चन्द्र अष्टोत्तर शतनामावली – Chandra Ashtottara Shatanamavali
चंद्र अष्टोत्तर शतनामावली (Mantra of Chandra) या चन्द्र बीज मन्त्र (Chandra Beej Mantra) के नियमित पाठ करने से आप चन्द्र ग्रह द्वारा दिए गए अशुभ फल या प्रभाव को क्षीण कर उसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं, अगर चन्द्र आपकी कुंडली में नीच या अशुभ भाव में हो या चन्द्र की दशा व अन्तर्दशा या गोचर में अशुभ परिणाम दे रहा हो तभ भी यह पाठ करना बहुत लाभदायक होता हैं.
ध्यान मंत्र
कर्पूरस्फटिकावदातमनिशं पूर्णेन्दुबिम्बाननम् । मुक्तादामविभूषितेन वपुषा निर्मूलयन्तं तम:।।
हस्ताभ्यां कुमुदं वरं विदधतं नीलालकोद्भासितम् । स्वस्यांकस्थमृगोदिताश्रयगुणं सोमं सुधाब्धिं भजे।।
ॐ श्रीमते नमः ||
ॐ शशधराय नमः ||
ॐ चन्द्राय नमः ||
ॐ ताराधीशाय नमः ||
ॐ निशाकराय नमः ||
ॐ सुखनिधये नमः ||
ॐ सदाराध्याय नमः ||
ॐ सत्पतये नमः ||
ॐ साधुपूजिताय नमः ||
ॐ जितेन्द्रियाय नमः ||
ॐ जयोद्योगाय नमः ||
ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः ||
ॐ विकर्तनानुजाय नमः ||
ॐ वीराय नमः ||
ॐ विश्वेशाय नमः ||
ॐ विदुशां पतये नमः ||
ॐ दोषकराय नमः ||
ॐ दुष्टदूराय नमः ||
ॐ पुष्टिमते नमः ||
ॐ शिष्टपालकाय नमः ||
ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः ||
ॐ अनन्ताय नमः ||
ॐ कष्टदारुकुठरकाय नमः ||
ॐ स्वप्रकाशाय नमः ||
ॐ प्रकाशात्मने नमः ||
ॐ द्युचराय नमः ||
ॐ देवभोजनाय नमः ||
ॐ कलाधराय नमः ||
ॐ कालहेतवे नमः ||
ॐ कामकृते नमः ||
ॐ कामदायकाय नमः ||
ॐ मृत्युसंहारकाय नमः ||
ॐ अमर्त्याय नमः ||
ॐ नित्यानुष्ठानदायकाय नमः ||
ॐ क्षपाकराय नमः ||
ॐ क्षीणपापाय नमः ||
ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः ||
ॐ जैवातृकाय नमः ||
ॐ शुचये नमः ||
ॐ शुभ्राय नमः ||
ॐ जयिने नमः ||
ॐ जयफलप्रदाय नमः ||
ॐ सुधामयाय नमः ||
ॐ सुरस्वामिने नमः ||
ॐ भक्तनामिष्टदायकाय नमः ||
ॐ भुक्तिदाय नमः ||
ॐ मुक्तिदाय नमः ||
ॐ भद्राय नमः ||
ॐ भक्तदारिद्र्यभञ्जनाय नमः ||
ॐ सामगानप्रियाय नमः ||
ॐ सर्वरक्षकाय नमः ||
ॐ सागरोद्भवाय नमः ||
ॐ भयान्तकृते नमः ||
ॐ भक्तिगम्याय नमः ||
ॐ भवबन्धविमोचकाय नमः ||
ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः ||
ॐ जगदानन्दकारणाय नमः ||
ॐ निस्सपत्नाय नमः ||
ॐ निराहाराय नमः ||
ॐ निर्विकाराय नमः ||
ॐ निरामयाय नमः ||
ॐ भूच्छयाच्छादिताय नमः ||
ॐ भव्याय नमः ||
ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः ||
ॐ सकलार्तिहराय नमः ||
ॐ सौम्यजनकाय नमः ||
ॐ साधुवन्दिताय नमः ||
ॐ सर्वागमज्ञाय नमः ||
ॐ सर्वज्ञाय नमः ||
ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः ||
ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः ||
ॐ सिताङ्गाय नमः ||
ॐ सितभूषनाय नमः ||
ॐ श्वेतमाल्याम्बरधराय नमः ||
ॐ श्वेतगन्धानुलेपनाय नमः ||
ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः ||
ॐ दण्डपानये नमः ||
ॐ धनुर्धराय नमः ||
ॐ कुन्दपुष्पोज्ज्वलाकाराय नमः ||
ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः ||
ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः ||
ॐ अत्यन्तविनयाय नमः ||
ॐ प्रियदायकाय नमः ||
ॐ करुणारससंपूर्णाय नमः ||
ॐ कर्कटप्रभवे नमः ||
ॐ अव्ययाय नमः ||
ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः ||
ॐ चतुराय नमः ||
ॐ दिव्यवाहनाय नमः ||
ॐ विवस्वन्मण्डलज्ञेयवसाय नमः ||
ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः ||
ॐ महेश्वरप्रियाय नमः ||
ॐ दान्ताय नमः ||
ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः ||
ॐ ग्रहमण्डलमध्यस्थाय नमः ||
ॐ ग्रसितार्काय नमः ||
ॐ ग्रहाधिपाय नमः ||
ॐ द्विजराजाय नमः ||
ॐ द्युतिकलाय नमः ||
ॐ द्विभुजाय नमः ||
ॐ द्विजपूजिताय नमः ||
ॐ औदुम्बरनगावासाय नमः ||
ॐ उदाराय नमः ||
ॐ रोहिणीपतये नमः ||
ॐ नित्योदयाय नमः ||
ॐ मुनिस्तुत्याय नमः ||
ॐ नित्यानन्दफलप्रदाय नमः ||
ॐ सकलाह्लादनकराय नमः ||
ॐ पलाशेध्मप्रियाय नमः ||
||इति चन्द्र अष्टोत्तरशतनामावलिः सम्पूर्णम् ||
चन्द्र बीज मन्त्र – Chandra Beej Mantra
ॐ श्राँ श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः