Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

शुक्ल यजुर्वेद के उपनिषद के अंतर्गत आने वाले उपनिषद

Uncategorized

शुक्ल यजुर्वेद के उपनिषद

इशावास्योपनिषद

यजुर्वेद सहिंता के चालीसवें अध्याय को ईशावास्योपनिषद कहा जाता है। यह अत्यंत प्राचीन पद्यात्मक उपनिषद है। इस उपनिषद में त्यागपूर्ण भोग, कर्म की महत्ता, विद्या-अविद्या का संबंध एवं परमात्मा का स्वरूप वर्णित है। इस पर सायन, अव्वट, महीधर एवं शंकराचार्य के भाष्य उपलब्ध है।

वृह्दारन्याकोप्निषद

शतपथ ब्रह्मण के अंतिम ६ अध्याय बृहदारण्यक उपनिषद कहलाते है। यह विशालकाय गद्यात्मक उपनिषद है। इसमें तीन कांड है- मधुकांड, मुनिकांड एवं खिलकांड। प्रत्येक कांड में २-२ अध्याय है।

इसमें अश्वमेध यज्ञ, आत्मा की व्यापकता, मधुविद्या, ब्रह्म, प्रजापति, गायत्री आदि के विषय में विचार किया गया है। इस उपनिषद में याज्ञवल्क्य-मैत्रेयी का प्रसिद्द संवाद भी है। इस उपनिषद के प्रमुख ऋषि याज्ञवल्क्य है जीने अपने युग का श्रेष्ठ तत्वज्ञानी माना जाता है। इस पर शंकराचार्य का भाष्य उपलब्ध होता है।

इसके अतिरिक्त निम्न उपनिषद भी शुक्ल यजुर्वेद के अन्तर्गत आते है

अध्यात्मोपनिषद • आद्यैतारक उपनिषद • भिक्षुकोपनिषद • हंसोपनिषद • जाबालोपनिषद • मंडल ब्राह्मण उपनिषद • मन्त्रिकोपनिषद • मुक्तिका उपनिषद • निरालम्बोपनिषद • पैंगलोपनिषद • परमहंसोपनिषद • सत्यायनी उपनिषद • सुबालोपनिषद • तारासार उपनिषद • त्रिशिखिब्राह्मणोपनिषद • तुरीयातीतोपनिषद • अद्वयतारकोपनिषद • याज्ञवल्क्योपनिषद • शाट्यायनीयोपनिषद • शिवसंकल्पोपनिषद

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00