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गुरु ग्रह का महत्व, गुरु ग्रह से होने वाले रोग, गुरु ग्रह मंत्र जाप

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गुरु गृह गये पढ़न रघुराई

गुरु गृह गये पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब पाई।।

भावार्थ – व्यक्ति को बिना गुरु की कृपा के कुछ भी प्राप्त नहीं हो सकता। गुरु शरण में जाने से ही मुक्ति का द्वार खुलता है। सद्गति पाने के लिए गुरु के चरण रज प्राप्त होना परमावश्यक है। गुरु की कृपा से व्यक्ति में बुद्धिमानता बढ़ती है और उन्हें अध्ययन, समझ, और सोच की शक्ति मिलती है। गुरु ग्रह की दशा या उपस्थिति के दौरान व्यक्ति को शिक्षा, विद्या, व्यापार, धर्म, संस्कृति, और धन संबंधी विषयों में लाभ प्राप्त होता है।

गुरु ग्रह का महत्व

अगर आप मेहनत करते हैं, लेकिन उसका आपको अच्छा फल नहीं मिलता, आपकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। तो आपको अपने जीवन में सुकून-शांति और धन के लिए देव गुरु बृहस्पति की विशेष कृपा प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए। गुरु ग्रह को वैदिक ज्योतिष में सभी नव ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है। जीवन में सफलता पाने के पीछे गुरु की ही कृपा मानी गई है।

ज्योतिष के अनुसार जिंदगी में आने वाली हर सफलता के पीछे गुरु ग्रह का मजबूत होना आवश्यक माना गया है। यदि आपकी कुंडली में गुरु मजबूत है तो निश्चित तौर पर आपको सफलता हासिल होगी। व्यक्ति की सफलता के पीछे उसकी सकारात्मक ऊर्जा होती है, और गुरु व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने का काम करते हैं।

यदि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा है तो वह कठिन से कठिन काम को भी समय रहते बड़ी आसानी से कर लेता है, परंतु यदि गुरु कमजोर है तो आपको अपने जीवन में हर प्रकार की मुश्किलों का सामना करना होगा। आपके बने हुए काम भी बिगड़ जाएंगे, आपको समाज में मान सम्मान प्राप्त नहीं होगा। आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर बनी रहेगी, और आपका स्वास्थ्य जीवन भी प्रभावित होगा।

गुरु ग्रह से होने वाले रोग

ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि ग्रहों की चाल से हमारे जीवन और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। गुरु ग्रह (बृहस्पति ग्रह) की दशा या प्रकोप के दौरान व्यक्ति को कुछ रोग हो सकते हैं। यह रोग शारीरिक, मानसिक या आध्यात्मिक रूप से हो सकते हैं। हालांकि, ग्रहों के प्रभाव को ठीक से समझने के लिए ज्योतिष शास्त्र का गहरा ज्ञान और व्यापक अध्ययन की आवश्यकता होती है।

गुरु ग्रह से होने वाले रोगों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. पेट संबंधी रोग: गुरु ग्रह की दशा में पेट संबंधी रोग जैसे कब्ज, एसिडिटी, गैस, आदि हो सकते हैं।
  2. शरीर के विकार: गुरु ग्रह के दोष से शरीर में सूजन, जोड़ों में दर्द, पीठ और पैरों में दर्द, आदि का अनुभव हो सकता है।
  3. मानसिक संबंधी समस्याएं: अगर गुरु ग्रह के प्रकोप के समय में कुंडली में कुछ दोष हो तो मानसिक संबंधी समस्याएं जैसे कि मनोरोग, उदासी, चिंता आदि भी प्रकट हो सकते हैं।
  4. दांत संबंधी समस्या: गुरु ग्रह के प्रकोप के समय में दांतों से संबंधित समस्याएं जैसे दांत दर्द, मसूड़ों की समस्याएं आदि भी हो सकती हैं।
  5. प्राकृतिक आपदाएं: गुरु ग्रह के दोष के समय नाना प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं भी हो सकती हैं, जैसे बाढ़, अचानक आगंतुक घातक परिस्थितियां, आदि।

गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय

गुरुवार के दिन ना करें धन का लेनदेन

जिन जातकों पर गुरु की विशेष कृपा होती है। उनकी आर्थिक स्थिति सदैव मजबूत होती है और उन्हें जीवन में किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। इसलिए वैदिक ज्योतिष में बताए गए नियम के अनुसार गुरुवार के दिन पैसों का लेन-देन नहीं करना चाहिए। पैसों का लेन-देन करने से पहले आपको ये सुनिश्चित करना जरूरी है, की उस दिन गुरुवार ना हो। यदि आप गुरुवार के दिन किसी को धन देते है, या फिर किसी से धन लेते हैं, तो आप पर गुरु की कृपा नहीं होगी और आपकी आर्थिक स्थिति हमेशा कमजोर रहेगी।

