आते रहना श्याम, ये भी आंगन तो तुम्हारा है,
हमने दिल से पुकारा है….. आते रहना ।।
तुम जब भी आते हो, दरबार लगाते हो, खुश हो जाये मन ये मेरा,
फूलों की खुशबू से, श्रृंगार तेरा महके, बहक जाऐ मन ये मेरा,
ये पूरा परिवार बाबा श्याम जी तुम्हारा है ।।
सेवा ना जाने हम, ना है कोई भक्ति, सुनाते दिल की तुम्हें,
जो मन में आ जाए, वैसा कर जाते हैं, नादानी है इस दिल की,
हाथ जोड़ हमने, हर गलती को स्वीकारा है ।।
तेरे नाम का कीर्तन घर घर में होता है, सब झूमें नाचे गायें,
मुझे ऐसा लगता है, कि आज सुदामा से कन्हैया मिलने को आए,
हमें थांमे रखना श्याम, ये रिश्ता तो तुम्हारा है ।।