राहु कवच स्तोत्र – Rahu Kavach Path
अगर आपकी कुंडली में राहु की स्थिति अच्छी ना हो और राहु की महादशा का भोग कर रहे हैं अथवा राहु नीच राशि शत्रु भाव क्या किसी कारण से आपको राहु से कष्ट प्राप्त हो रहा है तो राहु कवच का पाठ करना बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है।
राहु कवच के लाभ – Rahu Kavach Ke Fayde
राहु कवच का पाठ मन को शांति देता है। जीवन से सभी बुराईयों को दूर रखता है और आपको स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनाता है। व्यक्ति के जीवन में राहु गृह की पीड़ा हो उसे यह पाठ अवश्य करना चाहिए। वैदिक शास्त्रों और तंत्र शास्त्रों में समान रूप से सभी नवग्रहों को प्रसन्न करने के लिए भिन्न-भिन्न उपाय बताए गए हैं। इनमे, सर्वश्रेष्रेष्ठ उपाय दान, मंत्र जप, कवच, और स्तोत्र, आदि का है। राहु कवच पाठ एक दुर्लभ कवच है। इसका नियमित पाठ करने से गृह की शांति होती है और जीवन की समस्त समस्याओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
Rahu Kavach Stotra PDF
अथ राहुकवचम्
अस्य श्रीराहुकवचस्तोत्रमंत्रस्य चंद्रमा ऋषिः ।
अनुष्टुप छन्दः । रां बीजं । नमः शक्तिः ।
स्वाहा कीलकम् । राहुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ॥
प्रणमामि सदा राहुं शूर्पाकारं किरीटिन् ॥
सैन्हिकेयं करालास्यं लोकानाम भयप्रदम् ॥ १ ॥
निलांबरः शिरः पातु ललाटं लोकवन्दितः ।
चक्षुषी पातु मे राहुः श्रोत्रे त्वर्धशरीरवान् ॥ २ ॥
नासिकां मे धूम्रवर्णः शूलपाणिर्मुखं मम ।
जिव्हां मे सिंहिकासूनुः कंठं मे कठिनांघ्रीकः ॥ ३ ॥
भुजङ्गेशो भुजौ पातु निलमाल्याम्बरः करौ ।
पातु वक्षःस्थलं मंत्री पातु कुक्षिं विधुंतुदः ॥ ४ ॥
कटिं मे विकटः पातु ऊरु मे सुरपूजितः ।
स्वर्भानुर्जानुनी पातु जंघे मे पातु जाड्यहा ॥ ५ ॥
गुल्फ़ौ ग्रहपतिः पातु पादौ मे भीषणाकृतिः ।
सर्वाणि अंगानि मे पातु निलश्चंदनभूषण: ॥ ६ ॥
राहोरिदं कवचमृद्धिदवस्तुदं यो ।
भक्ता पठत्यनुदिनं नियतः शुचिः सन् ।
प्राप्नोति कीर्तिमतुलां श्रियमृद्धिमायु
रारोग्यमात्मविजयं च हि तत्प्रसादात् ॥ ७ ॥
॥ इति श्रीमहाभारते धृतराष्ट्रसंजयसंवादे द्रोणपर्वणि राहुकवचं संपूर्णं ॥