राहु एक छाया ग्रह है। इसका अपना कोई अस्तित्व नहीं है, यह जिस भाव, राशि, नक्षत्र या ग्रह के साथ से जुड़ जाता है, उसके अनुसार ही अपना फल देने लगता है। राहु जब नीच का या अशुभ होकर प्रतिकूल फल देने लगता है तो ज्योतिष के जानकार लोग गोमेद पहनने का सुझाव देते है। गोमेद राहु का रत्न है, इसे पहनने से लाभ और हानि दोनों हो सकते है। इसलिए गोमेद पहनने से पहले उसके बारें में अच्छे से जान लेना जरूरी होता है
गोमेद के विविध नाम- गोमेद, गोमेदक, तपोमणि, पिग स्फटिक, जटकूनिया,
गोमेद आकर्षक पारदर्शक पारभासक तथा अपारदर्शक पत्थर है।
जो दूर से स्वच्छ गोमूत्र अथवा अंगार के समान रंग का हो, वजनी कड़कदार हो, जिसमें परत न हो, जो छूने पर कोमल और चमकदार हो, वह उत्तम जाति का गोमेद माना जाता है।
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गोमेद को तीन वर्गो में बांटा जा सकता है
उच्च वर्ग-जो गोमेद स्वच्छ, पारदर्शक, गोमूत्र के समान पीलापन लिए हुये लाल रंग का बराबर कोण वाला,चमकीला, चिकना सुन्दर हो, उसे उच्च वर्ग का गोमेद कहा जाता है।
मध्यम वर्ग-ऐसा गोमेद भूरापन लिए हुये लाल रंग का होता है।
निम्न वर्ग-जो गोमेद खुदरापन लिए हुये अपारदर्शी, छायारहित छींटो से युक्त पीले कॉच के समान दिखाई देने वाला हो, वह निम्न वर्ग का गोमेद कहलाता है।
गोमेद धारण करने के लाभ
जब व्यक्ति के बनते हुये काम में बाधायें आने लगे, भूत-प्रेत का भय हो, किसी ने काम को बॉध दिया हो या फिर अचनाक व्यवसाय में हानि हो रही हो तो गोमेद धारण करने से लाभ मिलता है। यदि किसी के पास धन रूकता न हो तो गोमेद धारण करने लाभ मिलता है। पति-पत्नी में आपसी तनाव रहता हो और तलाक तक की नौबत आ जाये तो गोमेद पहनने से रिश्ते फिर से मधुर हो जाते है। जिस व्यक्ति का मन परेशान रहता हो, घर में दिल न लगे, मन उखड़ा-उखड़ा रहे तो उसे गोमेद अवश्य धारण करना चाहिए।
गोमेद किसे धारण करना चाहिए
जिन व्यक्तियों की राशि अथवा लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ हो उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए।
यदि राहु जन्मकुण्डली में केन्द्र 1, 4, 7, 10 इनमें से किसी भाव में हो या फिर पॉचवें व नवम भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होता है।
राजनीति में सफलता हासिल करने वाले लोगों को गोमेद धारण करने से विशेष लाभ होता है।
गोमेद किसे धारण करना चाहिए
जिन व्यक्तियों की राशि अथवा लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ हो उन्हें गोमेद धारण करना चाहिए।
यदि राहु जन्मकुण्डली में केन्द्र 1, 4, 7, 10 इनमें से किसी भाव में हो या फिर पॉचवें व नवम भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होता है।
राजनीति में सफलता हासिल करने वाले लोगों को गोमेद धारण करने से विशेष लाभ होता है।
यदि राहु द्वितीय, एकादश भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होगा किन्तु यदि राहु छठें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो गोमेद सोंच-समझकर पहने अन्यथा हानि हो सकती है।
गोमेद धारण करने की विधि
शनिवार के दिन अष्टधातु या चॉदी की अंगूठी में जड़वाकर पूजन करने के बाद निम्न – ॐ विष्णु देवाय नमः ( या ) ‘‘ऊॅ रां राहवे नमः” मन्त्र की कम से कम एक माला जाप करके मध्यमा उॅगली में धारण करना चाहिए
सव्वा चार कैरेट से सव्वा आठ कैरेट या रत्ती के बीचमे जो भी वजन का मिले तो पहेन सकते है।
नोट करें ये रत्न गले में लॉकेट यह रिंग के रूप में पहन सकते हैं।
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