प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना…2
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
ना धन दौलत ना ही शोहरत और ना कोई खजाना…2
दिल यह चाहे लगा रहे बस दर पे आना जाना
तार जुड़े जो दर से अब वो टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
मोह के बंधन छूट गए सब जब से जुड़ा हूं तुमसे…2
अब तो मिलता है हर गम भी मुस्कुरा के मुझसे
थामे रहना हाथ कभी ;ss छूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
समझ के मुझको अपना तूने पकड़ी मेरी कलाई …2
हर रस्ता आसान हुआ फिर बना जो तू हमराही
जीवन पथ पर साथ तुम्हारा छूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
सोनू को बस यही शिकायत तुमसे यही गिला है…2
इतनी देर से क्यों मेरे बाबा ;s दरबार मिला है
अब यह सिलसिला जन्मो जन्म तक टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना…2
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना..
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना