छहमुखी रुद्राक्ष की सतह पर 6 प्राकृतिक सीधी रेखाएं होती हैं। इसे समस्या के समाधान रुद्राक्ष रूप में माना जाता है, क्योंकि यह व्यक्ति को सभी परेशान स्थितियों से बाहर निकालता है। यह भगवान कार्तिकेय द्वारा शासित है जो भगवान शिव और पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र हैं। कार्तिकेय का जन्म ताराकसुर राक्षस को मारने के लिए हुआ था जिसने पूरे देवलोक और धरती पर आतंक मचा रखा था। 6 मुखी रुद्राक्ष मंगल ग्रह से संबंधित है लेकिन शुक्र ग्रह द्वारा शासित है। 6 मुखी रुद्राक्ष को तीन देवियों सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती का स्वरूप माना गया है। यह पहनने वाले को असीम गुणों के साथ आशीर्वाद प्रदान करता है।
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छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने के फायदे
यह रुद्राक्ष पहनने वाले के आकर्षण को बढ़ाता है यह रुद्राक्ष व्यक्ति में बुद्धिमानी से सोचने के लिए ज्ञान को बढ़ाता है यह रुद्राक्ष बुद्धि और स्थिर मन को अनुदान देता है यह रुद्राक्ष व्यक्ति के वक्तव्य कौशल को बढ़ाता है और कलात्मक गुणों को बढ़ाता है. यह रुद्राक्ष शुक्र ग्रह के प्रभाव को नियंत्रित करता है यह रुद्राक्ष पहनने वाले के मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है यह रुद्राक्ष गाइनो की संमस्याओं को दूर करने में मदद करता है यह रुद्राक्ष मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को मजबूत करने में मदद करता है यह रुद्राक्ष इच्छाशक्ति और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है यह रुद्राक्ष व्यक्ति को मजाकिया और आकर्षक बनाता है यह रुद्राक्ष पहनने वाले के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने में मदद करता है यह रुद्राक्ष धारक की यौन समस्याओं के इलाज में मदद करता है यह रुद्राक्ष पहनने वाले के कानूनी समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है यह रुद्राक्ष व्यक्ति को भावनात्मक आघात से उबरने में मदद करता है और जीवन से दुख को दूर कर देता है रुद्राक्षधारी आत्मघृणा, झुंझलाहट और क्रोध जैसी भावना से छुटकारा पा सकता है
किन जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए
राशि के अनुसार – वृषभ राशि, तुला राशि वालों को छह मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए लग्न के अनुसार – वृषभ लग्न, तुला लग्न वालों को छह मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए नक्षत्र के अनुसार – भरणी नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र वालों को छह मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए मूलांक अंक 6 वालों को छह मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए
छह मुखी रुद्राक्ष को धारण की विधि
छह मुखी रुद्राक्ष को पहनने के लिए मंगलवार का दिन शुभ होता है। इसे सुर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करने के पश्चात घर की पूर्व दिशा में बैठकर “ओम ह्रीं हं नम:” का 108 बार जाप करना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन पांच माला ऊँ नम: शिवाय का जाप करना चाहिए।
सावधान रहे – रत्न और रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रत्न और रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रत्न और रुद्राक्ष ख़रीदे, अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
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