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कृष्ण मंत्र श्लोक – Krishna Mantra & Krishna Sloka

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कृष्ण मंत्र श्लोक – Krishna Mantra Sloka

Krishna Sloka in Sanskrit – श्रीकृष्ण के मंत्र (Mantra of Shri Krishna) और कृष्ण श्लोक (Sloka on Krishna) ना सिर्फ आर्थिक समस्या दूर करते हैं बल्कि जीवन की हर परेशानी में कान्हा के चमत्कारी मंत्र और श्लोक सहायक सिद्ध होते हैं। चाहे संतान प्राप्ति हो या घर में होने वाले कलह, लव मैरिज हो या विजय प्राप्ति की अभिलाषा, हर समस्या का अंत करते हैं, कृष्णाष्टमी का व्रत करने वालों के सब क्लेश दूर हो जाते हैं। दुख-दरिद्रता से उद्धार होता है। जिन परिवारों में कलह-क्लेश के कारण अशांति का वातावरण हो, वहां घर के लोग जन्माष्टमी का व्रत करने के साथ इस मंत्र का अधिकाधिक जप करें |


Mantra of Shri Krishna – कृष्णा मंत्र

पारिवारिक खुशियों के लिए श्री कृष्णा मंत्र

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:

इस मंत्र का नित्य जप करते हुए श्रीकृष्ण की आराधना करें। इससे परिवार में खुशियां वापस लौट आएंगी।

शीघ्र विवाह के लिए श्री कृष्णा मंत्र 

क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।

जीन युवा – युवतियों का विवाह नहीं हो रहा है या विलम्ब हो रहा है उन्हें इस महा मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए |

हरे कृष्ण मंत्रHare Krishna Mantra

हरे कृष्ण हरे कृष्ण । कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम । राम राम हरे हरे ॥


श्री कृष्णा मंत्र – Mantra of Shri Krishna

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
  • ॐ श्री कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय नमः
  • ॐ श्री कृष्णाय नमः

कृष्ण श्लोक – Sloka on Krishna 

कस्तूरीतिलकं ललाटपटले वक्षःस्थले कौस्तुभं
नासाग्रे नवमौक्तिकं करतले वेणुं करे कङ्कणम् ।
सर्वाङ्गे हरिचन्दनं सुललितं कण्ठे च मुक्तावलिं
गोपस्त्री परिवेष्टितो विजयते गोपाल चूडामणिः ॥

कृष्ण मंत्र – Mantra of Shri Krishna

कृं कृष्णाय नमः

यह श्रीकृष्ण का बताया मूलमंत्र है जिसके प्रयोग से व्यक्ति का अटका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है। धार्मिक उद्देश्यों के अनुसार यदि आप इस मंत्र का लाभ पाना चाहते हैं तो प्रातःकाल नित्यक्रिया व स्नानादि के पश्चात एक सौ आठ बार इसका जाप करें। ऐसा करने वाले मनुष्य सभी बाधाओं एवं कष्टों से सदैव मुक्त रहते हैं। इस मंत्र से कहीं भी अटका धन तुरंत प्राप्त होता है।

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ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा

यह कोई साधारण मंत्र नहीं बल्कि श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध होता है। धार्मिक मान्यतानुसार जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता।

गोवल्लभाय स्वाहा

देखने में यह केवल दो शब्द दिखाई दे रहे हैं लेकिन धार्मिक संदर्भ से देखें तो इन शब्दों को बनाने के लिए प्रयोग में आए सात अक्षर बेहद महत्वपूर्ण हैं। यदि उच्चारण के समय एक भी अक्षर सही से नहीं पढ़ा जाए, तो इस मंत्र का असर खत्म हो जाता है। आपको बता दें कि इस सात अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र से अपार धन प्राप्ति होती है। तो यदि आप भी जल्द से जल्द बहुत सारा धन पाना चाहते हैं तो जब समय मिले इस मंत्र का जाप करें। उठते-बैठते, चलते-फिरते… हर समय इस मंत्र का उच्चारण सही रूप से करते रहें। यूं तो इस मंत्र के जाप के लिए कोई विशेष संख्या नहीं बांधी गई है, लेकिन ऐसा पाया गया है कि मंत्र जाप के सवा लाख होते ही आर्थिक स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होने लगता है।

गोकुल नाथाय नमः

इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं। जी हां… अब वह इच्छा धन से संबंधित हो, भौतिक सुखों से संबंधित हो या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हो। इस मंत्र का सही उच्चारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः

आर्थिक स्थिति को सुधारने वाले इस मंत्र का प्रयोग जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह मंत्र आर्थिक स्थिति को ना केवल ठीक करता है, वरन् उसमें तेजी से वृद्धि लाता है।

ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय

अभी तक जितने भी मंत्र हमने बताए वह सभी सुख एवं संपदा से जुड़े हैं लेकिन यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है। जी हां… जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं रहा तो वे प्रात: काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें। कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी फल प्राप्त होगा।


ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो

यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन इसका प्रभाव उतना ही तेज़ है। यह मंत्र वाणी का वरदान देता है। यहां वाणी से अर्थ उनके लिए नहीं है जो अपनी आवाज़ खो चुके हों… यह मंत्र वागीशत्व प्रदान करता है अर्थात् ऐसी शक्ति जिससे आपकी वाणी की क्षमता मजबूत हो जाती है और जो भी बोलें वह सही सिद्ध हो जाता है।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री

यह 23 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने मंं सहायक सिद्ध होता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी साधक इस तेइस अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं आती। उसकी धन से संबंधित सभी बाधाएं इस मंत्र के नियमित प्रयोग से दूर हो जाती हैं।

ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा

यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं।

लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा

श्रीकृष्ण के इस मंत्र में उन्तीस (29) अक्षर हैं, जिसका जो भी साधक एक लाख जप के साथ घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन भी करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है।

नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा


श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है। इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें। आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा…

ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे

33 अक्षरों वाले इस मंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे। इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं। यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए।

कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान्‌ इति कृष्णः॥ ओम्‌ वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीवसे 

श्रीकृष्ण के इस मंत्र में तैंतीस (33) अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है।

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