Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

कुंडली का बारहवां भाव (baarahavaan Bhav ) Twelth House in Jyotish

लग्न से गिनना शुरू करें तो यह भाव बारहवें नंबर पर आता है । इसे व्यय भाव के नाम से भी जाना जाता है । जिस प्रकार ग्यारहवें भाव से जातक की आय या लाभदेखे जाते हैं उसी प्रकार बारहवें भाव से जातक को होने वाली हानियाँ और व्यय का विचार किया जाता है । असेंडेंट का बारहवां भाव होने की वजह से इससे जातक के विदेश गमन या परदेस में जातक के प्रभाव और विदेशी संबंधों से जुडी घटनाओं की जानकारी प्राप्त की जाती है । काल पुरुष की कुंडली मी बारहवें भाव में मीन राशि आती है । जातक के शरीर में बारहवें भाव से पैर व बाईं आँख के सम्बंधित शुभाशुभ का भान होता है । ध्यान देने योग्य है की मेष लग्न की कुंडली में बारहवें भाव में मीन राशि आती है, और यदि इस भाव में केतु विराजमान हो जाएँ तो इस जन्म को जातक का आखिरी जन्म मान लिया जाता है । दुसरे शब्दों में कहें तो ऐसी ज्योतिषीय मान्यता है की जातक का महानिर्वाण हो जाता है या ऐसा जातक मोक्ष को प्राप्त होता है । बारहवां भाव त्रिक भावों ( ६,८,१२ ) में एक त्रिक भाव होता है । त्रिक भाव होने की वजह से ऐसे जातक को अपने जीवनकाल में बारहवें भाव के स्वामी और द्वादशस्थ गृह की महादशा या अन्तर्दशा में कष्टों का सामना करना पड़ता है । यह नियम द्वादशस्थ केतु पर भी लागू होता है ।


बारहवें भाव से जुड़े अन्य पक्ष Other aspects related to Twelth House :

लग्न से बारहवां भाव होने पर जातक का व्ययेश बनता है । इस भाव से जातक के कोर्ट केस, हॉस्पिटल या विदेशों में होने वाले व्ययों का विचार किया जाता है । बारहवें भाव से जातक की जेल यात्रा या जेल में नौकरी का विचार भी किया जाता है । इस भाव से जातक को होने वाले लाभों में कमी का जायज़ा लिया जाता है । दुसरे भाव का लाभ भाव होने के कारण जातक के कुटुंबजनों की आय या लाभ को दर्शाता है । तीसरे भाव से दशम होता है और छोटे भाई बहन के कर्म व् राजकीय सम्मान को दिखाता है । छोटे भाई बहन यदि नौकरी करते हैं तो उनकी प्रमोशन के बारे में जानकारी देता है । चौथे भाव से नवम होता है तो माता के विदेश गमन, धार्मिक यात्राओं व् आस्थाओं के बावत नॉलेज देता है । जातक के नाना के स्वास्थ्य की भी जानकारी प्रदान करता है । पंचम भाव से अष्टम भाव बनता है सो संतान के कष्टों, टेंशन, डिप्रेशन उनके जीवन में आने वाली बाधाओं को उजागर करता है । छठे से सप्तम होता है और मामा मामी या ननिहाल पक्ष सम्बन्धी नॉलेज प्रदान करता है । सातवें भाव से छठा होता है तो पार्टनर्स के ऋण,रोग,कोर्ट केस,दुर्घटना,मुकदद्मा,शत्रु कष्ट दिखाता है । इसी प्रकार नवम से चतुर्थ होता है तो पिता के सुख व् विदेशी यात्राओं व् विदेश सेटेलमेंट को दिखाता है । दशम से त्रितीय होने की वजह से पिता का पराक्रम या कार्यक्षमता का अनुमान भी लगाया जाता है । इलेवेंथ हाउस का धन भाव बनता है तो बड़े भाई बहन की लिक्विड मनी व् धन स्थिति भी बयां करता है ।

ध्यान दें लग्न कुंडली के बारहवें भाव से जातक के शयन सुख के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जाती है । अकेले दैत्यगुरु शुक्राचार्य ऐसे गृह हैं जो बारहवें भाव में शुभ परिणाम प्रदान करते हैं । इसके अतिरिक्त यदि द्वादशेश विपरीत राजयोग बनाता हो अथवा छठे, आठवें के मालिक बारहवें भाव में स्थित हों और लग्नेश बलि हो तो इस भाव के परिणामों में भी शुभता देखि गई है ।

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00