तर्ज : तेरी आंखो के दो फूल प्यारे प्यारे….
ऐसो देख्यो ना कोई भी दिलवालो,
जैसो मेरो बाबो श्याम खाटू वालो,
यो तो भर भर झोली बांटे, बांटे है ।
यो जब देवण प आवे, तो लेवणियो थक जावे,
म्हे दो हाथा सू लूटा, यो तो सौ सौ हाथ लुटावे,
भर देवे खाली भण्डार, म्हारो प्यारो लखदातार,
नहीं मांगणिये न नाटे है, नाटे है ॥
राजा हो या महाराजा, यो तो बात बणावे सबकी,
निर्धन की मेट गरीबी, किस्मत चमकावे उसकी,
मेटे भगतां की सब शंका, घर घर बाजे इसका डंका,
यो तो भगतों का फंदा काटे है, काटे है ॥
ईं क द्वारे भीड़ जुटे है, आवे बण करके दुनियां भिखारी,
यो तो सब की लाज बचावे, म्हारो खाटू को श्याम बिहारी,
शरणागत को देवे साथ, सिर प राखे म्हारे हाथ,
म्हारे कष्ट की खाई न, पाटे है, पाटे है ॥
म्हारे पग पग त्यार खड़यो है, “श्यामसुन्दर” को सच्चो साथी,
म्हारी जोड़ी खूब जमै है, जइयां दीवे मं चिमके बाती,
यो तो दानी दातार, के स के करदे सरकार,
अभिमानी भगत न डाटै है, डाटै है ॥