Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

 माँ कालरात्रि के ध्यान और उपासना मंत्र, स्त्रोत और कवच पाठ

Uncategorized

माँ कालरात्रि के मंत्र, स्त्रोत और कवच पाठ Mp3 Download

नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा (Kalratri Mantra & Strotam Japa) इनके शरीर का रंग काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में नरमुंड की माला है। त्रिनेत्री हैं। इनका वाहन गर्दभ (गधा) है। मां कालरात्रि दैहिक, दैविक और भौतिक तापों को दूर करती हैं। मंगल ही मंगल करती हैं। मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी कहा जाता है। कहा जाता है कि देवी दुर्गा ने असुर रक्तबीज का वध करने के लिए कालरात्रि को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इनकी उपासना से प्राणी सर्वथा भय मुक्त हो जाता है।

भगवान शंकर ने एक बार देवी को काली कह दिया, कहा जाता है, तभी से इनका एक नाम काली भी पड़ गया। दानव, भूत, प्रेत, पिशाच आदि इनके नाम लेने मात्र से भाग जाते हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप काला है, लेकिन यह सदैव शुभ फल देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम शुभकारी भी है।

माँ कालरात्रि का उपासना मंत्र 

एकवेणी जपाकर्णपुरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यशरीरिणी॥

वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा।

वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिभर्यङ्करी ॥

माँ कालरात्रि का ध्यान

करालवदनां घोरांमुक्तकेशीं चतुर्भुताम्।

कालरात्रिंकरालिंका दिव्यांविद्युत्माला विभूषिताम्॥

दिव्य लौहवज्रखड्ग वामाघो‌र्ध्वकराम्बुजाम्।

अभयंवरदांचैवदक्षिणोध्र्वाघ:पाणिकाम्॥

महामेघप्रभांश्यामांतथा चैपगर्दभारूढां।

घोरदंष्टाकारालास्यांपीनोन्नतपयोधराम्॥

सुख प्रसन्न वदनास्मेरानसरोरूहाम्।

एवं संचियन्तयेत्कालरात्रिंसर्वकामसमृद्धिधदाम्॥

माँ कालरात्रि का स्तोत्र

हीं कालरात्रि श्रींकराली चक्लींकल्याणी कलावती।

कालमाताकलिदर्पध्नीकमदींशकृपन्विता॥

कामबीजजपान्दाकमबीजस्वरूपिणी।

कुमतिघन्कुलीनार्तिनशिनीकुल कामिनी॥

क्लींहीं श्रींमंत्रवर्णेनकालकण्टकघातिनी।

कृपामयीकृपाधाराकृपापाराकृपागमा॥

माँ कालरात्रि का कवच

ॐ क्लींमें हदयंपातुपादौश्रींकालरात्रि।

ललाटेसततंपातुदुष्टग्रहनिवारिणी॥

रसनांपातुकौमारी भैरवी चक्षुणोर्मम

कहौपृष्ठेमहेशानीकर्णोशंकरभामिनी।

वद्यजतानितुस्थानाभियानिचकवचेनहि।

तानिसर्वाणिमें देवी सततंपातुस्तम्भिनी॥

माँ कालरात्रि मंत्र जप

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।।

माँ कालरात्रि साधना मंत्र

धां धीं धूं धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु।।

माँ कालरात्रि बीज मंत्र

ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ( तीन, सात या ग्यारह माला करें)

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00