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विजया एकादशी व्रत 2024 – Vijaya Ekadashi Vrat 2024
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार विजया एकादशी का मान दो दिन है। 16 और 17 फरवरी दो दिन विजया एकादशी रहेगी। एकादशी तिथि प्रारंभ 16 फरवरी को सुबह 5 बजकर 32 मिनट से होगा , जो कि 17 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी।
विजया एकादशी व्रत एवं पूजा विधि – Vijaya Ekadashi Vrat Puja Vidhi
● एकादशी से एक दिन पूर्व एक वेदी बनाकर उस पर सप्त धान्य रखें
● सोने, चांदी, तांबे अथवा मिट्टी का कलश उस पर स्थापित करें
● एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें
● पंचपल्लव कलश में रखकर भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना करें
● धूप, दीप, चंदन, फल, फूल व तुलसी आदि से श्री हरि की पूजा करें
● उपवास के साथ-साथ भगवन कथा का पाठ व श्रवण करें
● रात्रि में श्री हरि के नाम का ही भजन कीर्तन करते हुए जगराता करें
● द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन आदि करवाएं व कलश को दान कर दें
● तत्पश्चात व्रत का पारण करें
व्रत से पूर्व सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस प्रकार विधि पूर्वक उपवास रखने से उपासक को कठिन से कठिन हालातों पर भी विजय प्राप्त होती है।
विजया एकादशी का महत्व – Vijaya Ekadashi Importance
सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे प्राचीन माना जाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था कि, ’एकादशी महान पुण्य देने वाली होती है’। कहा जाता है कि जो मनुष्य विजया एकादशी का व्रत रखता है उसके पितृ और पूर्वज कुयोनि को त्याग स्वर्ग लोक जाते हैं। साथ ही व्रती को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती ही है और उसे पूर्व जन्म से लेकर इस जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।
विजया एकादशी व्रत कथा – Vijaya Ekadashi Vrat Katha
ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में जब भगवान श्री राम लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र तट पर पहुँचे, तब मर्यादा पुरुषोत्तम ने समुद्र देवता से मार्ग देने की प्रार्थना की परन्तु समुद्र देव ने श्री राम को लंका जाने का मार्ग नहीं दिया तब श्री राम ने वकदालभ्य मुनि की आज्ञा के अनुसार विजय एकादशी का व्रत विधि पूर्वक किया जिसके प्रभाव से समुद्र ने प्रभु राम को मार्ग प्रदान किया। इसके साथ ही विजया एकादशी का व्रत रावण पर विजय प्रदान कराने में सहायक सिद्ध हुआ और तभी से इस तिथि को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है।
विजया एकादशी कर्ज से मुक्ति उपाय
विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ इस पूजा में मां लक्ष्मी को भी अवश्य शामिल करें। मान्यता है कि, जो कोई भी भक्त ऐसा करता है उससे भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।
विजया एकादशी की पूजा में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें। इस दौरान अपने जीवन में चल रही किसी भी समस्या के बारे में भगवान से कहें। मान्यता है कि, जो कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है धीरे-धीरे उसकी सभी कष्ट परेशानियां और समस्याएं दूर होने लगती है।
कर्ज़ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए विजया एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना और पेड़ के समक्ष दीपक जलाने का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है ऐसे में यदि विजया एकादशी के दिन ये उपाय किया जाए तो व्यक्ति को कर्ज मुक्ति हासिल होती है।