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The coded language of love | प्रेम बोली

The coded language of love | प्रेम बोली

प्रेम मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जिसके बिना हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। प्रेम की अनुभूति हमारे जीवन में ठंडी बयार के समान है।  प्यार सिर्फ चार अक्षर के शब्द से कहीं अधिक है और जब प्यार की बात आती है, तो हम सभी भावनाओं को अलग तरह […]

Mystical being Santa Claus

Mystical being Santa Claus

क्रिसमस की बात हो और सांता हमारी कल्पनाओ में न आये यह लगभग असंभव है। आज के समय में बिना सांता क्लॉस ( Santa Claus ) के क्रिसमस अधूरा ही है। सांता क्लॉज़ दुनिया में सबसे प्रिय हीरो में से एक है, और उसकी छवि कई देशों में क्रिसमस समारोह का एक केंद्रीय हिस्सा बन […]

Festivities to welcome the new year

Festivities to welcome the new year

नए साल ( new year ) का दिन पहली जनवरी को दुनिया भर में मनाया जाता है। यह एक नए कैलेंडर वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है, और अक्सर लोगों के लिए पिछले वर्ष को प्रतिबिंबित करने और आने वाले वर्ष के लिए संकल्प लेने का समय होता है। नए साल के दिन से जुड़ी […]

Law of attraction | आकर्षित करने के तरीके

Law of attraction | आकर्षित करने के तरीके

प्रत्येक मानवीय सम्बन्ध की शुरुआत आपसी आकर्षण से ही होती है। विशेष रूप से महिला पुरुष के मध्य रोमांटिक सम्बन्ध की नींव ही उनके मध्य उत्पन्न आकर्षण पर ही निर्भर करती है।  वैसे तो महिला पुरुष के मध्य आकर्षण को लेकर वैसे तो कोई विशेष नियम ( Law of attraction ) या सिद्धांत नहीं है, […]

What Valentines Day is really for

What Valentines Day is really for

प्रेम के बिना मानव जीवन की कल्पना करना कदापि संभव नहीं है। यदि संसार में लोगो के बीच आपसी लगाव न होता तो समाज और विवाह का बंधन का अस्तित्व भी नहीं होता। इसमें भी स्त्री एवं पुरुष के मध्य रोमांटिक प्रेम सम्बन्ध का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि प्रेम का बंधन ही स्त्री […]

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मिथुन लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Gemini/Mithun

पंचमहापुरुष योगों की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए आपको बताते चलें की मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ऐसे गृह हैं जो पंचमहापुरुष योग का निर्माण करते हैं । यह योग मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर बनता है । … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मिथुन लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Gemini/Mithun

यदि बुद्ध व् सूर्य योगकारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बना लें तो इसे बुध आदित्य योग कहा जाता है । मिथुन लग्न की कुंडली में सूर्य तृतीय भाव के स्वामी हैं और अष्टम से अष्टम थ्यूरी के मुताबिक एक अकारक गृह बनते हैं वहीँ बुद्ध प्रथम व् चतुर्थ भाव के स्वामी … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मीन लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Pisces/Meen

पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga ) के बारे में विस्तृत जानकारी लेने से पहले जान लेना आवश्यक है की मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र ये पांच गृह ऐसे हैं जो पंचमहापुरुष योग बनाते हैं । इन ग्रहों में से कोई भी गृह यह योग बना सकता जो लग्नकुंडली का एक योगकारक अथवा सम गृह हो, … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मीन लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Pisces/Meen

मीन लग्न की जन्मपत्री में सूर्य का षष्ठेश होना इन्हें मारकत्व प्रदान करता है, एक मारक गृह बनाता है । बुद्ध चतुर्थेश व् सप्तमेश हैं, एक सम गृह माने जाते हैं । इस जन्मपत्री में यदि सूर्य विपरीत राजयोग की स्थिति में आ जाएँ तो छह अथवा बारहवें भाव में स्थित होने पर भी शुभ … Continue reading

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मकर लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Capricorn/Makar

पंचमहापुरुष योग (Panchmahapurush yoga) मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक गृह के बलाबल के साथ केंद्र में स्वराशिस्थ अथवा उच्चराशिस्थ होने पर बनता है । सूर्य, चंद्र, राहु व् केतु पंचमहापुरुष योग नहीं बनाते । योगो की इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज हम जानेंगे मकर लग्न की … Continue reading

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मकर लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Capricorn/Makar

मकर लग्न की जन्मपत्री में सूर्य अष्टमेश होते हैं । सूर्य की शनि देव से शत्रुता भी है । इस लिए एक अकारक गृह बनते हैं और बुद्ध षष्ठेश, नवमेश व् शनि देव के अति मित्र होने की वजह से एक योगकारक गृह बनते हैं । अतः केवल बुध गृह ही योगकारक हैं । इस … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मेष लग्न की कुंडली में गजकेसरी योग – Gajkesari yoga Consideration in Aries/Mesh

आज से हम एक नए योग पर चर्चा प्रारम्भ करने जा रहे हैं । इस योग को गजकेसरी योग के नाम से जाना जाता है । जब चंद्र व् गुरु किसी जन्मपत्री में योगकारक गृह हों और किसी शुभ भाव में युति बनाकर स्थित हों तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है । कुछ ज्योतिषी … Continue reading

उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Uttar Phalguni Nakshatra Vedic Astrology

आज की हमारी चर्चा का केंद्र उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है । यह आकाशमण्डल में मौजूद बारहवां नक्षत्र है जो १४६.४० डिग्री से लेकर १६० डिग्री तक गति करता है । उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य देव, नक्षत्र देव आर्यमा और राशि स्वामी सूर्य तथा बुद्ध देव हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें … Continue reading

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वृष लग्न की कुंडली में गजकेसरी योग – Gajkesari yoga Consideration in Taurus/Vrish

पांच भावों के कारक गुरु व् सुख भाव के कारक चंद्र जब योग कारक होकर जन्मपत्री के किसी शुभ भाव में युति बनाते हैं तो इसे गजकेसरी योग कहा जाता है । यह योग गुरु के चंद्र से केंद्र में आने पर भी बना हुआ कहा जाता है, परन्तु हमारी रिसर्च में यह देखने में … Continue reading

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