Table of Contents
शुक्र गृह के कारण हो रहे अनिष्ट को रोकने हेतु सरल शांति उपाय
१. श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त और कवच का जाप अत्यंत लाभकारी है।
२. विलम्ब विवाह में अभिमंत्रिक मोहिनी कवच धारण करें तथा या कामदेव मंत्र का जप कल्याणकारी होते है।
३. शुक्र मन्त्र का जप, स्तोत्र, कवच शतनाम के सहित करके (आचार्य शंकर कृत ) सौंदर्य लहरी का काम से काम एक श्लोक पढ़ना चाहिए।
४. पत्नी सुख एवं चारों तरफ वर्चस्व बढ़ाने के लिए, धन एवं व्यापार की वृद्धि हेतु जरकिन युक्त शुक्र यंत्र लॉकेट अपने गले में धारण करें।
५. इक्कीस शुक्रवार तक श्वेत वस्तुओं का दान करें।
६. शुक्रवार का व्रत ५, ११ या ४३ हफ़्तों तक लगातार करें।
७. घी, दही, कपूर, अदरक आदि का दान करें या बहते जल में प्रवाहित करें।
८. हीरा पहने , हीरे के अभाव में सच्चा मोती पहने।
९. स्त्री का कहना माने, स्त्री की सेवा करें या स्त्री से झगडा न करें।
१०. शुक्र उच्च का हो तो शुक्र की चीज़ों का दान न दें और शुक्र नीच का हो तो शुक्र की चीज़ो का दान न लें।
११. प्रतिदिन सम्पुटित श्रीसूक्त का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।
१२. फटी हुई या जाली हुई पोषक धारण न करें। पोशाक सदैव ठीक रखें।
१३. बछड़े वाली गाय का दान या सेवा करें। यह ध्यान रहे गाय अंगहीन न हो।
१४. आम लोगों की सेवा करें। सप्ताह या माह में अतिथियों को भोजन कराएं।
१५. कपड़ों पर इत्र या सेंट लगाएं शरीर पर क्रीम पाउडर लगाएं।
१६. प्रत्येक शुक्रवार घी, तिल, जौ आदि से यज्ञ करें।
१७. शुक्र पीड़ा की विशेष शांति हेतु मैनसिल, कुमकुम और कटहल मिला कर सात शुक्रवार तक स्नान करें।
१८. शुक्र शांति का सर्वोत्तम उपाय दुर्गासप्तशती क विदिवत पारायण है। शुक्र मारकेश होने पर शतचंडी अनुष्ठान स्वाश्या कराना चाहिए। इससे शुक्र कृत समस्त अरिष्ट दूर हो जाते हैं।