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जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मेष लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Aries/Mesh

योगों की क्रमबद्ध श्रृंखला को जारी रखते हुए अब हम बुद्धादित्य योग पर चर्चा आरम्भ करने जा रहे हैं । यह योग बुद्ध और आदित्य ( सूर्य ) के संयोग से बनता है । जिस जातक की जन्मपत्री में यह योग होता है वह बुद्ध या सूर्य या दोनों की महादशा में अवश्य उन्नति करता … Continue reading

Gaslighting side effects | दुष्प्रभाव

Gaslighting side effects | दुष्प्रभाव

कोई व्यक्ति लम्बे समय तक गैसलाइटिंग का शिकार होता है। तब उसके दुष्प्रभाव (Gaslighting side effects) उसके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर दिखाई देने लगते है।  अक्सर पीड़ित व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को लेकर ही भ्रमित रहने लगता है। उसके लिए मुश्किल हो जाता है ये समझना कि वो जीवन में स्वयं भी कोई निर्णय ले पायेगा […]

Gaslighting symptoms and precautions

Gaslighting symptoms and precautions

जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ रिश्ते में होते हैं, जिसे आप अपने आप से भी अधिक प्रेम करते हैं, तो आखिरी चीज जिसकी आप उम्मीद करते हैं, वह है भी आपको आपके समान ही प्रेम करे।  कई बार आप अपने इस प्रेम में इतने डूब जाते है, कि अपने साथी को पूरी तरह […]

Debate on Syadvada | स्यादवाद दोष परिहार

Debate on Syadvada | स्यादवाद दोष परिहार

स्याद्गाद का क्‍या अर्थ है व उसका दर्शन के क्षेत्र में कितना महत्त्व है, यह दर्शाने के लिये इस पर आने वाले कुछ आरोपों का निराकरण (Debate on Syadvada) करना चाहते हैं। स्याद्वाद के वास्तविक अर्थ से अपरिचित बड़े-बड़े दार्शनिक भी मिथ्या आरोप लगाने से नहीं चूकते है। उन्होंने अज्ञानवश ऐसा किया या जानकर, यह […]

Debrief the Syadvada Theory | स्यादवाद

Debrief the Syadvada Theory | स्यादवाद

जैन परंपरा में स्याद्वाद (Syadvada) अथवा अनेकांतवाद (Many-Sidedness) का प्रमुख स्थान है। यदि कहा जाये की जैन धर्म के मूल सिद्धांतो का उदय अनेकांतवाद के गर्भ से ही हुआ है, तो किंचित भी अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक वास्तु में अनंत गुण धर्म समाहित होते है। उसका अच्छा या बुरा, सत अथवा […]

One-Sidedness Vs Many-sidedness

One-Sidedness Vs Many-sidedness

कई अर्थो में यह सही भी है, किन्तु अनेकांतवाद को एकान्तवाद का मात्र विपरीत शब्द (One-Sidedness Vs Many-sidedness) मान लेना पूर्ण रूप से सही नहीं है। स्याद्वाद और अनेकांतवाद को एक दूसरे का पर्याय भी माना जाता है। एकान्तवाद किसी एक दृष्टि का ही समर्थन करता है। यह हमेशा दो विरोधी रूपों में दिखाई देता […]

Nature of karma | कर्म की प्रकृति

Nature of karma | कर्म की प्रकृति

कर्म का रूप लेने वाले भौतिक कण हो सकते हैं। इन्हे उनकी प्रकृति (Nature of karma) के अनुसार, समयावधि परिणाम की तीव्रता और मात्रा के चार कोणों से देखा जाता है। कर्म परमाणु की प्रकृति और मात्रा, मन और भाषण की गतिविधियों पर निर्भर करते हैं। वही अवधि की लंबाई और परिणाम की तीव्रता धैर्य […]

Jain philosophy of karma | कर्म-सिद्धांत

Jain philosophy of karma | कर्म-सिद्धांत

भारतीय अध्यात्म और धार्मिक परम्पराओ में कर्म का सिद्धांत अत्यंत सुद्र्ण रूप में स्थापित है। यदपि भारत में ईश्वरवाद को मानने वाले ईश्वर द्वारा भाग्य निर्धारित करने के साथ साथ कर्म को भी सामानांतर मानते है। कर्मवाद जैन दर्शन के मूल सिद्धांतो (Jain philosophy of karma) में है, क्योकि जब जैन तीर्थंकरो ने ईश्वर के […]

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

मेष लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Aries/Mesh

यदि आप हमारे पिछले आर्टिकल से नहीं गुजरे तो आपको बताते चलें की पांच गृह ऐसे हैं जो पंचमहापुरुष योग ( Panchmahapurush yoga ) का निर्माण करते हैं । मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर यह योग बनता है । शर्त … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

वृष लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Taurus/Vrish

बुद्ध व् सूर्य के योगकारक होकर किसी शुभ भाव में युति को बुध आदित्य योग कहा जाता है । वृष लग्न की कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव के स्वामी होकर एक सम गृह बनते हैं वहीँ बुद्ध दुसरे व् पांचवें भाव के स्वामी होने की वजह से एक कारक गृह बनते हैं । वृष लग्न … Continue reading

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वृष लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Taurus/Vrish

जैसा की हमारे पाठक जानते ही हैं की पांच गृह पंचमहापुरुष योग का निर्माण करते हैं । मंगल, बुद्ध, गुरु, शनि व् शुक्र पांच ग्रहों में से किसी एक भी गृह के केंद्र में स्थित होने पर पंचमहापुरुष योग का निर्माण होता है । जांच का विषय है की पंचमहापुरुष योग का निर्माण करने वाला … Continue reading

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कर्क लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Cancer/Kark

कर्क लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग Budhaditya yoga in Cancer सूर्यबुद्ध की किसी शुभ भाव में युति से बनता है बुद्धादित्य राजयोग । यह योग बनाने के लिए दोनों ग्रहों का शुभ होना आवश्यक होता है । दोनों ग्रहों में से एक भी गृह अकारक हो तो ऐसी स्थिति में यह योग बना हुआ … Continue reading

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सिंह लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Leo/Singh

सिंह लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga in Leo अब तक आप जान ही चुके हैं की सूर्यबुद्ध की किसी शुभ भाव में युति से बुद्धादित्य राजयोग का निर्माण होता है । यह योग बनाने के लिए दोनों ग्रहों का शुभ भावों में होना और बुद्ध का अस्त द्वितीय भाव न होना … Continue reading

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सिंह लग्न की कुंडली में पंचमहापुरुष योग – Panchmahapurush yoga Consideration in Leo/Singh

जैसा की आप सभी जानते ही हैं की हमारी चर्चा विभिन्न लग्नकुंडलियों में पंचमहापुरुष योग के बारे में जारी है । इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आज हम जानेंगे की सिंह लग्न की कुंडली में कौन कौन से पंचमहापुरुष योग बनते हैं । आपको बताते चलें की सूर्य, चंद्र, राहु व् केतु ये चार … Continue reading

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कन्या लग्न की कुंडली में बुद्धादित्य योग – Budhaditya yoga Consideration in Virgo/kanya

कन्या लग्न की कुंडली में प्रथम भाव में बुद्धादित्य योग Budhaditya yoga in Virgo जब सूर्य बुद्ध कारक होकर कुंडली के किसी शुभ भाव में युति बना लें और बुद्ध अस्त न हों तो बुद्धादित्य राजयोग का निर्माण होता है । यह योग बनाने के लिए दोनों ग्रहों का शुभ भावों में होना अनिवार्य कहा … Continue reading

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