भारत की रहस्यमयी एवं अनोखी जगहों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाने वाली जगाओं में अगला नाम आता है, कुलधरा (Kuldhara) का।
घोस्ट टाउन या गांव, महल, किले के खंडहरों से बहुत अलग आकर्षण रखते हैं। ज्यादातर इसलिए, क्योंकि वे हमें उन आम लोगों के जीवन में झांकने का मौका देते हैं, जो कभी उनमें रहते थे।
रेगिस्तानी क्षेत्र होने के कारण, राजस्थान में भूतों के गाँवों की कहानियों की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनमें से कुछ को भानगढ़ (Bhangarh fort) एवं कुलधरा जितना महत्व नहीं मिल पाया है।
कुलधरा राजस्थान में जैसलमेर के पास का एक गांव है, जो अपनी सिर्फ एक रात में सभी निवासियों द्वारा छोड़े जाने की कहानी के लिए प्रसिद्ध है।
यदि आप राजस्थान में जैसलमेर के पास हों और कुलधरा न जाएँ ऐसा कभी नहीं हो सकता है, इसका मुख्य कारण इस जगह से जुड़ी कहानियां हैं।
मिट्टी के घरों, संकरी गलियों, बलुआ पत्थर की दीवारों तथा एक मंदिर सीधी कतारों वाली धूल भरी सड़कें किसी दुखद अतीत की जीवित गवाही के रूप में खड़ी हैं।
गाँव के पूर्व में काकनी नामक एक सूखी नदी है, कुलधरा के खंडहरों से गुजरते हुए, समय के साथ यहाँ हुई तबाही के मंज़र हर तरफ दिखाई देते है।
वर्तमान में कुलधरा गांव एक प्राचीन स्थल है। रहस्य एवं लोक कथाओं प्रसिद्ध यह गांव खंडहर में बदल चुका है।
जो कुछ बचा है, वह पूरी तरह निराशा की स्थिति में है। विभिन्न खुले घर हैं, जिसमें मानवीय प्रतिष्ठानों या गतिविधियों का कोई संकेत नहीं दिखता है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) द्वारा इसका रखरखाव किया जाता है।
एक परित्यक्त गाँव के एक आगंतुक के रूप में आने वालों के मन में उसके अतीत के बारे में उत्सुक होना स्वाभाविक है, कि कैसे ग्रामीण बिना किसी निशान के गायब हो गए।
टूर गाइड पर्यटकों की जिज्ञासा से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं ,तथा वही निवासियों के लापता होने से जुड़े मिथकों एवं किंवदंतियों की व्याख्या करते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह जगह आज तक शापित और प्रेतवाधित है।
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Kuldhara curse story | कुलधरा के अभिशाप की कहानी
कुलधरा की सुनसान, संकरी तथा प्राचीन गलियां मिथकों, डरावनी लोक कथाओं एवं भूतों, पारलौकिक गतिविधियों की कहानियों का मुख्य स्रोत हैं।
गांव की वर्तमान स्थिति के पीछे की असली कहानी जानने की उत्सुकता सब के हृदय में बनी हुई है। अलग-अलग कहानियों द्वारा लोग इसके पीछे के सत्य को जानने का प्रयास आज भी कर रहे हैं।
कुछ लोगों का कहना है, कि यहाँ के पूर्व निवासियों की अतृप्त आत्माएँ अभी भी पूरे गाँव में घूमती हैं। जबकि अन्य लोगों का कहना है, कि यहां की जमीन के नीचे सोने का खजाना दबा है।
भूतों की कहानियाँ केवल स्थानीय लोगों द्वारा आगंतुकों को दूर रखने के लिए फैलाई जाती हैं, ताकि कहीं यहाँ का सोना कोई लूट न ले जाये ।
