लेख सारिणी
ग्रहों की शांति के लिए शिव साधना
सूर्य, चन्द्रमा सहित सभी ग्रह काल के आधार हैं और काल पर महादेव का अधिकार है इसीलिए तो वे महाकाल कहलाते हैं। ऐसा कौनसा ग्रह है जो शिव की साधना से शांत न हो। आपकी कुंडली में शनि, राहू, मंगल या किसी भी ग्रह से परेशानी हो। दशा, महादशा, अन्तर दशा या क्रूर ग्रहों की युतियों से संकट खडा हो गया हो तो सावन मास में भोलेनाथ की साधना से ग्रहों को शांत किया जा सकता है। ग्रहों के कष्ट, परेशानियों में कमी लाई जा सकती है। किस ग्रह की पीडा से निजात पाने के लिए क्या उपाय किए जाएं ? यह जान लीजिए।
सूर्य ग्रह की शांति
आंखों की समस्या, बाल, सिरदर्द, हड्डी संबंधी रोग, पिता से अनबन हो या सरकारी नौकरी में बाधा सूर्य ग्रह के कारण आ रही हो तो इस सावन में आप आक, धतूरा और बिल्बपत्र शिवलिंग पर चढाते हुए ‘‘ऊँ नमःशिवाय’’ अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
चन्द्र ग्रह की शांति
चन्द्र ग्रह जब प्रतिकूल हो तो मानसिक चिंता रहती है, डिप्रेशन और अज्ञात भय सदा सताता है। आपके साथ भी ऐसा है तो आप सावन में हर सोमवार को दुग्धाभिषेक के साथ रूद्री पाठ करें।
मंगल ग्रह की शांति
मंगल ग्रह की दशा, अन्तर दशा हो तो विवाह में विलंब, दाम्पत्य जीवन में खटास, रक्त संबंधी विकार, ब्लड कैंसर जैसी समस्याएं खडी होती है। इसके लिए सावन माह में गीलोय, गीलोय एक जडी बूटी है, जिसका रस निकाला जाता है, उससे महामृत्युंजय मंत्र जप करते हुए अभिषेक करें।
बुध ग्रह की शांति
शरीर में चर्बी बढ़ना यानी मोटापा, प्लानिंग और मैंनेजमेंट का कारक है बुध ग्रह। बुध ग्रह को स्ट्रोंग करने के लिए सावन में पंचामृत से अभिषेक और महामृत्युजंय मंत्र का जाप आपको शुभ फल प्रदान करेगा।
गुरू ग्रह की शांति
शिक्षाकारक ग्रह गुरु, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने की राह दिखाता है। साथ ही चर्म रोग का भी कारक है। शिक्षा में सफलता व चर्म रोगों से मुक्ति के लिए सावन माह में दूध में केसर मिलाकर महामृत्युंजय मंत्र के जाप के साथ शिव का अभिषेक करें।
शुक्र ग्रह की शांति
संतान संबंधी कोई समस्या हो, किडनी, मूत्र या गुप्त रोग हो तो शुक्र ग्रह की शांति के उपाय करें। सावन माह में पंचामृत से अभिषेक व ‘‘ऊँ नमः शिवाय’’ मंत्र जाप से राहत मिलेगी।
शनि ग्रह की शांति
दुर्घटना की आशंका बनी रहती है यदि शुक्र पीड़ित हो साथ ही जोडो में दर्द, गर्दन में दर्द का कारक भी है। सावन में गन्ने के रस से अभिषेक के साथ ‘‘ऊँ नमःशिवाय’’ के जाप से राहत मिलेगी।
राहु-केतु ग्रह की शांति
ये दोनों छाया ग्रह आकस्मिक परेशानियों के कारक हैं साथ ही अज्ञात भय देते हैं। सावन में मृत संजीवनी मंत्र के जाप से राहु-केतु जनित कष्टों से राहत मिलेगी।