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मेष राशि का तीन मुखी रुद्राक्ष
मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और मंगल साहस और वीरता का कारक है। साथ ही मंगल के प्रभाव में जातक अडियल और गुस्सैल भी बन जाता है। मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा। मेष राशि के लोगों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि देव का स्वरुप माना गया है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से स्त्री हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है। नीरस बन चुके जीवन में फिर से नई उमंग जगाने के साथ – साथ तीन मुखी रुद्राक्ष पेट से संबधित होने वाली सभी बिमारियों के लिए भी बहुत लाभदायक है।
वृषभ राशि का छह मुखी रुद्राक्ष
अपने लक्ष्य को पाने के लिए वृषभ राशि के लोग बहुत मेहनत करते हैं। वृषभ राशि का स्वामी शुक्र देव हैं और ये भौतिक सुख और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। इस राशि के लोगों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है।
छह मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव पुत्र कार्तिकेय का स्वरुप माना गया है शिव महापुराण अनुसार इस रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने और नियमित पूजा करने से ब्रह्म हत्या के पाप से सभी मुक्ति मिल सकती है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि का विकास होने के साथ – साथ नेतृत्व करने की क्षमता भी विकसित होती है।
शरीर में आने वाले रोगों को भी दूर कर स्वस्थ जीवन प्रदान करता है। इस रुद्राक्ष को विधिवत पूजन कर धारण करने से भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जिसके फलस्वरूप जीवन में आने वाले सभी कष्ट स्वतः ही दूर होने लगते है। इस रुद्राक्ष के प्रधान देव शुक्र देव को माना गया है।
मिथुन राशि का चार मुखी रुद्राक्ष
मिथुन राशि का स्वामी बुध है और बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है। मिथुन राशि के लोग परिवर्तन और गतिशील स्वभाव के होते हैं। मिथुन राशि के जातकों को सफलता और धन की प्राप्ति के लिए चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से संतान प्राप्ति होते है। यह रुद्राक्ष बुद्धि को तीव्र करता है शरीर के रोगों को भी दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से वाणी में मिठास और दूसरों को अपना बनाने की कला विकसित होती है। वेदों और धार्मिक ग्रंथो के अध्यन में भी सफलता प्राप्त होती है। शिवमहापुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को लम्बे समय तक धारण करने से और भगवान शिव के बीज मंत्रो का पाठ करने से जीव हत्या के पाप से भी मुक्ति मिल सकती है।
कर्क राशि का दो मुखी रुद्राक्ष
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है जोकि मन का कारक है। चंद्रमा मन को स्थिरता प्रदान करता है। ये लोग अपने कार्यों को पूरी निपुणता से करते हैं और इसीलिए इन्हें उसमें सफलता भी मिलती है। कर्क राशि के लोगों को दो मुखी और गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा।
दो मुखी रुद्राक्ष को शिव शक्ति का स्वरुप माना जाता है। मष्तिष्क , ह्रदय , फेफड़ों और नेत्र रोगों में इस रुद्राक्ष को धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसे धारण करने से भगवान अर्धनारीश्वर प्रसन्न होते है इसे धारण करने से पति – पत्नी के बीच प्रेम भाव बढ़ता है। युवक- युवतियों के विवाह में यदि विलम्ब हो रहा हो तो इस रुद्राक्ष के धारण करने से शीघ्र शुभ परिणाम मिलते है। कर्क राशी वालो के लिए दो मुखी रुद्राक्ष अत्यधिक लाभकारी है।
सिंह राशि का एक मुखी रुद्राक्ष
सिंह राशि का स्वामी सूर्य देव हैं। सूर्य को सफलता का कारक माना जाता है और जिस पर सूर्य देव की कृपा पड़ गई उसे जीवन में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता है।
