Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्राकट्य और जीवन की कथामृत सार

Uncategorized

श्री राधा और कृष्ण जी के बारे में ऐसा कौन होगा जिसने कभी सुना नही होगा। सभी जानते है की राधा और कृष्ण एक दूसरे से प्रेम करते थे। और इतना प्रेम करते थे की कृष्ण जी शरीर हैं राधा रानी आत्मा हैं। जैसे सूर्य और प्रकाश। जैसे चन्द्रमा और चकोर। कृष्ण गीत हैं तो राधा संगीत हैं, कृष्ण वंशी हैं तो राधा स्वर हैं, कृष्ण समुद्र हैं तो राधा तरंग हैं, कृष्ण पुष्प हैं तो राधा उस पुष्प कि सुगंध हैं। राधा जी कृष्ण जी कि ह्लादिनी शक्ति हैं। वह दोनों एक दूसरे से अलग हैं ही नहीं। ठीक वैसे जैसे शिव और हरि एक ही हैं। राधा और कृष्ण जी का नाम आज भी साथ में लिया जाता है। क्योंकि इनका प्रेम संसार की तरह लौकिक नही था बल्कि अलोकिक था। इनका प्रेम दिव्य था। जहाँ कामना और वासना का नामो निशान नही है।

राधा और कृष्ण जी का नाम आज भी साथ में लिया जाता है। क्योंकि इनका प्रेम संसार की तरह लौकिक नही था बल्कि अलोकिक था। इनका प्रेम दिव्य था। जहाँ कामना और वासना का नामो निशान नही है।

राधा कृष्ण की प्रथम मुलाकात और प्रेम का प्राकट्य

दोनों ने एक दूसरे के मन की बात जान ली। दोनों ने आँखों ही आँखों में प्रेम-प्यार की बात कह डाली। राधा कृष्ण का प्रेम आँखों से देखा जा सकता है। फिर कृष्ण ने राधा जी से कहा कभी हमारे घर नन्द बाबा के घर, ब्रजगांव में भी खेलने आओ ना।

और हाँ तुम दरवाजे पर आकर मुझे बुला लेना, कान्हा मेरा नाम है, और अगर तुम ये कहती हो की मेरा घर दूर है तो कोई बात नहीं, तुम मन से एक बार पुकारना, मैं बोलते ही तुम्हारी पुकार सुन लूंगा।

यह भी जरूर पढ़े – राधाकृष्णा वंदना

राधा! तुम्हे वृषभानु(राधा जी के पिताजी) जी की सौगंध है, सुबह या शाम को एक बार चक्कर जरूर लगा लेना। तुम बिलकुल ही सीधी साधी और भोली भली हो(कहीं रस्ते में तुम्हे कोई बहला फुसला ना ले। इसलिए मैं तुम्हारा साथ करना चाहता हूँ।

श्री कृष्ण और राधा रानी के कुछ तथ्य

देवी राधा को पुराणों में श्री कृष्ण की शश्वत जीवनसंगिनी बताया गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि राधा और कृष्ण का प्रेम इस लोक का नहीं बल्कि पारलौक है। सृष्टि के आरंभ से और सृष्टि के अंत होने के बाद भी दोनों नित्य गोलोक में वास करते हैं।

लेकिन लौकिक जगत में श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम मानवी रुप में था और इस रुप में इनके मिलन और प्रेम की शुरुआत की बड़ी ही रोचक कथा है। एक कथा के अनुसार देवी राधा और श्री कृष्ण की पहली मुलाकात उस समय हुई थी जब देवी राधा ग्यारह माह की थी और भगवान श्री कृष्ण सिर्फ एक दिन के थे। मौका था श्री कृष्ण का जन्मोत्सव।

यह भी जरूर पढ़े –  हरे कृष्णा महामंत्र – हरिनाम से ही होगा कलियुग में उद्धार …

मान्यता है कि देवी राधा भगवान श्री कृष्ण से ग्यारह माह बड़े थे और कृष्ण के जन्मोत्सव पर अपनी माता कीर्ति के साथ नंदगांव आए थे जहां श्री कृष्ण पालने में झूल रहे थे और राधा माता की गोद में थी।

भगवान श्री कृष्ण और देवी राधा की दूसरी मुलाकात लौकिक न होकर अलौकिक थी। इस संदर्भ में गर्ग संहिता में एक कथा मिलती है। यह उस समय की बात है जब भगवान श्री कृष्ण नन्हे बालक थे। उन दिनों एक बार एक बार नंदराय जी बालक श्री कृष्ण को लेकर भांडीर वन से गुजर रहे थे।

यह भी जरूर पढ़े – राधा-कृष्ण विवाह


उसे समय आचानक एक ज्योति प्रकट हुई जो देवी राधा के रुप में दृश्य हो गई। देवी राधा के दर्शन पाकर नंदराय जी आनंदित हो गए। राधा ने कहा कि श्री कृष्ण को उन्हें सौंप दें, नंदराय जी ने श्री कृष्ण को राधा जी की गोद में दे दिया।

श्री कृष्ण बाल रूप त्यागकर किशोर बन गए। तभी ब्रह्मा जी भी वहां उपस्थित हुए। ब्रह्मा जी ने कृष्ण का विवाह राधा से करवा दिया। कुछ समय तक कृष्ण राधा के संग इसी वन में रहे। फिर देवी राधा ने कृष्ण को उनके बाल रूप में नंदराय जी को सौंप दिया।

राधा कृष्ण की लौकिक मुलाकात और प्रेम की शुरुआत संकेत नामक स्थान से माना जाता है। नंद गांव से चार मील की दूरी पर बसा है बरसाना गांव। बरसाना को राधा जी की जन्मस्थली माना जाता है। नंदगांव और बरसाना के बीच में एक गांव है जो ‘संकेत’ कहलाता है।

यह भी जरूर पढ़े – राधा षोडशनाम स्तोत्रम्

इस स्थान के विषय में मान्यता है कि यहीं पर पहली पर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी का लौकिक मिलन हुआ था। हर साल राधाष्टमी यानी भाद्र शुक्ल अष्टमी से चतुर्दशी तिथि तक यहां मेला लगता है और राधा कृष्ण के प्रेम को याद कर भक्तगण आनंदित होते हैं।

इस स्थान का नाम संकेत क्यों हुआ इस विषय में कथा है जब श्री कृष्ण और राधा के पृथ्वी पर प्रकट होने का समय आया तब एक स्थान निश्चित हुआ जहां दोनों का मिलना तय हुआ। मिलन का स्थान संकेतिक था इसलिए यह संकेत कहलाया।

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
0 items - 0.00