Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

तुलसी विवाह 2023 – जाने तुलसी विवाह कथा और तुलसी विवाह कब है

Uncategorized, आरती

तुलसी विवाह 2023 – तुलसी विवाह 2023 date and time

आज आपको तुलसी विवाह की कहानी, तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त कब है और तुलसी विवाह कैसे करें, के साथ माँ वृंदा यानि तुलसी माता व श्रीहरी की कथा के बारे में बताएँगे। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन या देवउठनी एकादशी या देव प्रबोधनी के दिन तुलसी विवाह का पर्व आयोजित किया जाता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह शालिग्राम के साथ किया जाता है जिसके साथ माता वृंदा की कथा जुड़ी हुई है।


तुलसी विवाह कथा | Tulsi Vivah Katha

तुलसी (पौध) की उत्पत्ति कैसे व क्यों हुई इसका एक दृष्टांत पौराणिक कथा में आता है। पौराणिक कथानुसार एक बार दैत्यराज जालंधर के साथ भगवान विष्णु को युद्ध करना पड़ा। काफी दिन तक चले संघर्ष में भगवान के सभी प्रयासों के बाद भी जालंधर परास्त नहीं हुआ।
अपनी इस विफलता पर श्री हरि ने विचार किया कि यह दैत्य आखिर मारा क्यों नहीं जा रहा है। तब पता चला की दैत्यराज की रूपवती पत्नी वृंदा का तप-बल ही उसकी मृत्यु में अवरोधक बना हुआ है। जब तक उसके तप-बल का क्षय नहीं होगा तब तक राक्षस को परास्त नहीं किया जा सकता।

इस कारण भगवान ने जालंधर का रूप धारण किया व तपस्विनी वृंदा की तपस्या के साथ ही उसके सतीत्व को भी भंग कर दिया। इस कार्य में प्रभु ने छल व कपट दोनों का प्रयोग किया। इसके बाद हुए युद्ध में उन्होंने जालंधर का वध कर युद्ध में विजय पाई। पर जब वृंदा को भगवान के छलपूर्वक अपने तप व सतीत्व को समाप्त करने का पता चला तो वह अत्यंत क्रोधित हुई व श्रीहरि को श्राप दिया कि तुम पत्थर के हो जाओ। इस श्राप को प्रभु ने स्वीकार किया पर साथ ही उनके मन में वृंदा के प्रति अनुराग उत्पन्न हो गया।

तब उन्होंने उससे कहा कि वृंदा तुम वृक्ष बन कर मुझे छाया प्रदान करना। वही वृंदा तुलसी रूप में पृथ्वी पर उत्पन्न हुई व भगवान शालिग्राम बने। इस प्रकार कार्तिक शुक्ल एकादशी को तुलसी-शालिग्राम का प्रादुर्भाव हुआ। देवउठनी से छह महीने तक देवताओं का दिन प्रारंभ हो जाता है। अतः तुलसी का भगवान श्री हरि विष्णु शालीग्राम स्वरूप के साथ प्रतीकात्मक विवाह कर श्रद्धालु उन्हें वैकुंठ को विदा करते हैं।

एक मान्यता के अनुसार माता वृंदा ने इसके अलावा भगवान विष्णु को एक श्राप और दिया था। उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार उन्होंने अपनी भक्त के साथ छल किया है और पति वियोग दिया है ठीक उसी प्रकार उन्हें मृत्यु लोक में जन्म लेना पड़ेगा। उनकी पत्नी का भी सतिव्रत धर्म भंग होगा और उन्हें भी पत्नी का वियोग सहना पड़ेगा।

इसी श्राप के फलस्वरूप भगवान विष्णु के सातवें रूप भगवान श्रीराम की पत्नी माता सीता का पापी रावण के द्वारा हरण हुआ था। उसके पश्चात उन्हें माता सीता का वियोग भी सहना पड़ा था। हालाँकि इस घटना का कारण महर्षि भृगु के द्वारा भगवान विष्णु को दिए गए श्राप से भी जोड़ा जाता है।

तुलसी विवाह
तुलसी विवाह

यह ही पढ़े –


तुलसी विवाह FAQ

प्रश्न – तुलसी विवाह कब है | Tulsi Vivah Kab Hai

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी देव उठनी एकादशी को तुलसी विवाह होता है. इस साल तुलसी विवाह का पर्व 24 नवम्बर दिन शुक्रवार को होगा.

प्रश्न – तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त कब है ? | तुलसी विवाह 2023 date and time

हिंदू पंचांग के अनुसार देवउठनी एकादशी तिथि 24 नवम्बर दिन शुक्रवार को शाम 07 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 25 नवंबर 2023 को शाम 06 बजकर 10 मिनट पर होगा। व्रत 04 नवंबर शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

देवउठनी एकादशी व्रत पारण समय: 25 नवम्बर दिन को सुबह 06 बजकर 35 मिनट से सुबह 08 बजकर 47 मिनट तक।

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:42 से दोपहर 12:26 तक। ‍श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का मुहूर्त।
विजय मुहूर्त: दोपहर 01:54 से 02:38 तक।

tulsi vivah kab hai, tulsi vivah 2023, tulsi vivah date 2023, when is tulsi vivah 2023, ekadashi tulsi vivah 2023, tulsi vivah decoration, tulsi vivah ki katha, तुलसी विवाह कब है, तुलसी विवाह 2023, तुलसी विवाह, तुलसी विवाह कब है, तुलसी विवाह 2023, तुलसी विवाह की कहानी, तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त कब है, तुलसी विवाह कैसे किया जाता है, तुलसी विवाह कथा, तुलसी विवाह 2023, तुलसी विवाह गीत, तुलसी विवाह की कहानी, तुलसी विवाह विधि, तुलसी विवाह एवं देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह कथा इन हिंदी

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00