Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

जन्म कुंडली

ज्योतिष, रत्न

जन्मकुंडली के प्रथम भाव से जातक, तीसरे भाव से छोटे भाई-बहन, चैथे भाव से माता, पांचवे भाव से पुत्र, छठे भाव से मामा का सुख, सातवें भाव से पति/पत्नी, दसवें भाव से पिता और ग्यारहवें भाव से बड़े भाई-बहनों का विचार किया जाता है।

कुछ ज्योतिष नवें भाव से पिता का विचार करते हैं। जैसे स्त्री की कुंडली में सातवें भाव से पति का विचार किया जाता है, वैसे ही मातृ भाव, अर्थात चैथे भाव से सातवां घर, अर्थात कुंडली के दशम भाव से ही पिता का विचार करना चाहिए।
इसी प्रकार कुंडली के प्रत्येक भाव से किसी न किसी संबंध का विचार किया जा सकता है।
तीसरे भाव से सातवें घर, अर्थात कुंडली के नौवें घर से छोटे भाई की पत्नी और छोटी बहन के पति का विचार किया जा सकता है।
पांचवें भाव से सातवां घर, अर्थात ग्यारहवें भाव से पुत्र वधू का विचार किया जा सकता है।
मातृ भाव से तीसरे अर्थात छठे घर, से मामा तथा मौसी का विचार करना चाहिए। मातृ भाव से चैथा घर, अर्थात कुंडली के सातवें भाव से, स्त्री के अलावा, माता की माता, अर्थात नानी का विचार किया जा सकता है।
माता के पिता अर्थात नाना के विचार के लिए मातृ भाव से दशम भाव, अर्थात कुंडली के प्रथम भाव से विचार किया जा सकता है।
पिता के छोटे भाई-बहन, अर्थात चाचा एवं बुआ का विचार पितृ भाव, अर्थात दशम भाव से तीसरे घर, अर्थात कुंडली के बारहवें भाव से करें।
पिता के पिता, अर्थात दादा का विचार दशम भाव से दसवां घर, अर्थात कुंडली के सातवें घर से किया जाता है।
पिता की माता, अर्थात दादी के लिए पितृ भाव से चतुर्थ भाव, अर्थात कुंडली के प्रथम भाव से विचार करना चाहिए।
पिता के बड़े भाई, अर्थात ताऊ के विचार के लिए पितृ भाव से ग्यारहवां घर, अर्थात कुंडली के अष्टम भाव से विचार करना चाहिए।
ताई के विचार के लिए अष्टम भाव से सप्तम भाव, अर्थात कुंडली के द्वितीय भाव से विचार करना चाहिए।
चाचा और बुआ का विचार बारहवें भाव से करते हैं। इसलिए चाची और फूफा का विचार कुंडली के छठे भाव से करें।
छठे भाव से मामा और मौसी का विचार करते हैं। इसलिए छठे भाव से सातवें घर, अर्थात कुंडली के बारहवें भाव से मामी और मौसा का विचार करें।
स्त्री की माता, अर्थात सास के लिए स्त्री के घर से चैथा घर, अर्थात दसवें घर, से विचार करना चाहिए।
स्त्री के पिता अर्थात ससुर के लिए स्त्री भाव से दसवें घर, अर्थात कुंडली के चैथे भाव से विचार करना चाहिए।
पत्नी के छोटे भाई-बहनों, अर्थात छोटे साले और सालियों के लिए सप्तम भाव से तीसरा घर, अर्थात कुंडली के नौवें भाव से विचार करें।
बड़े साले और सालियों के लिए सप्तम भाव से ग्यारहवां घर, अर्थात कुंडली के पांचवें भाव को देखना चाहिए। बड़े भाई और बड़ी बहनों का विचार एकादश भाव से करते हैं। वहां से सातवें घर, अर्थात कुंडली के पाचवें भाव से, पुत्र के अलावा, बड़ी भाभी और बड़े जीजा का विचार कर सकते हैं।
यदि किसी स्त्री की कुंडली देख रहे हैं, तो पंचम भाव से जेठ और एकादश भाव से जेठानी का विचार करें। नवम भाव से देवर एवं तृतीय भाव से देवरानी का विचार करें।

इस सिद्धांत को क्रियान्वित करने के पश्चात् इस निष्कर्ष पर पहुंचा जाता है, कि प्रत्येक भाव से किसी न किसी संबंधी का विचार किया जा सकता है।
अगर आपके अपनी माता से मधुर संबंध रहे हैं, तो ससुर के साथ भी मधुर संबंध ही रहेंगे। यदि पिता के साथ मधुर संबंध रहे हैं, तो सास के साथ भी मधुर संबंध ही रहेंगे।
अगर आपकी नानी एक सफल गृहिणी थीं, तो पत्नी भी सफल गृहिणी ही होगी। आपका स्वभाव यदि अपने नाना और आपकी दादी से मिलताजुलता हो, तो पत्नी का स्वभाव भी दादा और नानी जैसा हो सकता है। पुत्र का स्वभाव बड़े साले या बड़े जीजा जैसा हो सकता है।

प्रत्येक भाव से किसी न किसी संबंधी का विचार किया जा सकता है। अगर अपनी माता से मधुर संबंध रहे हैं, तो ससुर के साथ भी मधुर संबंध ही रहेंगे। यदि पिता के साथ मधुर संबंध रहे हैं, तो सास के साथ भी मधुर संबंध ही रहेंगे।

सावधान रहे – रत्न और रुद्राक्ष कभी भी लैब सर्टिफिकेट के साथ ही खरीदना चाहिए। आज मार्केट में कई लोग नकली रत्न और रुद्राक्ष बेच रहे है, इन लोगो से सावधान रहे। रत्न और रुद्राक्ष कभी भी प्रतिष्ठित जगह से ही ख़रीदे। 100% नेचुरल – लैब सर्टिफाइड रत्न और रुद्राक्ष ख़रीदे, अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

अगर आपको यह लेख पसंद आया है, तो हमारे YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें, नवग्रह के रत्न, रुद्राक्ष, रत्न की जानकारी और कई अन्य जानकारी के लिए। आप हमसे Facebook और Instagram पर भी जुड़ सकते है

नवग्रह के नग, नेचरल रुद्राक्ष की जानकारी के लिए आप हमारी साइट Gems For Everyone पर जा सकते हैं। सभी प्रकार के नवग्रह के नग – हिरा, माणिक, पन्ना, पुखराज, नीलम, मोती, लहसुनिया, गोमेद मिलते है। 1 से 14 मुखी नेचरल रुद्राक्ष मिलते है। सभी प्रकार के नवग्रह के नग और रुद्राक्ष बाजार से आधी दरों पर उपलब्ध है। सभी प्रकार के रत्न और रुद्राक्ष सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाते हैं। रत्न और रुद्राक्ष की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00