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सिंह लग्‍न

सिंह लग्‍न

सिंह लग्‍न में कौन सा रत्न धारण करना चाहिए सिंह लग्‍न की कुंडली में मन का स्‍वामी चंद्रमा द्वादश भाव का स्‍वामी होता है जो कि जातक के निद्रा, यात्रा, हानि, दान, व्यय, दंड, मूर्छा, कुत्ता, मछली, मोक्ष, विदेश यात्रा, भोग ऐश्वर्य, लम्पटगिरी, परस्त्री गमन, व्यर्थ भ्रमण जैसे विषयों का प्रतिनिधि होता है. जन्‍मकुंडली या दशाकाल […]

मिथुन लग्‍न

मिथुन लग्‍न

मिथुन लग्‍न वालों के लिए मित्र और शत्रु रत्न रत्न पहनने के लिए दशा-महादशाओं का अध्ययन भी जरूरी है। केंद्र या त्रिकोण के स्वामी की ग्रह महादशा में उस ग्रह का रत्न पहनने से अधिक लाभ मिलता है। जन्म कुंडली में त्रिकोण सदैव शुभ होता है इसलिए लग्नेश, पंचमेश व नवमेश का रत्न धारण किया […]

ओपल रत्न

ओपल रत्न

ओपल शुक्र का रत्‍न है और शुक्र धन-धान्‍य और भोग विलास का कारक है। शुक्र के अच्‍छे प्रभावों के लिए ओपल पहनना चाहिए। तुला राशि का अधिपति ग्रह है शुक्र। तुला राशि के लोगों शुक्र के रत्‍न ओपल की अंगूठी धारण करनी चाहिए। ओपल रत्‍न के लाभ लग्‍जरी में कमी ऐशो आराम में रूकावट हो तो […]

कटैला जामुनिया रत्न

कटैला जामुनिया रत्न

कटैला जामुनिया  शनि का रत्न है जो कि ‘न्याय’ और ‘मानवता’ का ग्रह है। अत: इस रत्‍न को पहनने से धन, सम्मान और मानसिक शांति मिलती है। शनि ढइया, शनि साढ़े साती और शनि महादशा के समय में इसके गलत प्रभावों से बचाने के लिए नीलम के स्‍थान पर जामुनिया धारण किया जा सकता है। कैटेला […]

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

कुंभ लग्न की विशेषताएँ

आइए अब कुंभ लग्न के बारे में बात करते है, आपका व्यक्तित्व आकर्षक होता है और लोग आपकी ओर आकर्षित हो ही जाते हैं. आप जीवन में एक बार जो सिद्धांत बना लेते हैं फिर उन्हें बदलना कठिन ही होता है. आप सिद्धांतों पर चलने वाले व्यक्ति होते हैं.आप अपने जीवनसाथी के प्रति निष्ठावान रहते […]

ग्रहों के उपाय

ग्रहों के उपाय

मनुष्य के शरीर में ग्रहों का स्थानसूर्य को शरीर कहा गया है. चन्द्रमा को मन कहा गया है. मंगल को सत्व बुध को वाणी-विवेक गुरु को ज्ञान और सुख शुक्र को काम और वीर्य, शनि को दुःख, कष्ट और परिवर्तन तथा राहू और केतु को रोग एवं चिंता का करक/अधिष्ठाता माना जाता है। उच्च से […]

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

जन्म कुंडली

जन्म कुंडली में उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हों, दान कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए- सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च तथा सिँह राशि में होने पर अपनी स्वराशि का होता है. अत: आपकी जन्म कुंडली में उक्त किसी राशि में हो तो लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का […]

मिथुन लग्न में कोनसा रत्न धारण करना चाहिए

मिथुन लग्न में कोनसा रत्न धारण करना चाहिए

पन्ना रंगों में पाया जाता है। तोते के पंख के समान रंग वाला, पानी के रंग जैसा, सरेस के पुष्प के रंगों वाला, मयूरपंख जैसा और हल्के संदुल पुष्प के समान होता है। पन्ना अत्यंत नरम पत्थर होता है तथा अत्यंत मूल्यवान पत्थरों में से एक है। रंग, रूप, चमक, वजन, पारदर्शिता के अनुसार इसका […]

