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Maha Meru Shri Yantra | महा मेरु श्री यंत्र

Maha Meru Shri Yantra | महा मेरु श्री यंत्र

महा मेरु श्री यंत्र ( Maha Meru Shri Yantra ) समस्त यंत्रों में गहन गहराई लिए हुए है, और प्राचीन काल से इसका मानव इतिहास से गहरा संबंध है।   इसके अलावा यंत्रों के क्षेत्र में इसकी सबसे मजबूत जड़ें हैं, और इसी तरह इसे सबसे मूल्यवान और सबसे महत्वपूर्ण यंत्र भी माना जाता है।  इसे श्री […]

Vyapar Vradhhi Yantra| व्यापार वृद्धि यंत्र

Vyapar Vradhhi Yantra| व्यापार वृद्धि यंत्र

सम्पूर्ण व्यापार वृद्धि यंत्र ( Vyapar Vradhhi Yantra ) व्यावसायिक क्षेत्र में विशेष महत्व के साथ व्यावसायिक पथ और वित्तीय क्षेत्र में वृद्धि के लिए लाभदायक होता है। यह सुंदरा लहरी से प्रेरित यंत्र है। व्यापार वृद्धि यंत्र को अपनाने से व्यावसायिक विकास का मार्ग प्रशस्त होता है और व्यक्ति को वित्त और प्रभुत्व की […]

Saraswati Yantra | सरस्वती यंत्र

Saraswati Yantra | सरस्वती यंत्र

सरस्वती यंत्र ( Saraswati Yantra ) देवी सरस्वती का यंत्र है। जो ज्ञान और बुद्धि की देवी है, और पूरे ब्रह्मांड में प्रचलित सभी ज्ञान का एकमात्र उद्भव केंद्र है। यह सभी ज्ञान, बुद्धि  के अलावा सीखने और शिक्षा के मार्ग को मजबूत करने के अलावा भूमि पर सम्मान और सफलता की  ऊंचाइयों  की ओर […]

kundalini door to unlock body secrets

kundalini door to unlock body secrets

यदि मूल रूप में देखा जाये तो कुण्डलिनी (kundalini ) ही समस्त अध्यात्म, तंत्र, मंत्र, यंत्र, योग और धर्म का केंद्र बिंदु है। हमारे शरीर का वह द्वार है, जहा से प्रवेश करने के उपरांत ही हमारे आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत होती है। भारतीय संस्कृति की मुख्य देंन होने के बाद भी जान सामान्य को […]

Shukra Yantra Benifits शुक्र यंत्र के लाभ

Shukra Yantra Benifits | शुक्र यंत्र के लाभ

शुक्र यंत्र ( Shukra Yantra ) ज्योतिषीय क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण यंत्रों में से एक है, क्योंकि यह शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए  यंत्र होता है। जो मानव जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है। कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति हमारे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है।  शुक्र ग्रह हमारे आंतरिक स्व का […]

Vashikaran Yantra ka jadoo वशीकरण यंत्र

Vashikaran Yantra ka jadoo | वशीकरण यंत्र

हम सभी के ह्रदय में किसी न वस्तु या व्यक्ति को प्राप्त करने की इच्छा कहीं न कहीं अवश्य दबी होती है। कुछ लोग बिना मांगे ही समस्त मनचाही इच्छाओं को प्राप्त कर लेते है। परन्तु सभी को ये सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता। इसका कारण कुछ भी हो सकता है। जैसे कुंडली में ग्रहों […]

Kaal Sarp Yantra काल सर्प यंत्र-By Your Astrology Guru

Kaal Sarp Yantra | काल सर्प यंत्र

काल शब्द का दूसरा अर्थ मृत्यु होता है। इसी कारण कालसर्प योग के तहत जन्म लेने वाला व्यक्ति लगभग जीवन भर मृत्यु तुल्य दुःख और कष्ट का अनुभव करता है। काल सर्प यंत्र ( Kaal Sarp Yantra ) कालसर्प योग के बुरे परिणामों से उपयोगकर्ता की रक्षा करता है। यह यंत्र व्यक्ति को हर उस […]

