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अश्विनी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Ashwini Nakshatra Vedic Astrology

अश्विनी नक्षत्र – Ashwini Nakshatra नक्षत्रों के महत्व को समझते हुए हमने ( jyotishhindi.in ) ये निर्णय लिया है की नक्षत्रों से सम्बन्धित जितनी भी जानकारी हमारे पास है, आपके साथ शेयर की जाए । आशा है आपका स्नेह हम पर बना रहेगा । नक्षत्रों सम्बन्धी कोई जानकारी यदि आप हमसे सांझा करना चाहते है … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

सिंह लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Leo/Singh

सिंह लग्न की कुंडली में चंद्र द्वादशेश होकर एक अकारक गृह बनते हैं । मंगल चौथे और नवें भाव के स्वामी हैं, इस लग्न कुंडली में एक अति योग कारक गृह हैं । इस प्रकार चंद्र अपनी दशाओं में अशुभ और मंगल शुभ फल प्रदान करने के लिए बाध्य हैं । सिंह लग्न की कुंडली … Continue reading

Tulsi Vivah | तुलसी एवं शालिग्राम विवाह

Tulsi Vivah | तुलसी एवं शालिग्राम विवाह

वैसे तो संसार की सभी सभ्यताओं में प्रकृति को पूजनीय माना जाता है, किंतु भारत में विशेष रूप से हिंदू धर्म में पौधों एवं पेड़ों को पवित्र देवी देवता का दर्जा दिया जाता है।  इन्हीं में से एक है तुलसी का पौधा जो न केवल अपने औषधीय गुणों के कारण महत्वपूर्ण स्थान रखता है, अपितु […]

Know about Jainism | जैन धर्म

Know about Jainism | जैन धर्म

भारतवर्ष की संस्कृति एवं विरासत की नींव के मुख्य आधार यहाँ के अलग-अलग धर्म एवं जातियां हैं। जिस प्रकार से भारत में आपको सभी धर्म आपस में घुले-मिले मिलेंगे वैसा संसार में कहीं नहीं है। भारत के प्रमुख एवं प्राचीन धर्मों में सबसे ऊपर आने वाला धर्म है जैन धर्म (Jainism)। जैन धर्म की शिक्षाएं एवं […]

Teerthankar Mahaveer Swami | महावीर

Teerthankar Mahaveer Swami | महावीर

पार्श्वनाथ और महावीर एक ही सांस्कृतिक परम्परा के प्रचारक-उपदेशक थे, यह वात आज निर्विवाद रूप से सिद्ध हो छुकी है । इस बात को प्रमाण मान लेने पर यह स्वतः सिद्ध हो जाता है कि जैन-परम्परा के प्रवर्तक महावीर से भी पहले विद्यमान थे। हम इतना ही निश्चित तौर पर कह सकते है कि महावीर […]

Lord Vardhman Mahavir Biography part 2

Lord Vardhman Mahavir Biography part 2

पछले भाग में हमने महावीर स्वामी के जन्म से लेकर सन्यास और उनके कठोर तप के बारे में जाना। यह भी जाना इस बीच उन्होंने जीव दया के व्रत का सम्पूर्ण आत्मा से पालन किया। यहाँ हम वर्धमान महावीर की कथा (Vardhman Mahavir Biography part 2) के द्वितीय भाग में उनके केवल्य ज्ञान की प्राप्ति, […]

24 Teerthankar Introduction

24 Teerthankar Introduction

जैन धर्म के अनुसार प्रत्येक काल चक्र में अवसर्पिणी के सुषमा-दुषमा नामक तीसरे काल के अन्त में और उत्सर्पिणी के दुषमा-सुषमा नामक चौथे काल के प्रारंभ में जब यह सृष्टि भोगयुग से कर्मयुग में प्रविष्ट होती है, तब तीर्थंकर उत्पन्न होते हैं। इनके अलावा 2 चक्रवर्ती, 9 बलरभद्र, 9 नारायण, 9 प्रति नारायण मिल्राकर 63 […]

Philosophy behind Teerthankar | तीर्थंकर

Philosophy behind Teerthankar | तीर्थंकर

आध्यात्मिक साधना कर जीवन को परम पवित्र और मुक्त बनाया जा सकता है। सारांश यह है कि तीर्थकरत्व के गौरव से युक्त वे महापुरूष होते हैं, जो समस्त विकारों पर विजय पाकर जिनत्व को प्राप्त कर लेते हैं। जो कैवल्य प्राप्त कर निर्वाण के अधिकारी बनते हैं। तीर्थकर (Teerthankar) अपनी इसी सामर्थ्य के साथ जगत्‌ […]