गुरुवार के दिन करें विष्णु सहस्रनाम का पाठ

गुरुवार के दिन गुरु को मजबूत बनाने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं, और उसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। शाम के वक्त केले के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाएं और बेसन के लड्डूों का भोग लगाएं। और उसे प्रसाद के रुप में खुद भी ग्रहण करें, और लोगों में भी वितरित करें। ऐसा करने से आप पर विष्णु जी की सदैव कृपा बनी रहेगी और आपको जीवन में हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।

माथे पर केसर का तिलक लगाएं

यदि आप अपने जीवन में गुरु के अनुकूल फल पाना चाहते हैं तो हर गुरुवार यानि कि बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ उन्हें केसर का तिलक भी लगाएं, और पूजा के बाद उस तिलक को अपने माथे पर भी धारण कर लें।  यदि आप के पास केसर का तिलक उपलब्ध नहीं है, तो आप हल्दी का तिलक भी भगवान विष्णु को लगाकर उसका तिलक माथे पर लगा सकते हैं।  ऐसा करने से आप पर गुरु की विशेष कृपा होगी और जीवन में सकारात्मक उर्जा मिलेगी, जिसके प्रभाव से आप जीवन में मुश्किल से मुश्किल काम भी आसानी कर सकेंगे।

गुरुवार का उपवास करें

मुमकिन हो तो गुरुवार के दिन व्रत करें, हालांकि यदि ऐसा मुमकिन नही है तो आपको गुरुवार के दिन पूजा अवश्य करें। भगवान विष्णु को पीले रंग के वस्त्र, पीला भोग और पीले रंग के फूल अवश्य अर्पित करें।

पीली वस्तुओं का दान अवश्य करें

गुरु का सीधा संबंध पीले रंग से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में जो कोई भी व्यक्ति विशेषतौर पर गुरुवार के दिन ज़रुरतमंदों और गरीबों को अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान देते हैं उनपर गुरु देव की विशेष कृपा हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा गुरुवार के दिन अपने माता-पिता को भी उपहार दें और उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन में आने वाली हर तरह की बाधा अवश्य ही दूर होगी।

गुरुवार के दिन नहाने के पानी में डालें हल्दी

जी हाँ, ये बेहद ही छोटा और सरल उपाय है। ऐसा करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक शुद्धता तो होती ही है, साथ ही जीवन में सुख समृद्धि भी बनी रहती है। सिर्फ इतना ही नहीं, हल्दी का यह छोटा उपाय करियर में भी सफलता दिलाने के लिए कारगर माना गया है। इसके अलावा यदि आपके विवाह में किसी तरह की बाधा आ रही हो तो भी यह उपाय करने की सलाह दी जाती है।

करें केले के पेड़ की पूजा

गुरुवार के दिन आप एक अन्य सरल उपाय यह भी कर सकते हैं कि, आप इस दिन केले के पेड़ की पूजा अवश्य करें। शाम को केले के पेड़ के समक्ष दीपक जलाएं और बेसन के लड्डू या बेसन की मिठाई का भोग लगायें। मुख्यतौर पर यदि आप किसी नयी नौकरी के लिए जा रहे हैं तो यह उपाय आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।

गुरु ग्रह मंत्र जाप

गुरु ग्रह (बृहस्पति ग्रह) को प्रसन्न करने के लिए गुरु मंत्र का जाप किया जा सकता है। गुरु मंत्र का जाप करने से आपको ज्ञान, शक्ति, समृद्धि, और संतान की प्राप्ति में सहायता मिलती है। गुरु मंत्र को नियमित रूप से जप करने से गुरु ग्रह के कारण आने वाली कठिनाइयों का समाधान हो सकता है।

गुरु मंत्र: “ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः।”

जप करने की विधि:

  1. सबसे पहले, प्रातःकाल में स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. अपने गुरु का ध्यान करें और मानसिक रूप से उन्हें स्मरण करें।
  3. जप माला के साथ बैठें या खड़े होकर गुरु मंत्र का जाप करें।
  4. मंत्र का जाप करते समय, हर मंत्र को ध्यान से उच्चारण करें और मनन करें। अपने मन को गुरु के चरणों में समर्पित करें।
  5. गुरु मंत्र का जाप १०८ बार, १००८ बार या उससे अधिक बार किया जा सकता है। आप अपनी साधना के अनुसार अधिक बार जप कर सकते हैं।
  6. जप पूरा होने के बाद, गुरु के प्रति आभार व्यक्त करें और उनसे आशीर्वाद लें।

गुरु मंत्र का नियमित जाप करने से आपको गुरु के आशीर्वाद से आयुर्वेद, धर्म, ज्ञान, धन, विवाह, विद्या, संतान, और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यह मंत्र आपके भाग्य को उज्जवल करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।

Written by

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