Yoga complete 101 | योग संपूर्ण विवरण

Yoga complete 101 | योग संपूर्ण विवरण

योग ( yoga ) क्‍या है ? मन की वृत्तियों पर काबू पाना ही योग है। योग केवल आसन ही नहीं, आहार, व्यव्हार, अचार विचार के तालमेल से जीवन को सुन्दर बनाने का नाम ही योग है। वर्तमान समय में योग को मानसिक एवं शारीरिक प्रक्रिया के रूप में देखा जाता है, जिसका प्रचलन हमारे […]

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में बुद्ध – Vrish Lagn Kundali me Budh (Mercury) :

आज हम वृष लग्न की कुंडली में बुद्ध के बारे में जानने का प्रयास करेंगे । वृष लग्न कुंडली में बुद्ध द्वितीयेश, पंचमेश होने से एक कारक गृह बनता है । इस लग्न की कुंडली में अगर बुद्ध बलवान ( डिग्री से भी ताकतवर ) होकर शुभ स्थित हो तो अधिकतर फल शुभ ही प्राप्त … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में चंद्र – Vrish Lagn Kundali me Chandra (Moon) :

वृष लग्न कुंडली में चंद्र तृतीयेश होने से एक मारक गृह होते है । वृष लग्न की कुंडली में अगर चंद्र बलवान ( डिग्री से भी ताकतवर ) होकर शुभ स्थित हो तो भी अधिकतर फल अशुभ ही प्राप्त होते हैं । इस लग्न कुंडली में चंद्र डिग्री में ताकतवर न हो तो इनके अशुभ … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में गुरु – Vrish Lagn Kundali me Guru (Jupiter) :

वृष लग्न कुंडली में देव गुरु वृहस्पति अष्टमेश, एकादशेश होते हैं । अतः दैत्य लग्न की इस लग्न कुंडली में देव गुरु एक मारक गृह हैं । ऐसी स्थिति में गुरु की दशा, अंतर्दशा में अधिकतर फल अशुभ ही प्राप्त होते हैं । केवल विपरीत राज योग की स्थिति में देव गुरु शुभ फल प्रदान … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में सूर्य – Vrish Lagn Kundali me Surya (Sun) :

भारतीय पौराणिक मान्यताओं में सूर्य को एक आत्म कारक देव गृह माना गया है । इन्हें ऐसे देव गृह कहा जाता है जो दृश्य हैं, जिसे हम प्रत्यक्ष देख सकते हैं । सूर्यदेव शरीर में आत्मा, हड्डियों, दिल व् आँखों के कारक कहे जाते हैं । वृष लग्न कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव का स्वामी … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में राहु – Vrish Lagn Kundali me Rahu :

कुंडली में उचित प्रकार से स्थित राहु जातक को मात्र भक्त , शत्रुओं का पूर्णतया नाश करनेवाला , बलिष्ठ , विवेकी , विद्वान , ईश्वर के प्रति समर्पित , समाज में प्रतिष्ठित व् धनवान बनाता है । इसके विपरीत यदि राहु लग्न कुंडली में उचित प्रकार से स्थित न हो तो अधिकतर परिणाम अशुभ ही … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में शुक्र – Vrish Lagn Kundali me Shukr

दैत्य गुरु शुक्र सुंदरता , सौम्यता और सभी प्रकार की लक्ज़री और सुख सुविधा प्रदान करने वाले गृह के रूप में जाने जाते हैं । लग्न कुंडली के चौथे भाव में शुक्र कोदिशा बल मिलता है । जिस जातक की कुंडली में शुक्र बलवान होता है उस पर माँ दुर्गा की विशेष कृपा जाननी चाहिए … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मिथुन लग्न की कुंडली में गुरु – Mithun Lagn Kundali me Guru (Jupiter)

मिथुन लग्न कुंडली में देव गुरु बृहस्पति सप्तमेश, दशमेश होते हैं । अतः इस लग्न कुंडली में गुरु एक सम गृह हैं ।मिथुन लग्न की कुंडली के उचित विश्लेषण के बाद जातक को गुरु रत्न पुखराज धारण करवाया जा सकता है । उचित विश्लेषण के अभाव में कोई भी रत्न धारण नहीं करना चाहिए । … Continue reading

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