Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

परमा एकादशी 2022 – जानिए परम एकादशी व्रत की पूजा विधि और पौराणिक कथा

Uncategorized

परमा एकादशी – Parama Ekadashi 2019

परमा एकादशी (Parama Ekadashi hindi) जिसे पुरुषोत्तम एकादशी (Purushottami Ekadashi) भी कहते हैं अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। प्रत्येक वर्ष 24 एकादशियां आती हैं। मलमास में इनकी संख्या 24 से बढ़कर 26 हो जाती है। साल 2019 में परम एकादशी मंगलवार, 12 सितंबर को है। आइये जानते हैं परमा एकादशी की व्रत कथा, पूजा विधि व महत्व के बारे में।

परमा एकादशी का महत्व

वैसे तो प्रत्येक एकादशी व्रत जीवन में सुख-समृद्धि की कामना व मोक्ष प्राप्ति के लिये किया जाता है। लेकिन अधिक मास में व्रत-उपवास, दान-पुण्य करने का महत्व अधिक ही होता है। क्योंकि इस मास में पुरुषोत्तम भगवान की विशेष कृपा होती है। जो जातक अपनी लाइफ में धन के अभाव से झूझ रहे हैं। लाइफ में गरीबी के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं। जो मृत्योपरांत मोक्ष की कामना रखते हैं उनके लिये परमा एकादशी का उपवास बहुत महत्वपूर्ण है।

परमा एकादशी की पौराणिक कथा

परमा एकादशी की पौराणिक कथा भगवान श्री कृष्ण युद्धिष्ठिर को सुनाते हुए कहते हैं कि अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी जहां पद्मिनी एकादशी होती है वहीं कृष्ण पक्ष की एकादशी परमा या पुरुषोत्तम एकादशी कहलाती है। हे युधिष्ठिर मैं तुम्हें इस एकादशी का माहात्म्य कहती एक कथा सुनाता हूं इसे ध्यान से सुनें।

एक समय में काम्पिल्य नामक नगरी होती थी। उस नगरी में सुमेधा नाम के एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहते थे। दोनों बहुत ही नेक, बहुत ही धर्मपरायण थे। अपने सामर्थ्य के अनुसार अतिथियों की आवभगत भी करते थे। लेकिन धन के अभाव के कारण कई बार उन्हें अपनी निर्धनता का दु:ख भी होता था। एक दिन सुमेधा ने अपनी पत्नी के सामने प्रस्ताव रखा कि वह धन कमाने के लिये परदेश जाना चाहता है। इस गरीबी में तो गुजारा करने में बहुत दिक्कत है। पत्नी ने जवाब दिया कि हम अपने मार्ग पर अडिग हैं। किसी का बूरा नहीं करते, भगवान की भक्ति करते हैं।

इसके बावजूद भी हमारे साथ ऐसा हो रहा है तो इसमें जरूर भगवान की कुछ मर्जी छिपी होगी। हो सकता है यह हमारे पूर्वजन्मों का फल हो। इसलिये कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है भगवान जो करेंगें वह भली ही करेंगें। अपनी पत्नी के विश्वास भरे इन शब्दों को सुनकर सुमेधा ने परदेश जाने का विचार त्याग दिया और वैसे ही जीवन चलने लगा। एक दिन क्या हुआ कि कौण्डिल्य ऋषि उधर से गुजर रहे थे तो ब्राह्मण दंपति के यहां विश्राम के लिये रूक गये।

अपने सामर्थ्य के अनुसार दोनों ने ऋषि की सेवा की। उनके सेवा भाव को देखकर ऋषि प्रसन्न हुए। सुमेधा ने ऋषि से कहा महाराज हमारे पास एक स्वच्छ मन और नि:स्वार्थ सेवा भाव के अलावा कुछ नहीं है। हमें अपनी गरीबी के कारण कई बार बड़ी असमर्थता का अहसास होता है। इस स्थिति में परिवर्तन लाने का कोई उपाय बताएं।

हे युधिष्ठिर तब महर्षि कौण्डिल्य कहते हैं कि हे विप्रवर मल मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जो कि परमा एकादशी होती है यदि विधिनुसार अपनी पत्नी के साथ इस एकादशी को उपवास रखें तो आपके दिन भी बदल सकते हैं। ऋषि के बताये अनुसार ही दोनों ने उपवास रखा। जिसके बाद सच में दोनों के दिन बदल गये। इतना ही नहीं सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करने के पश्चात उन्होंने विष्णु लोक में गमन किया।

तो हे युधिष्ठिर यह एकादशी बहुत ही खास है। इससे दरिद्र से भी दरिद्र के दिन फिर जाते हैं।

परमा एकादशी व्रत व पूजा विधि

एकादशी व्रत में जिन नियमों का पालन किया जाता है परमा एकादशी में उन नियमों की पालना तो की ही जाती है साथ ही परमा एकादशी का उपवास पांच दिनों तक रखने का विधान भी है। इस व्रत का पालन कठिन बताया जाता है। एकादशी के दिन स्नानादि के पश्चात स्वच्छ होकर भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष बैठकर हाथ में जल व फूल ले संकल्प लिया जाता है। भगवान विष्णू का पूजन किया जाता है। पांच दिनों तक व्रत का पालन किया जाता है। पांचवे दिन ब्राह्मण भोज करवाने व उन्हें दान-दक्षिणा देकर विदा करने के पश्चात व्रत का पारण करने चाहिए। हालांकि सामर्थ्य के अनुसार आप इस उपवास का पारण द्वादशी के दिन भी कर सकते हैं।

परमा एकादशी व्रत तिथि व मुहूर्त 2019

परमा एकादशी तिथि 12  सितंबर ,मंगलवार

पारण का समय – 05:28 से 08:13

एकादशी तिथि आरंभ – 12:58

एकादशी तिथि समाप्त – 11:54

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00