सिंह राशि के जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात् भगवान शिव का ही रूप माना गया है। इसकी उत्पत्ति बहुत कम होती है। अतः इसे प्राप्त कर पाना बहुत ही दुर्लभ है एक मुखी रुद्राक्ष सूर्य दोषों को समाप्त करता है। इसे धारण करने से नेत्र संबधी रोग , ह्रदय रोग , पेट रोग और हड्डी के रोगों से मुक्ति मिलती है इस धारण करने से सांसारिक , मानसिक ,शारीरिक और देवीय कष्टों से मुक्ति मिलने के साथ – साथ आत्म मनोबल में वृद्धि होती है।
राशि अनुसार, सिंह राशि के व्यक्ति इसे धारण करें तो उनके लिए यह अधिक उत्तम होता है। असली एक मुखी रुद्राक्ष को प्राप्त कर पाना बहुत ही मुश्किल है।
कन्या राशि का छह मुखी रुद्राक्ष
कन्या राशि का स्वामी भी बुध ग्रह है। बुध के शुभ प्रभाव में जातक बुद्धिमान बनता है और उसके द्वारा लिए गए सभी निर्णय सही साबित होते हैं। कन्या राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सबसे ज्यादा लाभ होता है। छह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से संतान प्राप्ति होते है।
यह रुद्राक्ष बुद्धि को तीव्र करता है शरीर के रोगों को भी दूर करने में भी सहायक सिद्ध होता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से वाणी में मिठास और दूसरों को अपना बनाने की कला विकसित होती है।
वेदों और धार्मिक ग्रंथो के अध्यन में भी सफलता प्राप्त होती है। शिवमहापुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को लम्बे समय तक धारण करने से और भगवान शिव के बीज मंत्रो का पाठ करने से जीव हत्या के पाप से भी मुक्ति मिल सकती है।
तुला राशि का छह मुखी रुद्राक्ष
तुला राशि के लोग हर निर्णय से पूर्व बहुत सोच-विचार करते हैं। इस राशि का स्वामी शुक्र है जोकि जीवन में भौतिक सुख प्रदान करते हैं। तुला राशि के जातकों को छह मुखी रुद्राक्ष और गणेश रुद्राक्ष पहनने से सर्वसुख की प्राप्ति होगी।
छह मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव पुत्र कार्तिकेय का स्वरुप माना गया है। शिव महापुराण अनुसार इस रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने और नियमित पूजा करने से ब्रह्म हत्या के पाप से सभी मुक्ति मिल सकती है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि का विकास होने के साथ – साथ नेतृत्व करने की क्षमता भी विकसित होती है इस रुद्राक्ष को विधिवत पूजन कर धारण करने से भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिसके फलस्वरूप जीवन में आने वाले सभी कष्ट स्वतः ही दूर होने लगते है। इस रुद्राक्ष के प्रधान देव शुक्र देव को माना गया है।
वृश्चिक राशि का तीन मुखी रुद्राक्ष
वृश्चिक राशि के लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं। इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह है जोकि बहुत आक्रामक माना जाता है लेकिन इस राशि के लोगों के स्वभाव में आक्रामकता कम ही देखने को मिलती है।
वृश्चिक राशि के लोगों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि देव का स्वरुप माना गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से स्त्री हत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है।
नीरस बन चुके जीवन में फिर से नई उमंग जगाने के साथ -साथ तीन मुखी रुद्राक्ष पेट से संबधित होने वाली सभी बिमारियों के लिए भी बहुत लाभदायक है।
धनु राशि का पंच मुखी रुद्राक्ष
धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है। इस राशि के लोग साहसी और उग्र स्वभाव के होते हैं। जीवन की विपत्तियों को टालने के लिए धनु राशि के जातकों को पंच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
पंच मुखी रुद्राक्ष को सर्वगुण संपन्न कहा गया है। यह भगवान शिव का सबसे प्रिय रुद्राक्ष है। इसे सभी रुद्राक्षो में सबसे अधिक शुभ और पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है इसका अधिपति गृह बृहस्पति है।
