Loading...

299 Big Street, Govindpur, India

Open daily 10:00 AM to 10:00 PM

श्री राम चालीसा – Shri Ram Chalisa Lyrics in Hindi

Uncategorized, चालीसा

श्री राम चालीसा – Ram Chalisa

Shri Ram Chalisa  – हिन्दू धर्म में भगवान राम को बहुत ही पूजनीय माना जाता है (Ram Chalisa in Hindi) भगवान श्री राम विष्णु जी के सातवे अवतार थे (Ram Chalisa) जीवन के भवसागर से पार पाने के लिए हर मनुष्य को प्रतिदिन राम चालीसा  (Ram Chalisa Lyrics) और हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

श्री राम चालीसा – Shri Ram Chalisa Mp3 Download

|| चौपाई ||

श्री रघुवीर भक्त हितकारी. सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी.

निशि दिन ध्यान ध्यान धरै जो कोई. ता सम भक्त और नहिं होई.

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं. ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं.

जय जय जय रघुनाथ कृपाला. सदा करो सन्तन प्रतिपाला.

दूत तुम्हार वीर हनुमाना. जासु प्राभाव तिहूँ पुर जाना.

तव भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला. रावण मारि सुरन प्रतिपाला.

तुम अनाथ के नाथ गोसाई. दीनन के हो सदा सहाई.

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं. सदा ईश तुम्हरो यश गावैं.

चारिउ वेद भरत हैं साखी. तुम भक्तन की लाज राखी.

गुण गावत शारद मन माहीं. सुरपति ताको पार न पाहीं.

नाम तुम्हार लेत जो कोई. ता सम धन्य और नहिं होई.

राम नाम है अपरम्पारा. चारिहु वेदन जाहि पुकारा.

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों. तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हौ.

शेष रटत नित नाम तुम्हारा. महि को भार शीश पर धारा.

फ़ूल समान रहत सो भारा. पाव न कोउ तुम्हारो पारा.

भरत नाम जो तुम्हरो उर धारो. तासों कबहु न रण में हारो.

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा. सुमिरत होत शत्रु कर नाशा.

लक्ष्मन तुम्हारे आज्ञाकारी. सदा करत सन्तन रखवारी.

ताते रण जीते नहीं कोई. युद्ध जुरे यहहूं किन होई.

महालक्ष्मी घर अवतारा. सब विधि करत पाप को छारा.

सीता नाम पुनीता गायो. भुवनेश्वरी प्रभाव दिखयो.

घट सों प्रकट भई सो आई. जाको देखत चन्द्र लजाई.

सो तुम्हरे नित पाँव पलोटत. नवों निद्धि चरणन में लोटत.

सिद्धि अठारह मंगलकारी. सो तुम पर जावै बलिहारी.

औरहु जो अनेक प्रभुताई. सो सीतापति तुमहिं बनाई.

इच्छा ते कोटिन संसारा. रचत न लागत पल की वारा.

जो तुम्हारे चरणन चित्त लावै. ताको मुक्ति अवसि हो जावै.

जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरुपा. निर्गुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा.

सत्य सत्य सत्यव्रत स्वामी. सत्य सनातन अन्तर्यामी.

सत्य भजन तुम्हरो जो गावै. सो निश्चय चारों फ़ल पावै.

सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं. तुमने भक्तिहिं सब सिद्धि दीन्हीं.

सुनहु रामतुम तात हमारे. तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे.

तुमहिं देव कुल देव हमारे. तुम गुरु देव प्राण प्यारे

जो कुछ हो सो तुम ही राजा. जय जय जय प्रभु राखो लाजा

राम आत्मा पोषण हारे. जय जय जय दशरथ के दुलारे

ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरुपा. नमो नमो जय जय जगपति भूपा

धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा. नाम तुम्हार हरत संतापा

सत्य शुद्ध देवन मुख गाया. बजी दुन्दुभी शंख बजाया

सत्य सत्य तुम सत्य सनातन. तुमही हो हमारे तन मन धन

याको पाठ करे जो कोई. ज्ञान प्रकट ताके उर होई

आवागमन मिटै तिहि केरा. सत्य वचन माने शिव मेरा

और आस मन में जो होई. मनवांछित फ़ल पावे सोई

तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावैं. तुलसी दल अरु फ़ूल चढ़ावै

साग पत्र सो भोग लगावैं. सो नर सकल सिद्धाता पावैं

अन्त समय रघुवर पुर जाई. जहां जन्म हरि भक्त कहाई

श्री हरिदास कहै अरु गावै. सो बैकुण्ठ धाम को जावै

॥ दोहा ॥

सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय ।

हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय ॥

राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय ।

जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्घ हो जाय ॥

|| इति श्री राम चालीसा समाप्त ||

यह भी पढ़े – 

Written by

Your Astrology Guru

Discover the cosmic insights and celestial guidance at YourAstrologyGuru.com, where the stars align to illuminate your path. Dive into personalized horoscopes, expert astrological readings, and a community passionate about unlocking the mysteries of the zodiac. Connect with Your Astrology Guru and navigate life's journey with the wisdom of the stars.

Leave a Comment

Item added to cart.
1 item - 45,600.00