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तुलसी माता की आरती – Tulsi Mata ki Aarti
तुलसी आरती – देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु के जागते ही उनके शालिग्राम स्वरूप का विवाह तुलसी जी से कराया जाता है। तुलसी जी की पूरे विधि विधान से देव उठनी एकादशी के दिन पूजा की जाती है। जिसमें तुलसी आरती (tulsi ji ki aarti जय जय तुलसी माता) जरूरी है।
तुलसी जी की आरती
तुलसी आरती – Tulsi ji ki aarti
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगो के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।…
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