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चन्द्रमा का एक राशिचक्र 27 नक्षत्रों में विभाजित है, इसलिए अपनी कक्षा में चलते हुए चन्द्रमा को प्रत्येक नक्षत्र में से गुजरना होता है। आपके जन्म के समय चन्द्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होगा, वही आपका जन्म नक्षत्र होगा। आपके वास्तविक जन्म नक्षत्र का निर्धारण होने के बाद आपके बारे में बिल्कुल सही भविष्यवाणी की […]
रुद्राक्ष देवता मंत्र १ मुखी शिव ॐ नमः शिवाय । ॐ ह्रीं नमः २ मुखी – अर्धनारीश्वर ॐ नमः ३ मुखी – अग्निदेव ॐ क्लीं नमः४ मुखी ब्रह्मा,सरस्वती ॐ ह्रीं नमः ५ मुखी – कालाग्नि रुद्र ॐ ह्रीं नमः ६ मुखी – कार्तिकेय, इन्द्र, इंद्राणी ॐ ह्रीं हुं नमः ७ मुखी – नागराज अनंत,सप्तर्षि,सप्तमातृकाएँ ॐ […]
गोमेद गारनेट रत्न समूह का रत्न है जिसे अंग्रेजी में हैसोनाइट कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में इसे राहू का रत्न माना जाता है। यह लाल रंग लिए हुए पीला एकदम गोमूत्र के रंग जैसा होता है। यह भी एक प्रभावशाली रत्न है जो राहू के दोषों को दूर करता है। गोमेद रत्न की प्राकृतिक उपलब्धता गोमेद भी खानों से […]
राहु एक छाया ग्रह है। इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है, यह जिस भाव, राशि, नक्षत्र या ग्रह के साथ से जुड़ जाता है, उसके अनुसार ही अपना फल देने लगता है। राहु जब नीच का या अशुभ होकर प्रतिकूल फल देने लगता है तो ज्योतिष के जानकार लोग गोमेद पहनने का सुझाव देते है। […]
यदि जन्म कुण्डली या वर्ष में राहु अषुभ हो तो शांति के लिए राहु के बीजमंत्र का 18000 की संख्या में जप करें। राहु का बीज मंत्र- ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः राहु के निमित्त दान वस्तुएं- सप्तधान्य, तेल, स्वर्ण व रजत, नाग, उड़द, तलवार, काला वस्त्र व तिल, गोमेद, नारियल, पुष्प, मिठाई, […]
सूर्य गृह से सम्बंधित रोग : सिरदर्द , ज्वर , नैत्रविकार , मधुमेय , पित्त रोग , हैजा , हिचकी आदि | रत्न उपरत्न : माणिक्य , लालड़ी , तामडा , महसूरी | जड़ी बूटिया : बेलपत्र की जड़ दान : गेंहू , लाल और पीले मिले हुए रंग के वस्त्र , लाल फल लाल […]
मोती अलग-अलग प्रकार के पाए जाते हैं:–मोती, साउथ सी मोती, कैसी मोती, या बसरा मोती, मुक्ता, मोक्तिम, इंदुरत्न, आदि कई नामों से जाना जाता है। मोती रत्न के स्वामी चन्द्र है. इस रत्न को अपने लग्न अनुसार धारण किया जाये तो यह रत्न व्यक्ति को माता सुख, मन, यश, बुद्धि, संपति ओर राज ऎश्वर्य आदि […]
यह एक अत्तयंत प्रभावशाली रत्न होता है कहते है की यदि नीलम किसी भी व्यक्ति को रास आ जाए तो वारे न्यारे कर देता है , लेकिन आखिर इस तथ्य की पीछे क्या सिद्धांत है। क्या वाक्य में नीलम धारण करने से वारे न्यारे हो सकते है और यदि हाँ तो कैसे ?दरअसल नीलम शनि […]
शनि ग्रह के बुरे प्रभाव और पीड़ा शांत करने के लिए नीलम या नीला पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम को हीरे के बाद दूसरा सबसे सुंदर रत्न माना जाता है। इसे नीलमणि, सेफायर, इंद्र नीलमणि, याकूत, नीलम, कबूद भी कहा जाता है। कहा जाता है कि यह रत्न रंक को राजा […]
महर्षि अंगीरा का विवाह कर्दम ऋषि की पुत्री श्रद्धा से हुआ था. उन्ही के गर्भ से गुरु का जन्म हुआ था. गुरु की धर्मपत्नी का नाम तारा था. गुरु अपने उत्कृष्ट ज्ञान से देवताओं की रक्षा करते है. गुरु भगवान शंकर की तपस्या करके देवों का प्राचार्य पद प्राप्त किए. कुलगुरु के पद पर अभिषेकित […]
ज्योतिषहिन्दीडॉटइन के पाठकों का अभिनन्दन । हमारा प्रयास रहता है की आपके समक्ष कोई न कोई ऐसी जानकारी प्रस्तुत की जाए जिससे आप लाभान्वित हों और आपके ज्योतिषीय ज्ञान में वृद्धि आवश्य हो । आज हम आपसे शुभ अशुभ नक्षत्रों सम्बन्धी जानकारी साँझा कर रहे हैं । किसी भी कार्य को आरम्भ करने से पूर्व … Continue reading
Jyotishhindi.in ज्योतिषहिन्दीडॉटइन के पाठकों को नमस्कार । महापुरुषों की कुंडली का अध्ययन किसी ज्योतिष प्रेमी के लिए क्या महत्व रखता है यह बताने की आवश्यकता नहीं है । बेशक ऐसी जन्मपत्रियां आदर्श होती हैं जो मानव चेतना के उत्थान का मार्ग प्रशस्त करती हैं । जितना चेतना का विकास होता है उतनी ही स्पष्टता से … Continue reading
ज्योतिषहिन्दी के नियमित पाठकों को ह्रदय से नमन । आज हम आपके साथ फलादेश की एक ऐसी तकनीक साझा करने जा रहे हैं जिससे आप ग्रहों की महादशा में प्राप्त होने वाले फलों की जानकारी तो प्राप्त करेंगे ही, साथ ही साथ आपको जन्मपत्री के सूक्ष्म अध्ययन सम्बन्धी अत्यंत मह्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी ।जैसा की … Continue reading
परम चेतना को उपलब्ध संतों के विषय में कुछ भी कहना आपको अपनी अपूर्णता का भली प्रकार भान करा देता है । ऐसा दुस्साहस की आप असीम को सीमा में बांधने का प्रयास करें । फिर मैं या मेरे जैसे अनेक चेतना के तल पर थोड़े ही जीते हैं । हमारा जीवन तो मन से … Continue reading