करते समय मनुष्य को अपनी कुंडली में बुध की स्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए। रत्न का वजन बेहद अहम होता है। कितने रत्ती का रत्न धारण करें, यह कुंडली का विश्लेषण कर सुनिश्चित करना चाहिए। गरुड पुराण में इसको परखने की विधि बताई गई है।
पन्ना का उपरत्न
पन्ना बेहद कीमती माना जाता है। शुद्ध पन्ना ना मिल पाने की दशा में जेड (हरिताश्म)
पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। यह बहुत चमकदार होता है। इसकी चमक के बारे में प्राचीनकाल में ऐसा कहा जाता था कि शुद्ध पन्ना सूर्य के प्रकाश में भी अपनी आभा बिखेरता नजर आता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर कम्प्यूटर पर काम करते हुए या पढ़ते हुए आंख थक जाए तो पन्ने को आंखों में रखने पर वह तरोताजा हो जाती है। इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि पन्ना चार हजार साल पहले से भी लोगों के बीच लोकप्रीय है।
पन्ना रत्न की प्राकृतिक उपलब्धता
पन्ना कई दूसरे रत्नों की तरह खानों में पाया जाता है जहां ये कई अशुद्धियों के साथ होते हैं। खानों से निकाल कर सबसे पहले उनकी अशुद्धियां दूर की जाती है। इसके बाद इन्हें विभिन्न आकार में तराश कर बाजार में भेजा जाता है। वर्तमान में कोलम्बिया की खानों में सबसे अच्छा पन्ना पाया जाता है। इसके बाद रूस और ब्राजील में मिलने वाले पन्ने सबसे बेहतर माने जाते हैं। मिश्र, नार्वे, भारत, इटली, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका और आस्ट्रिया में भी पन्ने की खाने हैं।
भारत में यह मुख्यत: दक्षिण महानदी, हिमालय, सोमनदी व गिरनार में पाया जाता है।
विज्ञान और पन्ना रत्न
पन्ना ग्रेनाइट, पेग्मेटाइट व चूने के पत्थरों के मिश्रण से बनता है। इसका रासायनिक फार्मुला Be3Al2(SiO3)6 होता है। इसकी कठोरता 7.5 होती है और आपेक्षिक घनत्व 2.69 से 2.80 तक होता है। यह प्रकाश के परावर्तन की भी क्षमता रखता है इसकी परावर्तन क्षमता 1.57 से 1.58 के बीच होती है। ये एक पारदर्शक रत्न है जो प्राय: हरा और नीला-हरा दो तरह के रंगों में पाया जाता है।
पन्ना रत्न के गुण
पन्ना रत्न का सबसे बड़ा गुण होता है कि यह सूर्य के समान खुद प्रकाशित होने की क्षमता रखता है। इसको देखने पर ऐसा लगता है कि यह अपने चारों ओर प्रकाश पुंज से एक आभा बनाता है। यह चमकदार, पारदर्शक, भारी तथा लचीला रत्न है।
ज्योतिष और पन्ना रत्न के लाभ
पन्ना बुध का रत्न है और बुध अच्छे फल देने वाला ग्रह है। इसलिए ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि पन्ना कोई भी पहने उसे लाभ अवश्य होता है। लेकिन कुंडली में निम्न प्रकार की स्थितियां होने पर इसे पहनना ज्यादा फलदायी होता है।
पन्ना बुध का रत्न है और बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। इसलिए मिथुन और कन्या लग्न की कुंडली में इसे पहनना बहुत लाभदायक होता है।यदि बुध कुंडली में छठे और आठवें भाव में हो तो भी पन्ना पहनना फायदा पहुंचाता है।बुध अगर कुंडली में मीन राशि में हो तो भी पन्ना पहनना अच्छा होता है।कुंडली में धनेष बुध नौवे स्थान में हो तो पन्ना पहनना लाभ देता है।सातवें भाव का स्वामी बुध दूसरे भाव में, नवें भाव का स्वामी बुध चौथे भाव में या भाग्येश बुध छठें भाव में हो तो पन्ना पहन कर बहुत लाभ प्राप्त किया जा सकता है।बुध की महादशा और अंतरदशा में भी पन्ना पहनना अच्छा होता है।जन्म कुंडली में बुध श्रेष्ठ भाव में अर्थात 2,3,4,5,7,9,10 और 11 में से किसी का स्वामी हो और अपने से छठे भाव में हो तो भी पन्ना पहनना बहुत अच्छा होता है।अगर कुंडली में बुध मंगल, शनि, राहु अथवा केतु के साथ स्थित हो तो पन्ना पहनना चाहिए।अगर बुध पर शत्रु ग्रह की दृष्टि हो तो भी पन्ना पहनना चाहिए।व्यापार-वाणिज्य, गणित व एकाउंटेंसी संबंधी कार्य से जुड़े लोग पन्ना अवश्य धारण करें। इससे अच्छे फल प्राप्त होंगे।
पन्ने का प्रयोग
बुधवार को चांदी की अंगूठी में इसे धारण किया जाता है। कुछ लोग इसे सोने में भी पहनते हैं लेकिन चांदी में धारण करना ज्यादा लाभ देता है। पन्ना कम से कम 3 से 7 रत्ती पहनना चाहिए। इसे खरीदकर विधिपूर्वक मंत्र और पूजा पाठ से जागृत किया जाता है। बुध रत्न को धारण करने से पहले इसे ऊं बुं बुधाय नम: मंत्र को 9000 बार जप करते हैं। इसे दाएं हाथ की छोटी अंगुली में पहनते हैं।
पन्ने का विकल्प
पन्ना कीमती रत्न है और इसे पहनना सबके बस की बात नहीं है इसलिए इसके स्थान पर एक्वामेरीन, हरे रंग का जिरकॉन, फिरोजा या पेरीडॉट धारण किया जाता है। पन्ने के स्थान पर हरे रंग का अकीक भी पहना जा सकता है।
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