24 Teerthankar | चौबीस तीर्थंकर

24 Teerthankar | चौबीस तीर्थंकर

प्रत्येक उत्सर्पिणी और अवसर्पिणी काल में 24-24 तीर्थंकर (24 Teerthankar) होते हैं। भरत क्षेत्र में प्रत्येक अवसर्पिणी और उत्तसर्पिणी के कर्म-काल में 24-24 तीर्थकर होते हैं। वैसे तो अभी तक अनन्त काल (अवसर्पिणी व उत्सर्पिणी) बीत चुके हैं और इनमें अनन्त तीर्थंकर हो चुके हैं, फिर भी व्यवहार में भूत, वर्तमान व भविष्य-कालीन 24-24 तीर्थंकर […]

Doctrines of jainism | मूल जैन सिद्धांत

Doctrines of jainism | मूल जैन सिद्धांत

जैन धर्म की उत्पत्ति के साथ ही भारतीय धर्म दर्शन में शरीर एवं आत्मा के एक दुसरे से पूर्णता अलग होने के सिद्धांत की अवधारणा का जन्म हुआ।  जैन धर्म (Doctrines of jainism) मुख्यतः आपको अपनी सांसारिक एवं शारीरिक इच्छाओं पर पूरी तरह विजय प्राप्त करके मोक्ष प्राप्ति का मार्ग सुनिश्चित करना है।  ‘जैन’ शब्द […]

What is Gaslighting | गैसलाइटिंग

What is Gaslighting | गैसलाइटिंग

गैसलाइटिंग (Gaslighting) मनोवैज्ञानिक तरीके से हेरफेर का एक रूप है, जिसमें कोई एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के मन में आत्म-संदेह एवं  भ्रम उत्पन्न करने का प्रयास करता है। जिसके कारण उस व्यक्ति को यह महसूस होने लगता है कि उसके साथ जो कुछ भी हो रहा है वह सच नहीं है। बल्कि उसकी वास्तविकता कुछ […]

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

कन्या लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Virgo/Kanya

कन्या लग्न की कुंडली में चंद्र एकादशेश ( ग्यारहवें भाव के स्वामी ) हैं, साथ ही लग्नेश बुद्ध के शत्रु भी हैं । इसलिए एक अकारक गृह बनते हैं । मंगल तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जिस वजह से मंगल भी एक अकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही … Continue reading

भरणी नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Bharni Nakshatra Vedic Astrology

आज की हमारी चर्चा भरनी नक्षत्र पर केंद्रित होगी । भरनी नक्षत्र के स्वामी शुक्र हैं, नक्षत्र देव यम, राशि स्वामी मंगल, वर्ण वैश्य, गण मनुष्य, योनि गज, नाड़ी मध्य होती है । इस नक्षत्र से सम्बंधित वृक्ष आंवला है । आगे इन तथ्यों पर थोड़ा विस्तार से बात की जायेगी । यदि आपके कोई … Continue reading

जाने माला के प्रकार, माला जपने का सही तरीका, नियम और फायदे-By Your Astrology Guru

तुला लग्न की कुंडली में महालक्ष्मी योग – Mahalakshmi yoga Consideration in Libra/Tula

तुला लग्न की कुंडली में चंद्र दसवें भाव के स्वामी हैं । तुला लग्नं में एक सम गृह बनते हैं । मंगल दुसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं, इस वजह से मंगल एक अकारक गृह बने । इस प्रकार चंद्र व् मंगल दोनों ही अपनी दशाओं में जातक को अधिकतर अशुभ फल ही प्रदान … Continue reading

कृतिका नक्षत्र ज्योतिष रहस्य – Kritika Nakshatra Vedic Astrology

अभी तक हमने अश्विनी और भरनी नक्षत्र के बारे में जाना । आज की हमारी चर्चा कृतिका नक्षत्र पर केंद्रित होगी । यदि आपके कोई सवाल हैं अथवा आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट ( jyotishhindi.in ) पर विज़िट कर सकते हैं । आपके प्रश्नों के यथासंभव समाधान के लिए … Continue reading

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