अन्य किंवदंतियों के अनुसार पानी की कमी या भूकंप की वजह से निवासियों को दूर गांव से दूर जाना पड़ा। ऐसी बहुत सारी कहानियां इस विषय में कही एवं सुनाई जाती है।
Famous story | प्रसिद्ध कथा
जैसलमेर से 17 किमी पश्चिम में स्थित कुलधरा गांव के वीरान होने को लेकर बहुत सारे मिथक एवं कहानियां प्रचलित है।
जो सबसे प्रसिद्ध कहानी है, उसके अनुसार लगभग 300 साल पहले यह जैसलमेर राज्य के तहत पालीवाल ब्राह्मणों का एक समृद्ध गांव हुआ करता था।
कहानी के अनुसार आज से 200 साल पहले जैसलमेर में एक मंत्री हुआ करता था, जिसका नाम सलीम सिंह था। उसकी क्रूरता एवं निरंकुशता के किस्से दूर-दूर तक मशहूर थे।
कुलधरा गाँव के लोग केवल एक व्यक्ति से डरते थे, वह जैसलमेर के दीवान सलीम सिंह था। वह दानव तुल्य तथा अत्यंत विशाल एवं क्रूर था। उसके द्वारा लगाए गए प्रत्येक कर का भुगतान हर व्यक्ति को करना पड़ता था।
एक दिन जब दीवान कर लेने के लिए अपने गांवों के दौरे पर निकला एवं कुलधरा पहुंचा तो उनकी नज़र गाँव के मुखिया की खूबसूरत बेटी पर पड़ी।
दुष्ट दीवान को मुखिया की लड़की से प्यार हो गया तथा उसने घोषणा की, “मैं इस लड़की से शादी करने जा रहा हूँ। अगर कोई मुझे रोकता है, तो मैं पूरे समुदाय पर और अधिक कर लगाऊंगा।
उसने खुलेआम लोगों के सामने अपने इरादे व्यक्त करते हुए घोषणा करी कि वो दुसरे दिन आकर मुखिया की लड़की को अपने साथ ले जायेगा।
इस घोषणा से कुलधरा के ग्रामीण बहुत डर गए थे। खासकर मुखिया एवं उसकी खूबसूरत बेटी। वे नहीं चाहते थे, कि लड़की की शादी किसी ऐसे व्यक्ति से हो जो अत्यंत क्रूर स्वभाव का हो।
मुखिया एवं समस्त ग्रामीण यह अच्छी तरह समझ चुके थे, कि उनको शीघ्र ही कोई निर्णय लेना होगा अन्यथा मुखिया एवं समस्त ग्रामीणों को सलीम सिंह के अत्याचारों को झेलना पड़ेगा।
इसलिए मुखिया ने फैसला किया, कि कुलधरा तथा उसके आसपास के 84 गांवों से पूरा पालीवाल समुदाय पलायन कर जाए।
उसने अपने गुप्तचरों को सभी को सूचित करने के लिए भेजा तथा उसी रात सभी ग्रामीणों ने दुष्ट दीवान को कोसते हुए अपनी जन्म भूमि छोड़ दी।
अगले दिन जब दीवान सलीम सिंह लड़की को लेने आया, लेकिन गांव खाली पाया तो वह पूरी तरह अचंभित रह गया । एक रात में इतने ग्रामीण कैसे गायब हो गए यह आज भी रहस्य बना हुआ है।
कुलधरा के लोगों में दुखी मन से अपने घर खेत छोड़ने से पहले उस जगह और दीवान को श्राप दिया, कि उनके वहां से जाने के बाद उस जगह पर कोई दूसरा कभी बस नहीं पायेगा।
उस दिन से लेकर आज तक कुलधरा वैसा ही बंजर एवं उजाड़ पड़ा है, जैसा उन लोगों ने उसको छोड़ा था। किसी दुसरे ने अगर वहां बसने का प्रयास किया तो वो हादसों का शिकार हुए।
कहा जाता है, यदि कोई भी व्यक्ति रात को कुलधरा में रुकने का प्रयास करता है तो उसके साथ अनहोनी घटनाएं होती है, जिसके कारण वो वहां रुक नहीं पाते।
लोगों द्वारा अचानक गांव छोड़ जाने के पीछे एक कारन यह भी है, कि सलीम सिंह ने करों को इस हद तक बढ़ा दिया कि स्थानीय समुदाय के लिए गाँव में जीवित रहना अव्यावहारिक हो गया।