इसलिए बृहस्पति गृह के प्रतिकूल होने के कारण आने वाली समस्याएं इस रुद्राक्ष के धारण करने से स्वतः दूर हो जाती है। पांच मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से जीवन में सुख -शांति और प्रसद्धि प्राप्त होती है।
पंच मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि के नाम से विख्यात है पंचमुखी रुद्राक्ष में पंचदेवों का निवास माना गया है पंचमुखी रुद्राक्ष के धारण करने से रक्तचाप और मधुमेह सामान्य रहता है। पेट के रोगों में भी यह रुद्राक्ष लाभ पहुंचाता है मन में आने वाले गलत विचारो को नियंत्रित कर मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है।
मकर राशि का सात मुखी रुद्राक्ष
मकर राशि का स्वामी शनि देव हैं और कहते हैं कि जिस पर शनि देव की कृपा हो जाए उसके वारे न्यारे हो जाते हैं अर्थात् उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।
मकर राशि के जातकों को अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सात मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। सात मुखी रुद्राक्ष सप्त ऋषियों का प्रतिनिधित्त्व करता है। माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति पर हमेशा बनी रहती है।
घर में धन की वृद्धि होती है सात मुखी रुद्राक्ष पर शनिदेव का प्रभाव माना गया है। इसलिए इसको धारण करने पर शनिदेव प्रसन्न होकर अपनी विशेष कृपा बनाये रखते है। सप्तमुखी होने के कारण यह रुद्राक्ष शरीर में सप्धातुओं की रक्षा करता है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
कुंभ राशि का सात मुखी रुद्राक्ष
कुंभ राशि पर भी शनि देव की कृपा बरसती है। कुंभ राशि के लोग बहुत ऊंचे और बड़े सपने देखते हैं लेकिन ये उन सपनों को पूरा करने का दम भी रखते हैं।
इस राशि के जातकों के लिए सात मुखी रुद्राक्ष बहुत फायदेमंद रहता है। सात मुखी रुद्राक्ष सप्त ऋषियों का प्रतिनिधित्त्व करता है माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति पर हमेशा बनी रहती है घर में धन की वृद्धि होती है।
सात मुखी रुद्राक्ष पर शनिदेव का प्रभाव माना गया है। इसलिए इसको धारण करने पर शनिदेव प्रसन्न होकर अपनी विशेष कृपा बनाये रखते है। सप्त मुखी होने के कारण यह रुद्राक्ष शरीर में सप्धातुओं की रक्षा करता है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। जो व्यक्ति मानसिक बीमारी या जोड़ो के दर्द से परेशान है उन्हें इस रुद्राक्ष को अवश्य धारण करना चाहिए।
मीन राशि का पंच मुखी रुद्राक्ष
मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है। इस राशि के जातकों का स्वास्थ्य अकसर खराब रहता है। मीन राशि के जातकों को पंच मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए। पंच मुखी रुद्राक्ष को सर्वगुण संपन्न कहा गया है।
यह भगवान शिव का सबसे प्रिय रुद्राक्ष है। इसे सभी रुद्राक्षो में सबसे अधिक शुभ और पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है इसका अधिपति गृह बृहस्पति है। इसलिए बृहस्पति गृह के प्रतिकूल होने के कारण आने वाली समस्याएं इस रुद्राक्ष के धारण करने से स्वतः दूर हो जाती है। पांच मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से जीवन में सुख – शांति और प्रसद्धि प्राप्त होती है।
पंच मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि के नाम से विख्यात है पंच मुखी रुद्राक्ष में पंचदेवों का निवास माना गया है। पंचमुखी रुद्राक्ष के धारण करने से रक्तचाप और मधुमेह सामान्य रहता है पेट के रोगों में भी यह रुद्राक्ष लाभ पहुंचाता है। मन में आने वाले गलत विचारो को नियंत्रित कर मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है।
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