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राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली ।
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥
दोलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा,
धन योवन और रूप खजाना येही धरा रह जाएगा ।
सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली गली,
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥
प्यारे मित्र सगे सम्बंधी इक दिन तुझे भुलायेंगे,
कल तक अपना जो कहते अग्नि पर तुझे सुलायेंगे ।
जगत सराय दो दिन की है, आखिर होगी चला चली,
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥
क्यूँ करता है तेरी मेरी, छोड़ दे अभिमान को,
झूठे धंदे छोड़ दे बन्दे जप ले हरी के नाम को ।
दो दिन का यह चमन खिला है, फिर मुरझाये कलि कलि,
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥
जिस जिस ने यह हीरे लुटे, वो तो मला माला हुए,
दुनिया के जो बने पुजारी, आखिर वो कंगाल हुए ।
धन दौलत और माया वालो, मैं समझाऊं गली गली,
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