ओ मस्त नज़र वाले तेरी याद सताती है ।
हिचकी पे चली हिचकी तेरी याद सताती है ॥
लगता है मुझे ऐसा ज्यों पास में रहते हो,
हर स्वास मै रहते हो , विश्वास में रहते हो,
नैनो के झरोखों मै मौसम बरसाती है,
ओ मस्त नज़र वाले तेरी याद सताती है,
मनवा है मेरा चंचल, नादाँ है भोला है ,
माया के जखोलो से संसार मै डोला है ,
ढलती हुई रातो मै नज़रे टकराती है ,
ओ मस्त नज़र वाले तेरी याद सताती है,
फरियादी है यह दर का इसे भूल नही जाना,
कानो में पड़ा होगा इस दास का अफसाना,
गजराज की जुहरी को मेरी हार बुलाती है,
ओ मस्त नज़र वाले तेरी याद सताती है,
तुम श्याम बहादुर के पूंजी हो खजाने की,
‘शिव’ साथ मेरे रहना यह अर्ज दीवाने की,
बांकी सी अदा तेरी मदहोश बनाती है,
ओ मस्त नज़र वाले तेरी याद सताती है,
हिचकी पे चली हिचकी तेरी याद सताती है,
ओ मस्त नज़र वाले तेरी याद सताती है ॥