Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

ओ जगदम्बे अर्ज सुन अम्बे ध्याऊं में भूजलम्बे लिरिक्स | O Jagdambe Arj Sun Ambe Dhyaau Mein Bhujalambhe Lyrics

(दोहा – सैल सुता, नव – वेद पुराण में,
ध्यान धरयां दुःख को हरती हों…
जब भगतन में भीड़ पड़े,
तब अष्ठ भुजा बल से भरती हों…
लाल ध्वजा, सिर छत्र बिराजत,
सिंघ चढ़ी वन में फिरती हों….
मेरी बेल उबेल भई,
जगदम्ब बिलंब कहां करती हों।)

तर्ज – ओ फिरकी वाली, तू कल फिर आना

ओ जगदम्बे अर्ज सुन अम्बे,
ध्याऊं में भूजलम्बे…
रखो मां सिर पै हाथ यै,
मैया सुणले म्हारै मनडे़ री बात ये…
जगदम्बे…….

गाँव सुवाप घर सासरो साठिका,
धाम बणायौं देशाणै…
महिमा अपरम्पार भवानी,
थाने सारों जग जाणैं…
दुनिया आवै… धोक लगावै,
हिल मिल दर गुण गावै…
दर्शण दिज्यो… ढाढाणीं सुध लिज्यो,
सदांई रिज्यो साथ यै…
ओ मैया सुणले…

करणी म्हारी, लीला निराळीं,
खोजत सब ऋषि मुनि हारे…
आदि अनादी सगत भवानी,
रूप अनेक मां हैं थारे…
कोई ना जाणें… माया थारी,
सेठा री दुलारी….
हो सकळाई… दसों दिशा छाई…
हे जग में बिख्यात है..
ओ मइयां सुणले…

आप बिना नहीं और आसरो,
याद राखो मां किन्याणी,
अर्जी सुन ले, मन की करदे,
संकल घर री हृदयाणीं,
किरपा किरज्यो… कारज सरज्यो,
दुखड़ा हर महाराणी…
ओळम थारो… जन्मां रो थे सुधारो,
बरसा री बिगड़ी बात ये,
ओ मइयाँ सुणले…

मिषण पर मां महर राख्जौ,
अम्बे रखियों सिर पाणी….
अहसनाद कर जोड़ खड़ा तेरे,
अम्बे सुणजौ रखवाणीं….
सहाए करो मां… सुख में दुःख में,
हैलो सुण किन्याणी…
ओ गुण गाऊं…भगती रो वर पाऊं,
मनाऊं दिन रात मैं…
ओ मइया सुणले….

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00