मूंगा मंगल का रत्न है

मूंगा मंगल का रत्न है

मूंगा मंगल का रत्न है। मूंगा एक जैविक लकडी़ है, जिसे साफ-सफाई व पॉलिश कर तराशा जाता है, फिर दो शक्लों में आकार दिया जाता है। एक ओवल यानी केप्सूल साइज व दूसरा तिकोना मूंगा दो ही आकार में मिलता है। यह रत्न सूर्ख लाल व सिन्दूरी कलर में मिलता है। बडा़ मूंगा वजनदार व […]

मेष राशि एवं लग्न

मेष राशि एवं लग्न

मेष विलग्ने जातः प्रचण्ड रोषो विदेश गमनरतः। लुब्ध: कृशोल्प सौख्य: स्खलिताभिधायी च।। शीघ्रगति अल्पसुतो विविधार्थयुत: सुशीलश्च।। मेष राशि चक्र की प्रथम राशि है। मेष राशि का प्रतीक मेढ़ा (भेड) है। भेड़ जितनी सीढ़ी और अनुशासन प्रिय होती है,उसका नर उतना ही उग्र एवं स्वछंदता प्रिय होता है।भचक्र में इस राशि का विस्तार 0 से 30 […]

वृश्चिक राशि एवं लग्न

वृश्चिक राशि एवं लग्न

वृश्चिक राशि एवं लग्न परिचय में जन्म लेने वाला जातक शूरवीर, बुद्धिमान, धनवान, विवेकशील, कुल मव श्रेष्ठ एवं परिवार का पालन करने वाला होता है। ऐसे जातक उच्च प्रतिष्ठित लोगों से सम्मानित होते हुए भी अपने तथा अन्य लोगों के कामों में विघ्न उठाने वाले। प्रत्यक्षत: शुभ लक्षणों से युक्त और पराक्रमी होने पर भी गुप्त रूप […]

रत्न कब पहनना चाहिये – कौनसे रत्न धारण करने चाहिए

रत्न कब पहनना चाहिये – कौनसे रत्न धारण करने चाहिए

सबसे पहले एक बात जान लें कि निम्न परिस्थितियों में बिना जन्म कुण्डली विश्लेषण के ये रत्न पहनना घातक हो सकता है। विवाह हेतु पुखराज या डॉयमंड। व्यवसाय में सफलता  हेतु पन्ना। भूमि प्राप्ति या भूमि के कार्य में सफलता हेतु मूंगा।   आय वृद्धि हेतु एकादशेश का रत्न। शत्रु विजय हेतु षष्टेश का रत्न। विदेश […]

पुखराज

पुखराज

धनु लग्न के शुभ रत्न पुखराज प्राय: पीले सफेद रंगों में पाया जाता है। ज्योतिषियों की मान्यता है कि अगर किसी कन्या के विवाह में देरी हो रही हो या रिश्ता तय होने के बाद टूट जाता हो तो ऐसी कन्याओं को वीरवार के दिन सूर्योदय उपरांत पुखराज का पूजन पाठ कराकर इसे सोने की अंगूठी […]

पारद शिवलिंग

पारद शिवलिंग

पारद शिवलिंग पूजन वैदिक रीतियों में, पूजन विधि में, समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति में पारद से बने शिवलिंग एवं अन्य आकृतियों का विशेष महत्त्व होता है। पारद जिसे अंग्रेजी में एलम (Alum) भी कहते हैं , एक तरल पदार्थ होता है और इसे ठोस रूप में लाने के लिए विभिन्न अन्य धातुओं जैसे कि स्वर्ण, […]

मंगल ग्रह का मूंगा रत्न

मंगल ग्रह का मूंगा रत्न

ग्रहों के सेनापति मंगल का रत्न मूंगा है। इस रत्न को तब धारण करना चाहिए जबकि कुण्डली में मंगल शुभ भाव का स्वामी हो कर स्थित हो। इस स्थिति में मंगल की शुभता में वृद्धि होती है और व्यक्ति को लाभ मिलता है। अगर मंगल कुण्डली में अस्त अथवा पीड़ित हो तब भी मूंगा धारण […]

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