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कुम्भ लग्न की कुंडली में मांगलिक दोष विचार Manglik dosha consideration in Aquarius/Kumbh lgna kundli

कुम्भ लग्न की कुंडली में प्रथम भाव से मांगलिक विचार Manglik dosha consideration when Mars is in first house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

कुम्भ लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में शनि देव की मूल त्रिकोण राशि आती है । अब यदि मंगल अपने अति शत्रु शनि की मूल त्रिकोण राशि में जाते हैं और सातवीं दृष्टि से सप्तम भाव को देखते हों तो मांगलिक दोष अवश्य बनता है । मंगल अपनी महादशा अन्तर्दशा में सप्तम भाव सम्बन्धी अशुभ परिणाम ही प्रदान करते हैं । इस जन्मपत्री में मंगल तृतीयेश तथा दशमेश होते हैं । दशम भाव में वृश्चिक राशि होने की वजह से एक सम गृह का दर्जा रखते हैं ।

कुम्भ लग्न की कुंडली में चतुर्थ भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in fourth house in Aquarius/Kumbh kundli :


कुम्भ लग्न की जन्मपत्री में चौथे भाव में वृष राशि आती है । यह मंगल की शत्रु राशि है । इस कुंडली में जब मंगल चौथे भाव में जाते हैं और अपनी चौथी दृष्टि से सप्तम भाव को देखते हैं तो मांगलिक दोष का निर्माण करते हैं । साथ ही सप्तम भाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित भी करते हैं । इस प्रकार कुम्भ लग्न की कुंडली के चौथे भाव में स्थित होने पर मांगलिक दोष बनता है ।

कुम्भ लग्न की कुंडली में सातवें भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in seventh house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

इसी लग्न कुंडली में यदि मंगल सातवें भाव में स्थित हो जाए तो मांगलिक दोष माना जाता है । यहाँ मंगल के स्थित होने पर मंगल इस भाव से सम्बंधित रिश्तों से अलगाव पैदा करते हैं और अपनी महादशा अन्तर्दशा में सातवें भाव सम्बन्धी अशुभ फल प्रदान करते हैं ।

कुम्भ लग्न की कुंडली में आठवें भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in eighth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

कुम्भ लग्न की कुंडली में आठवें भाव में मंगल के स्थित होने पर भी मांगलिक दोष बनता है । अष्टम भाव त्रिक भाव में से एक भाव होता है, कुंडली का एक अशुभ भाव माना जाता है । इस जन्मपत्री में स्थित होने पर मंगल अपनी महादशा अन्तर्दशा में अशुभ फलों में वृद्धि करते हैं । ऐसे जातक के विवाह से पहले कुंडली मिलान आवश्य करवा लेना चाहिए ।

कुम्भ लग्न की कुंडली में बारहवें भाव से मांगलिक विचार Manglik consideration when Mars is in twelth house in Aquarius/Kumbh lgna kundli :

इसी लग्न कुंडली में यदि मंगल द्वादशस्थ हो जाए तो मांगलिक दोष नहीं माना जाता है । बारहवां भाव त्रिक भावों में से एक होता है, कुंडली का अशुभ स्थान माना जाता है । परन्तु यहां बारहवें भाव में मकर राशि आती है जो मंगल की उच्च राशि है । इस वजह से कुंडली के सातवें भाव को देखने पर भी मांगलिक दोष का निर्माण नहीं होता है ।

इस प्रकार हमने जाना की कुम्भ लग्न की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें और आठवें भाव में मंगल देवता के स्थित होने पर मांगलिक दोष अवश्य बनता है । साथ ही हमने यह भी जाना की इस जन्मपत्री में यदि मंगल बारहवें भाव में स्थित हो जाएँ तो मांगलिक दोष नहीं बनता है ।

ध्यान दें किसी भी कुंडली के मांगलिक दोष को निर्धारित करते समय मांगलिक दोष के कैंसलेशन पॉइंट्स जरूर देख लें । इनकी जानकारी आपको नेट पर आसानी से उपलब्ध हो जायेगी । मांगलिक दोष के कैंसलेशन पॉइंट्स जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट YourAstrologyGuru.Com पर भी लॉगिन कर सकते हैं ।

आशा है की आज का विषय आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा । आदियोगी का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो । ज्योतिषहिन्दी.इन ( YourAstrologyGuru.Com ) पर विज़िट करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

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Your Astrology Guru

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