जिसके कारण उन्होंने हरियाली वाले चरागाहों की ओर पलायन करने का फैसला किया। हालांकि लोग पिछली कहानी को पसंद करते हैं; आखिर कौन नहीं चाहता कि उनकी कहानियों में रोमांस तथा रहस्य बना रहे।
ऐसे ही भारत के एक और अद्भुत स्थान शांगरिला ( Shangri-La) के रहस्यों के बारे में पढ़े। कहा जाता है, चीन ने इसी स्थान को पाने के लिए भारत पर हमला किया था।
Topology of kuldhara | कुलधरा के आसपास की जगह
जैसलमेर की ओर वापस आते समय, जब आप दाएं मुड़ते हैं, तो कुलधरा के खंडहर दिखाई देने से पहले कुछ किलोमीटर के बीच में एक सीधी धूल भरी सड़क नज़र आती है।
यह स्थान एक संरक्षित स्मारक है, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपने संरक्षण में ले रखा है। इसी विभाग द्वारा इसका रखरखाव भी किया जाता है।
गांव के अंदर जाने के लिए आपको टिकट लेना पड़ता है जिसकी व्यवस्था भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की जाती है।
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Creepy feeling in Kuldhara village | गांव का माहौल
कुलधरा की सड़को पर गुज़रते हुए आपको अत्यंत डरावना अनुभव होता है वहां की शांति अपने भीतर अजीब सी हलचल को समेटे महसूस होती है।
सड़क के किनारे बने टूटे फूटे वीरान जर्जर घर आपको उस समय की शानो -शौकत तथा लोगों की सुख समृद्धि का एहसास करते नज़र आते हैं।
पूरे गांव में सूनापन, बंजर ज़मीन एवं माहौल में उस दौरान पलायन करने वाले लोगों की मनोदशा एवं डर का अनुभव आपको बहुत अच्छी तरह हो सकता है।
गांव में घूमते हुए आप एक ऐसी जगह पहुंचते हो जो गांव के बीच में है। आपको दाहिनी ओर एक बहुत अच्छी हालत में एक घर दिखता है। आपको इसके अंदर कमरों से तथा सीढ़ियों से या छत से पूरा गांव दिखाई देता है।
गाँव में एक मंदिर भी है, जो शायद सालों से उपयोग में नहीं है, इसके पास से एक गली वहाँ की मुख्य सड़क के समानांतर जाती है।
जब आप खंडहर में थोड़ा और आगे बढ़ते है, तो आप उन ढहती दीवारों से घिर जाते हैं, जो सदियों से ऐसे ही खड़ी हैं।
अकेले चलते हुए आप महसूस कर सकते उन लोगों के भीतर की हलचल को जो सदियों पहले चले गए। आपको अचानक अपने भीतर उनके दर्द का एहसास आपकी गर्दन में एक चुभन का एहसास करा जाता है।
कुलधरा एक ऐसी सुनसान जगह है, जहां एक उदास नज़र के साथ जब कोई उन दुर्भाग्यपूर्ण लोगों के बारे में सोचता है जो अपने पूर्वजों की भूमि छोड़ने के लिए मजबूर हो जाते हैं, तो मन में दुख होता है।
हालाँकि, यह स्थान स्वयं किंवदंतियों के अलावा और उन कहानियों के आधार पर हमारी अपनी धारणा के लिए किसी भी कारण से डरावना नहीं लगता है। हालांकि हवा में उदासी है, उम्मीद है, कि इसमें कुछ भी शापित नहीं है।
भारतीय समाज के इतिहास, विकास, भाषाओ, विविधताओं और उससे विभिन्न कलाओ पर पड़ने वाले प्रभाव को विस्तृत रूप से जानने के लिए भारतीय संस्कृति (Indian culture) पर जाये।
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