मन पेरशान है, दिल भी हैरान है,
हरता जा रहा, तू कहा श्याम है,
चलते चलते प्रभु, आ गया मैं कहा,
कुछ खबर ही नही, कुछ नई जान है,
मन पेरशान है…
है कठिन ये सफ़र, दूर मंजिल बड़ी,
ना तो है रेह गुजर, मुश्किले भी खड़ी,
मुश्किले भी खड़ी…
कांपते होठो पे, भी तेरा नाम है,
हरता जा रहा, तू कहा श्याम है,
मन पेरशान है, दिल भी हैरान है…
नीर जैसे मेरे, अश्क है बह रहे,
सुन भी लो ना प्रभु, तुमसे कुछ कह रहे,
तुमसे कुछ कह रहे…
आंसुओ में छुपा, मेरा पैगाम है,
हरता जा रहा, तू कहा श्याम है,
मन पेरशान है, दिल भी हैरान है…
अब समय आ गया, मेरे संकट हरो,
जखम जो भी मेरे, श्याम तुम ही भरो,
श्याम तुम ही भरो…
तेरे निर्मल का बस, तू निगेहबान है,
हरता जा रहा, तू कहा श्याम है,
मन पेरशान है दिल भी हैरान है…