लेख सारिणी
करधनी रेखा – Kardhani Rekha
रेखाओं का जीवन में बहुत महत्व है जो हमारी परिस्थितिओं व हमारे अच्छे-बुरे समय को व्यक्त करता है, अपने बारे में जानने की उत्सुकता हर किसी को होती है, करधनी रेखा संवेदनशीलता से जुड़ी बातो को प्रदर्शित करती है।
करधनी रेखा कौन सी होती है
करधनी रेखा का आरंभ अर्धवृत्त आकार में कनिष्ठा और अनामिका उंगली के मध्य में और अंत मध्यमा उंगली और तर्जनी पर होता है। इसे गर्डल रेखा या शुक्र का गर्डल भी कहते हैं। यह व्यक्ति को अति संवेदनशील और उग्र बनाती है। जिन व्यक्तियों मे गर्डल या शुक्र रेखा पाई जाती है वह व्यक्ति की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है।
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करधनी रेखा का प्रारम्भ छोटी अंगुली और अनामिका के बीच से होकर अंत मध्यमा व तर्जनी पर होता है, यह रेखा अर्धचंद्राकर आकृति रूप में होती है, यह शुक्र का गर्डल भी कहलाता है। करधनी रेखा जिसे ग्रिडल ऑफ़ वीनस भी कहा जाता है वो अगर व्यक्ति के हाथ में पूरा व्रत बनाती हो तो व्यक्ति के यहाँ चोरी हो जाये या पैसा डूब जाये तो ऐसे एक मामले में, वह व्यक्ति एक लंबे समय तक उस मुद्दे के बारे में सोचता रहेगा, ऐसे व्यक्ति बहुत भावुक होते है जिनके बारे में अनुमान लगाना मुश्किल होता है। वही एक ऐसे व्यक्ति जिसके हाथ में ग्रिडल ऑफ़ वीनस यानि करधनी रेखा अर्ध व्रत ही बनाती है वह अधिक तेजी से परेशानियों के बारे में भूलने में सक्षम हैं और हमेशा एक मुश्किल स्थिति से बाहर का रास्ता पाता है।
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करधनी रेखा का सम्बन्ध
करधनी रेखा का सम्बन्ध व्यक्ति के संवेदनशीलता व उग्र स्वभाव को दर्शाता है तथा ऐसे व्यक्ति दोहरी मानसिकता वाले होते है।