आज की हमारी चर्चा ज्येष्ठा नक्षत्र पर केंद्रित है । यह आकाशमण्डल में मौजूद अठारहवां नक्षत्र है जो २२६.४० डिग्री से लेकर २४० डिग्री तक गति करता है । ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुद्ध, नक्षत्र देवता इंद्र देव और राशि स्वामी मंगल हैं । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( YourAstrologyGuru.Com ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए हम वचनबद्ध हैं ।
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ज्येष्ठा नक्षत्र वैदिक ज्योतिष में – Jyeshtha Nakshatra in Vedic Astrology :
ज्येष्ठा नक्षत्र आकाशमण्डल में मौजूद तीन तारों से बनी हुई आकृति है । जिसका प्रतीक चिन्ह छाते की आकृति है । ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुद्ध देव हैं और यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में १६.४० डिग्री से ३० डिग्री तक गति करता है । इस नक्षत्र के देवता इंद्र देव हैं । ज्येष्ठा नक्षत्र के जातकों के जीवन पर बुद्ध व् मंगल देव का प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है ।
- नक्षत्र स्वामी : बुद्ध देव
- नक्षत्र देव : इन्द्र
- राशि स्वामी : मंगल देव
- विंशोत्तरी दशा स्वामी : बुद्ध देव
- चरण अक्षर : नो, य, यी, यु
- वर्ण : शूद्र
- गण : राक्षस
- योनि : नर मृग
- नाड़ी : आदि
- पक्षी : बत्तख अथवा स्वान
- तत्व : वायु
- प्रथम चरण : गुरु
- द्वितीय चरण : शनि
- तृतीय चरण : शनि
- चतुर्थ चरण : गुरु
- वृक्ष : शाल्मली या सेवर
- बीज मंत्र : ॐ छं
ज्येष्ठा नक्षत्र जातक की कुछ विशेषताएं व् जीवन Jyeshtha Nakshatra Jatak Characteristics & Life:
ज्येष्ठा नक्षत्र के स्वामी बुद्ध देव हैं तो समझदार या तीक्ष्ण बुद्धि के मालिक तो आप होते ही हैं । साथ ही राशि स्वामी मंगल है जो आपको हृष्ट पुष्ट व् ऊर्जावान बनाता है । आपमें घटनाओं को पहले ही भांप लेने की क्षमता होती है । आपकी बाहें अपेक्षाकृत अधिक लम्बी होती हैं । आप अपने निर्णय स्वयं लेते हैं, किसी की भी सलाह लेना पसंद नहीं करते । आप आत्मविश्वासी हैं जिस वजह से लोग आपको घमंडी भी समझते हैं । हालांकि आप केवल अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हैं और सेवा भावना से ओतप्रोत होते हैं ।आपमें किसी भी काम को तीव्रता से पूर्ण करने की क्षमता होती हैं । कभी कभी जल्दबाजी में निर्णय लेते हैं जिस वजह से बाद में पछताना भी पड़ता है । कमाई के लिए अक्सर ऐसे जातकों को घर से दूर रहना पड़ता है । १८ से लेकर २६ वर्ष तक विशेष संघर्ष रहता है, बहुत से काम बदलने पड़ सकते हैं । प्रतियोगी आप पर हावी नहीं हो पाते ।
इस नक्षत्र की जातिकाएँ साफ़ दिल की, दूसरों का ध्यान रखने वाली होती हैं । इनमे दया भावना प्रचुर मात्रा में होती है । ये बहुत अच्छी प्रबंधक होती हैं । इनकी शिक्षा दीक्षा भी उन्नत होती है । ये प्रशासकीय सेवाओं में कार्यरत होती हैं । ये भी स्वयं को दूसरों की अपेक्षा बहुत बेहतर समझती हैं जिस वजह से इन जातिकाओं में अहम की भावना बलवान हो जाती है और इनके वैवाहिक जीवन में भी दिक्कतें आ जाती हैं ।
ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक/ जातिका की मैरिड लाइफ Jyeshtha Nakshatra jatak/jatika married life :
ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक की मैरिड लाइफ अच्छी नहीं कही जा सकती है । अक्सर पति पत्नी एक दुसरे से दूर रहते पाए जाते हैं । यदि पति अपने क्रोध व् नशे की आदत को बदल दे तो वैवाहिक जीवन में सुधार हो सकता है । अन्य लोगों के साथ व्यस्त रहने की वजह से कभी कभी खुद के बच्चे भी निगलेक्ट फील करते हैं ।
ज्येष्ठा नक्षत्र जातक का स्वास्थ्य Jyeshtha Nakshatra jaataka health :
ये अक्सर बीमार हो जाते हैं । अस्थमा, हाथ और कन्धों के जोड़ों में दर्द, आंत से सम्बंधित रोग, खांसी जुकाम इत्यादि होने की संभावना अक्सर रहती है । इस नक्षत्र की जातिकाओं को गर्भाशय सम्बन्धी समस्या आ सकती है । रोजाना बीज मन्त्र का १०८ बार उच्चारण करें आपकी रोग प्रतिकारक क्षमता में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव दूर होता है, सफलता मिलने में सहायता प्राप्त होती है । नक्षत्र से सम्बंधित पेड़ से निर्मित औषधि रोगों को दूर करने में बहुत अधिक सहायक होती है ।
ज्येष्ठा नक्षत्र जातक शिक्षा व् व्यवसाय – Jyeshtha Nakshatra jatak Education & business :
१८ से २६ वर्ष तक कडा संघर्ष रहता है, बहुत से व्यवसाय बदलते हैं । इसके बाद अपनी मेहनत के बलबूते आगे बढ़ते हैं । आप सुरक्षा विभाग, में कार्यरत हो सकते हैं, कम्युनिकेशन सम्बन्धी प्रोफेशन में जा सकते हैं, अभिनेता, कथा वाचक, शल्य चिकित्सक या डिफेन्स सर्विसेज में कार्यरत हो सकते हैं । इस नक्षत्र की जातिकाएँ अच्छी प्रबंधक होती हैं ।
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