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होली खेले नंदलाल तो बरसाने आजाइयो
राधा रानी रंग लगवाने अजाइयो
होली खेले नंदलाल तो बरसाने आजाइयो
तेरे अंग अंग राधा रंग मैं लगाऊं रे
कान्हा गोकुल में अकेली कैसे आऊं रे
सखियों से मिलने के बहाने आजाइयो
तुमको दिखाऊं राधा अलग नजारे मैं
सोचना पड़ेगा कान्हा मुझे इस बारे में
प्यारी प्यारी सूरत को दिखाने आजाइयो
मेरे लिए राधा तुम्हे आना ही पड़ेगा
कान्हा कोई चक्कर चलाना ही पड़ेगा
होली में गुलाल तू उड़ाने आजाइयो