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लग्न का अर्थ कुंडली का प्रथम भाव

अगर –

लग्न में 1 नंबर लिखा होगा तो मेष लग्न,लग्न में 2 नंबर लिखा होगा तो वृष लग्न,लग्न में 3 नंबर लिखा होगा तो मिथुन लग्न,लग्न में 4 नंबर लिखा होगा तो कर्क लग्न,लग्न में 5 नंबर लिखा होगा तो सिंह लग्न,लग्न में 6 नंबर लिखा होगा तो कन्या लग्न,लग्न में 7 नंबर लिखा होगा तो तुला लग्न,लग्न में 8 नंबर लिखा होगा तो वृश्चिक लग्न,लग्न में 9 नंबर लिखा होगा तो धनु लग्न,लग्न में 10 नंबर लिखा होगा तो मकर लग्न,लग्न में 11 नंबर लिखा होगा तो कुम्भ लग्न,लग्न में 12 नंबर लिखा होगा तो मीन लग्न।

तो आप अपनी कुंडली देखकर अपना लग्न क्या है पहचान सकते है। अब हम देखेंगे लग्न के हिसाब से हमारे लिए राजयोगकरी ग्रह कोनसे है।

मेष लग्न के लिए मंगल, सूर्य, गुरु राजयोगकारक होता है।वृष लग्न के लिए शुक, बुध, शनि राजयोगकारक होता है।तुला लग्न के लिए शुक्र, बुध, शनि राजयोगकारक होता है।मिथुन लग्न के लिए बुध, शुक्र, शनि राजयोगकारक होता है।कर्क लग्न के लिए चन्द्रमा, मंगल, गुरु राजयोगकारक होता है।सिंह लग्न के लिए सूर्य, मंगल राजयोगकारक होता है।वृश्चिक लग्न के लिए मंगल, गुरु, चन्द्रमा, सूर्य राजयोगकारक होता है।धनु लग्न के लिए गुरु, मंगल, सूर्य राजयोगकारक होता है।मकर लग्न के लिए शनि, शुक्र बुध राजयोगकारक होता है।कुम्भ लग्न के लिए शनि, बुध, शुक्र राजयोगकारक होता है।मीन लग्न के लिए गुरु, मंगल, सूर्य राजयोगकारक होता है।

चलो अब हम ग्रहों के राशि रत्नों के बारे में देखते है।
माणिक सूर्य के लिए, पुखराज गुरु के लिए, मोती चन्द्रमा के लिए, मूंगा मंगल के लिए, हिरा या ओपल शुक्र के लिए, नीलम शनि के लिए, पन्ना बुध के लिए, गोमेद राहू के लिए, लहसुनिया केतु के लिए। उपरोक्त लग्न के अनुसार रत्न धारण कर सकते है हमेशा आपको लाभकारी होगा। विशेष ध्यान रखे रत्नों का वजन कम से कम 5 रति या अधिक होना चाहिए। कम वजन वाले रत्न कभी धारण नहीं करना चाहिए।

माणिक हमेशा सोने में रविवार को सुबह धारण करना चाहिए। पुखराज हमेशा सोने में गुरुवार को सुबह धारण करना चाहिए। मूंगा तांबे में धारण मंगलवार को सुबह करना चाहिए। मोती चांदी में सोमवार को धारण करना चाहिए।

हिरा सफ़ेद गोल्ड, चांदी में शुक्रवार को धारण करें। पन्ना चांदी, सोने में बुधवार को सुबह धारण किया जा सकता है। नीलम अष्टधातु या चांदी में शनिवार को सुबह अथवा शाम धारण करना लाभ दायक होगा। गोमेद, लहसुनिया बुधवार या शनिवार अष्ट धातु या चांदी में धारण करना लाभ दायक होगा।
केवल गोमेद, या लहसुनिया यह रत्न किसी ज्योतिष सलाह से हि धारण करना चाहिए। बाकी लग्न से अनुसार अगर राशि रत्न धारण करते है तो आपको लाभ होगा। रत्नों को ग्रहों के बिज मंत्र से अभिमंत्रित करें तथा ग्रह सम्बंधित दान कर धारण करना चाहिए। इस लिए किसी विशेषज्ञ राय ले सकते है।

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Your Astrology Guru

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